राहुल गांधी संग फ़ोटो लेता व्यक्ति जज नहीं, वकील है

लखनऊ में अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को ज़मानत मिलने के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया गया कि यह पीठासीन न्यायाधीश द्वारा सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के साथ ली गई सेल्फ़ी है. हालांकि यह दावा गलत है. गांधी के साथ तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति ने एएफ़पी को बताया कि वह जज नहीं बल्कि ज़िला एवं सिविल कोर्ट में वकील है. 

X पर एक यूज़र ने जुलाई 15, 2025 को तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, "लखनऊ कोर्ट में पेशी के दौरान पहले जज ने राहुल गांधी के साथ पहले सेल्फी ली फिर जमानत दी! भाजपा वाले पगलाए हुए हैं बेकार के केस करते रहते हैं." 

यह तस्वीर उस समय सामने आई जब लखनऊ की एक अदालत ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में ज़मानत दे दी.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस अख़बार के अनुसार यह मामला 2022 में गांधी की "भारत जोड़ो यात्रा" के दौरान भारतीय सैनिकों के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक बयान से संबंधित है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां). 

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गलत दावे की पोस्ट का जुलाई 20, 2025 को लिया गया स्क्रीनशॉट, जिस पर एएफ़पी द्वारा एक लाल X साइन जोड़ा गया है

तस्वीर फ़ेसबुक पर यहां और यहां एवं X पर यहां और यहां शेयर की गई, जिनमें कुछ दावे राहुल गांधी के समर्थन में तो कुछ जज के पक्षपाती होने को लेकर किये गए. 

दावे को वास्तविक मानते हुए पोस्ट पर एक यूज़र ने कमेंट किया, "स्टार राहुल जी को माननीय जज ने भी ज़मानत दे दी है." 

एक अन्य ने लिखा: "जज साहब को उम्मीद होगी कि भविष्य में जब कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो वे राज्यसभा की सीट पक्की करने के लिए यही सेल्फ़ी दिखाएंगे."

लेकिन असल में यह तस्वीर किसी जज की नहीं, बल्कि एक वकील द्वारा ली गई सेल्फ़ी है. 

'मैं जज नहीं हूं'

स्थानीय मीडिया के अनुसार राहुल गांधी को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा ने ज़मानत दी थी (आर्काइव्ड लिंक).

हालांकि वायरल तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति अदालत की वेबसाइट पर मौजूद मजिस्ट्रेट की आधिकारिक तस्वीर से बिलकुल मेल नहीं खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट (बाएं) और न्यायालय की वेबसाइट पर मजिस्ट्रेट की तस्वीर के स्क्रीनशॉट की तुलना

गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर X पर 15 जुलाई की एक पोस्ट मिली जिसमें कहा गया था कि वायरल तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति असल में लखनऊ में प्रैक्टिस करने वाले वकील सैयद महमूद हसन हैं (आर्काइव्ड लिंक).

हसन ने 20 जुलाई को एएफ़पी को बताया, "मैं जज नहीं, बल्कि लखनऊ की ज़िला और सिविल कोर्ट में वकील हूं. मैं लखनऊ बार एसोसिएशन के सदस्य के रूप में पंजीकृत हूं." 

उन्होंने आगे कहा, "मेरा इस मामले से कोई सम्बन्ध नहीं था. मैं काम के सिलसिले में कोर्ट गया था और राहुल गांधी को अदालत में देखा तो मैंने उनके साथ एक सेल्फ़ी ली. एक क्लोज्ड व्हाट्सएप ग्रुप में मैंने यह तस्वीर शेयर की लेकिन किसी ने उसे वहीं से लीक कर दिया."

हसन लखनऊ बार एसोसिएशन के एक सक्रिय सदस्य के रूप में रजिस्टर्ड हैं (आर्काइव्ड लिंक). 

एएफ़पी ने पहले भी राहुल गांधी से जुड़े अन्य गलत दावों को यहां फ़ैक्ट चेक किया है.

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