
तोप से गोले दागते ग्रामीणों का पुराना वीडियो "पाकिस्तानी मिसाइल" के दावे से शेयर किया गया
- प्रकाशित 20 मई 2025, 17h22
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
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फ़ेसबुक पर मई 10, 2025 को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है, "ये पाकिस्तान की मिसाइल है जो हमारे देश में कहीं खेतों में जाकर गिरी है. यहां तो पाकिस्तान की मिसाइल में भी जान बाकी नहीं.. हिलाने डुलाने पर धुआं छोड़ दिया."
वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग पहाड़ी पर बैठे हैं और एक व्यक्ति एक लकड़ी की मदद से एक तोपनुमा उपकरण में आग लगाता है, जो तेज धमाके के साथ फटता है.
कैप्शन में आगे लिखा है, "पाकिस्तान की ऐसी मिसाइलें फिलहाल हम भारतीयों के बच्चों के लिए वही पटाखे वाला खेल हैं."

वीडियो को इसी तरह के दावे से फ़ेसबुक और X पर भी शेयर किया गया है.
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में "आतंकी ठिकानों" पर हमले किये जिसके बाद चार दिनों तक चले संघर्ष को 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्धविराम की घोषणा के साथ रोका गया; यह वीडियो उसके बाद शेयर किया गया (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
हालांकि गलत दावे से शेयर किया गया वीडियो मौजूदा संघर्ष से महीनों पहले, फ़रवरी में रिकॉर्ड किया गया था.
वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही क्लिप 11 फ़रवरी को इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई मिली (आर्काइवड लिंक).
वीडियो के कैप्शन में केवल एक शब्द लिखा है: "तोप".

इस यूज़र ने पहले भी इसी जगह से शूट किए गए अन्य वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड किए हैं.
राजस्थान के करौली ज़िले के बगदिया गांव के निवासी आशीष मीणा ने एएफ़पी से पुष्टि की कि यह वीडियो उन्होंने ही शूट किया था.
उन्होंने 14 मई को कहा, "यह हमारे गांव में रखी गई एक बहुत पुरानी तोप है जिसे हमने स्थानीय विधायक के जन्मदिन पर चलाया था."
मीणा ने बताया कि यह तोप गांववालों के लिए मनोरंजन का साधन है और "इसका हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है".
सपोटरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हंसराज मीणा ने भी अपने जन्मदिन समारोह के वीडियो 10 फ़रवरी को अपने फ़ेसबुक पेज पर शेयर किए थे (आर्काइव्ड लिंक).
एएफ़पी ने गूगल अर्थ की मदद से वीडियो की लोकेशन की पुष्टि की है. सैटेलाइट इमेज में वही पहाड़ी इलाका, खेत और रिहायशी इलाके के पीछे की पहाड़ी साफ़ दिखाई देते हैं (आर्काइव्ड लिंक).

भारत-पाकिस्तान संघर्ष से जुड़ी अन्य फ़र्ज़ी सूचनाओं को एएफ़पी ने यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.
