वेस्ट बैंक फ़ुटबॉल टीम के यूरोप टूर का वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

स्वीडन की माइग्रेशन एजेंसी ने कहा है कि उन्होंने 2024 में दर्जनों फ़िलिस्तीनियों को देश में शरण दी है मगर एक विमान के अंदर फ़िलीस्तीनी झंडे के रंग की टीशर्ट पहन कर बैठे कुछ लोगों का वीडियो, जिसे सोशल मीडिया पर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है, गाज़ा के शरणार्थियों से भरे विमान को नहीं दिखाता है. वीडियो दरअसल वेस्ट बैंक की एक फ़ुटबॉल टीम का है, जो स्वीडन और अन्य यूरोपीय देशों में खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने जा रही थी.

X पर जुलाई 15, 2025 को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है: "गाजा से स्वीडन की एक एनजीओ गाजा  के लोगों को स्वीडन लेकर जा रही है जिन्हें स्वीडन में बसाया जाएगा. मजे की बात यह की प्लेन में कोई भी गाजा की लड़की नहीं है."

पोस्ट में आगे लिखा है: "स्वीडन वालो को यह सोचना चाहिए कि यह जो युवक हैं फिर यह अपनी शादी  किससे करेंगे ? जाहिर सी बात है क्रिश्चियन स्वीडिश  लड़कियों को कन्वर्ट करके उनसे करेंगे. स्वीडन पहले से ही इस्लामिक दंगो से जूझ रहा है. कई शहरों में दंगे भड़क रहे हैं मगर फिर भी स्वीडन वालों को अकल नहीं आ रही."

वीडियो में फ़िलिस्तीनी झंडे के रंग वाली टी-शर्ट पहने युवा विमान में बैठे हैं.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 18 जुलाई 2025, जिसमें एएफ़पी द्वारा लाल X निशान जोड़ा गया है

गाज़ा में इज़राइल के सैन्य अभियान में अब तक 59,029 फ़िलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज़्यादातर आम नागरिक हैं -- यह जानकारी हमास-शासित क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है (आर्काइव्ड लिंक).

युवा फ़ुटबॉल टीम

स्वीडिश माइग्रेशन एजेंसी ने एएफ़पी को बताया कि वे यह पुष्टि नहीं कर सकते कि वीडियो में दिख रहे लोग वास्तव में स्वीडन में बसने वाले प्रवासी हैं या नहीं, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि स्वीडन के बाहर रहते हुए कोई भी व्यक्ति देश में शरण के लिए आवेदन नहीं कर सकता.

एजेंसी के प्रवक्ता ने जुलाई 29 को बताया, "स्वीडन आने से पहले शरण के लिए आवेदन करना संभव नहीं है. आपको स्वीडन में या स्वीडन की सीमा पर होना चाहिए. उसके बाद ही स्वीडिश माइग्रेशन एजेंसी आपके आवेदन की जांच करती है और या तो सुरक्षा देती है या अस्वीकार कर देती है."

क्लिप फ़ेसबुक और X पर इसी तरह के दावों के साथ शेयर किया गया, लेकिन असल में यह वेस्ट बैंक की एक फुटबॉल टीम का वीडियो है, जो स्वीडन में मैच खेलने जा रही थी.

वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया कि यह "रवाहेल चैरिटी" (Rawahel Charity) नाम की एक फ़िलिस्तीनी स्पोर्ट्स संस्था ने 11 जुलाई 2025 को टिकटॉक पर शेयर किया था (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो का अरबी भाषा में कैप्शन में है: "स्वीडन की ओर."

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गलत दावे की पोस्ट (बायें) और टिकटॉक वीडियो के स्क्रीनशॉट के बीच तुलना

रवाहेल चैरिटी ने एएफ़पी को बताया कि यह यात्रा केवल फ़ुटबॉल के लिए थी और उसके बाद वे वापस अपने घर लौट जाएंगे.

टीम के प्रवक्ता ने जुलाई 18, 2025 को बताया, "हम वेस्ट बैंक के तुलकरम शहर की एक फ़ुटबॉल टीम हैं. हमें पहले पेरिस में एक ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया था, फिर स्वीडन में दुनिया की सबसे बड़ी बच्चों की फ़ुटबॉल प्रतियोगिता 'गोथिया कप' में भाग लेने के लिए बुलाया गया. उसके बाद हम डेनमार्क में 'डाना कप' और फिर ओस्लो में 'नॉर्वे कप' में भाग लेने के लिए जाएंगे."

"ये टूर्नामेंट हमारे लिए नये नहीं हैं. पिछले साल भी हम इन्हीं टूर्नामेंटों में खेलने गए थे और अच्छे प्रदर्शन के बाद हमें इस बार फिर से बुलाया गया है. तब भी हम बिना किसी समस्या के वापस फ़िलिस्तीन लौट आए थे."

उनकी इस यात्रा की तस्वीरें और जानकारी उनके सोशल मीडिया प्रोफ़ाइलों और टूर्नामेंट आयोजकों की वेबसाइटों पर देखी जा सकती हैं. उदाहरण के लिए, 9 जुलाई को फ़ेसबुक पर पोस्ट की गई एक तस्वीर में खिलाड़ी पेरिस में एफ़िल टॉवर के सामने नज़र आते हैं (आर्काइव्ड लिंक).

मोहमद मोलाय, जो फ़्रांस के उत्तर क्षेत्र 'सेंटर-वैल-दि-लुआर' के एक क्षेत्रीय काउंसलर हैं, ने टीम के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की जब वे फ़्रांस में थे (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां).

इसके बाद टीम स्वीडन गई, जहां उन्होंने गोथिया कप के ग्रुप स्टेज के सभी मुकाबले जीत लिए, लेकिन नॉकआउट राउंड में हार गए. यह जानकारी टूर्नामेंट आयोजकों की वेबसाइट पर उपलब्ध है (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां).

फिर टीम डेनमार्क गई और डाना कप में सेमीफ़ाइनल तक पहुंची, लेकिन वहां मिनर्वा एकेडमी से हार गई. मिनर्वा ने मैच की एक तस्वीर भी शेयर की जिसमें फ़िलिस्तीनी टीम नज़र आ रही है (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां).

इसके बाद टीम ने नॉर्वे कप में भाग लिया, लेकिन वहां भी उन्हें नॉकआउट राउंड में मिनर्वा एकेडमी से हार का सामना करना पड़ा (आर्काइव्ड लिंक).

आयोजकों ने टीम के नॉर्वे पहुंचने का एक वीडियो भी शेयर किया है (आर्काइव्ड लिंक).

टीम ने 3 अगस्त को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें सभी खेल खत्म होने के बाद वे यूरोप को अलविदा कहते नज़र आ रहे हैं (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी ने पहले भी इज़रायल-गाजा युद्ध से जुड़ी फ़र्जी सूचनाओं का खंडन किया है.

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