रूस में भूकंप के बाद सूनामी के दावे से शेयर किया गया वीडियो साउथ अफ़्रीका से है

रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में जुलाई 30, 2025 को आये अब तक के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक ने प्रशांत महासागर के आसपास कई देशों में सूनामी के खतरे को बढ़ा दिया. मगर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया एक वीडियो, जिसमें समुद्र तट पर एक ज़बरदस्त तूफ़ानी लहर दिखाई दे रही है, दरअसल कई साल पहले दक्षिण अफ़्रीका के डरबन शहर में फ़िल्माया गया था न कि रूस के हालिया भूकंप के दौरान.

फ़ेसबुक पर 30 जुलाई को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है, "रूस में अब तक के सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक. रिक्टर स्केल पर 8.7 तीव्रता का झटका महसूस किया गया, भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है, जिससे तटीय इलाकों में हालात बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है. जान-माल के बड़े नुकसान की आशंका चलते राहत टीमें अलर्ट पर रखी गयी हैं."

क्षेत्रीय भूकंपीय निगरानी सेवा के अनुसार यह 1952 के बाद इस इलाके में दर्ज सबसे शक्तिशाली भूकंप था.

प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में लगभग 12 फीट ऊंची लहरें आने का अनुमान लगाया गया था, जिसकी वजह से जापान से लेकर अमेरिका और इक्वाडोर तक एक दर्जन से अधिक देशों ने तटीय इलाकों से अपने नागरिकों को निकाला.

बाद में हालात सामान्य होने पर लाखों लोगों को वापस घर लौटने की अनुमति दे दी गई.

स्थानीय मीडिया के अनुसार इस घटना में एकमात्र मौत की पुष्टि जापान में एक महिला की हुई.

गलत दावे की पोस्ट में जो वीडियो शेयर किया गया है, उसमें समुद्र की लहरें किनारे से टकरा रही हैं और लोग तटीय इलाके से भागते हुए दिखाई दे रहे हैं.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 1 अगस्त 2025, जिस पर एए़फ़पी द्वारा लाल X निशान जोड़ा गया है

वीडियो को इसी दावे से भारत, पाकिस्तान और फ़िलीपींस के यूज़र्स द्वारा भी शेयर किया गया है, लेकिन वीडियो रूस में आये भूकंप से संबंधित नहीं है.

वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह क्लिप मार्च 2017 में कई यूट्यूब पोस्ट्स में शेयर की हुई मिली. उन पोस्ट्स में कहा गया है कि यह वीडियो डरबन नामक शहर के समुद्र तट का है (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).

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गलत दावे की पोस्ट के क्लिप (बायें) और वास्तविक वीडियो के स्क्रीनशॉट के बीच तुलना

स्थानीय मीडिया आउटलेट्स eNCA और Southlands Sun ने रिपोर्ट किया था कि उस समय डरबन में ऊंची समुद्री लहरों के कारण कई बीच बंद कर दिए गए थे (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

इन न्यूज़ रिपोर्ट्स में दी गई जानकारी की मदद से, एएफ़पी ने वीडियो के स्थान की पुष्टि डरबन के एक बीच की गूगल मैप्स स्ट्रीट इमेजरी से तुलना कर के की.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी के बीच तुलना, जिसमें समानताओं को एएफ़पी द्वारा हाईलाइट किया गया है.

रूस में भूकंप से जुड़ी अन्य फ़र्जी सूचनाओं को एएफ़पी ने यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.

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