मज़दूर यूनियन के नेताओं को हिरासत में लेने का पुराना वीडियो पहलगाम हमले से जोड़कर वायरल

भारत प्रशासित कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को पर्यटकों पर हुए घातक हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई थी. इससे जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी शेयर किया गया जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि पहलगाम हमलावरों के समर्थकों को कश्मीर में पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. हालांकि यह दावा गलत है. वीडियो जम्मू क्षेत्र में नवंबर 2024 में मज़दूर यूनियन नेताओं की गिरफ़्तारी का है. पहलगाम हमले से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है.

X पर एक यूज़र ने 24 अप्रैल 2025 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "ये कश्मीर के स्थानीय नेता हैं, जिन्हें आतंकवादियों का साथ देने के लिए पकड़ कर ले जाया जा रहा है."

वीडियो में पुलिसकर्मी दो व्यक्तियों को हिरासत में लेते नज़र आ रहे हैं.

मुस्लिम बहुल कश्मीर में बंदूकधारियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या पिछले 25 साल में आम लोगों पर सबसे बड़ा हमला है. इसको लेकर भारत ने पाकिस्तान पर "सीमा पार से आतंकवाद" को समर्थन देने का आरोप लगाया है (आर्काइव्ड लिंक).

भारतीय पुलिस ने पहलगाम हमले के तीन संदिग्धों के पोस्टर जारी किए हैं, इसमें दो पाकिस्तानी और एक भारतीय है. पुलिस का कहना है कि ये संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य हैं.

हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बालों द्वारा आरोपियों को पकड़ने के प्रयास में नौ घरों को गिराने और 2000 से अधिक लोगों को हिरासत में लेने की ख़बरों की बीच यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का 30 अप्रैल 2025 को लिया गया स्क्रीनशॉट

इसी दावे से यह वीडियो फ़ेसबुक और X पर शेयर किया गया है.

वीडियो के ऊपरी दाएं कोने में दिखाई देने वाला लोगो "जम्मू लिंक्स न्यूज़" को यूट्यूब पर सर्च करने पर 27 नवंबर 2024 को अपलोड किया गया समान फ़ुटेज मिला (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो का डिस्क्रिप्शन है, "जम्मू के कटरा में व्यापारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद दो मज़दूर यूनियन नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया, व्यापारी कटरा शहर से वैष्णो देवी के हिंदू मंदिर तक प्रस्तावित रोपवे लाइन का विरोध कर रहे थे."

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट (बाएं) और यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

स्थानीय मीडिया के अनुसार, भूपिंदर सिंह और सोहन चंद नामक व्यापारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद जम्मू के कटरा में गिरफ़्तार किया गया (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां ).  

रिपोर्ट्स में आगे बताया गया कि प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पुलिस पर पथराव हुआ जिससे प्रदर्शन हिंसक हो गया. दुकानदारों को डर था कि यह परियोजना -- जो तीर्थयात्रियों को केबल कार में कटरा शहर से वैष्णो देवी मंदिर तक ले जाएगी -- उनके व्यवसाय को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगी क्योंकि इससे उनके होटल्स और दुकानों पर यात्रियों की संख्या कम हो जाएगी.

भूपिंदर सिंह ने एएफ़पी को बताया कि उन्हें बिना पूर्व अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने के लिए गिरफ़्तार किया गया था.

उन्होंने 30 अप्रैल को बताया, "प्रदर्शन के दौरान कुल नौ लोगों को हिरासत में लिया गया था, वीडियो में मेरे साथ दिख रहा व्यक्ति सोहन चंद भी शामिल है. हम सभी को बाद में रिहा कर दिया गया था"

एएफ़पी ने पहलगाम हमले से संबंधित अन्य गलत सूचनाओं को यहां, यहां और यहां फ़ैक्ट चेक किया है.

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