कश्मीर में सेना द्वारा पकड़े गये पाकिस्तानी व्यक्ति का पुराना वीडियो पहलगाम हमले से जोड़कर वायरल

अप्रैल में कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए घातक हमले का आरोप भारत सरकार ने पाकिस्तान पर लगाया है जबकि वे इस आरोप को खारिज कर रहे हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो को गलत दावे से शेयर कर कहा जा रहा है कि हमले के एक आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उसने स्वीकार किया है कि उसे पाकिस्तान की खुफ़िया एजेंसी ने भेजा था. वास्तव में यह वीडियो 2022 से कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में प्रसारित किया गया है, और हाल में हुए हमले को अंजाम देने वाले संदिग्ध हमलावरों में से किसी को भी 30 अप्रैल तक पकड़ा नहीं गया है. 

फ़ेसबुक पर 27 अप्रैल, 2025 को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है, "नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह पहलगाम अटैक में पड़ा आतंकी क्या बोला ये जरूर सुने." 

वीडियो में अस्पताल के बिस्तर पर लेटे एक व्यक्ति का इंटरव्यू लिया जा रहा है और वह रिपोर्टर से कहता है कि उसका नाम तबारक हुसैन है, और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) एजेंसी ने उसे कश्मीर में हमले करने के लिए भेजा था.

यह वीडियो 22 अप्रैल को भारत प्रशासित कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए जानलेवा हमले के बाद  भारत - पाकिस्तान के बीच तेज़ी से बिगड़ते तनाव के बीच शेयर किया गया है (आर्काइव्ड लिंक).

इस हमले में 26 लोगों की हत्या कर दी गई, और इसका आरोप भारत ने पाकिस्तान पर लगाया है जबकि पाकिस्तान ने हमले में किसी भी भूमिका से इनकार किया है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, अप्रैल 30, 2025

इस क्लिप को फ़ेसबुक और X पर भी इसी तरह के दावे के साथ शेयर किया गया है.

लेकिन यह वीडियो अगस्त 2022 में न्यूज़ रिपोर्ट्स में प्रकाशित किया गया था और प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 अप्रैल तक हमलावरों में से किसी को भी नहीं पकड़ा जा सका है.

अधिकारियों ने तीन हमलावरों -- दो पाकिस्तानी और एक भारतीय -- के लिए वांछित पोस्टर जारी किए हैं जिनके बारे में उनका कहना है कि वे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा समूह के सदस्य हैं, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक नामित आतंकवादी संगठन है.

पुराना वीडियो

गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो में इंटरव्यू कर रहे पत्रकार के हाथ में न्यूज़ चैनल 'आज तक' का माइक देखा जा सकता है. कीवर्ड सर्च करने पर चैनल की वेबसाइट पर 25 अगस्त, 2022 को प्रकाशित उसी फ़ुटेज का एक लंबा वर्ज़न मिला (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट, जिसमें वीडियो प्रकाशित है, की हेडलाइन है, "हथियार, गोला बारूद और पाक करेंसी: J&K में बड़ी आतंकी साज़िश नाकामयाब".

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (दायें) और आज तक के वीडियो (बायें) के स्क्रीनशॉट की तुलना

इसी तरह की तस्वीरें और वीडियो अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी शेयर की हैं (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर में वास्तविक सीमा रेखा पर घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे एक व्यक्ति को सुरक्षा बलों ने गोली मारकर पकड़ लिया था. रिपोर्ट्स के अनुसार व्यक्ति ने कुबूल किया कि उसे पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ने भारतीय सेना के ठिकानों पर हमला करने के लिए भेजा था.

आगे रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ दिनों बाद उसकी हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई थी.

लेकिन पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए तबारक हुसैन को मानसिक रूप से पीड़ित बताया और भारतीय सेना पर उसकी "न्यायेतर हत्या" का आरोप लगाया (आर्काइव्ड लिंक).

बयान में कहा गया है कि हुसैन गलती से सीमा पार कर गया था, और यह आरोप कि उसे पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजा गया था, सिरे से बेबुनियाद है. 

एएफ़पी ने पहलगाम हमले से संबंधित अन्य फ़र्ज़ी दावों को यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.

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