
तेलंगाना का पुराना वीडियो बिहार का बताकर गलत दावे से शेयर किया गया
- प्रकाशित 3 सितम्बर 2025, 10h02
- 3 मिनट
- द्वारा Sachin BAGHEL, एफप भारत
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने अगस्त 20, 2025 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बिहार में लोग भाजपा को दौड़ा-दौड़ा कर वोट दे रहे हैं लठ बाजा बजा कर वोट दे रहे हैं घर-घर से वोट दे रहे हैं हर घर से वोट दे रहे हैं."
वीडियो में गुलाबी और भगवा गमछा लपेटे लोगों का गुट एक दूसरे से लड़ते दिखाई दे रहा है.

क्लिप फ़ेसबुक और X पर इसी दावे के साथ शेयर की गयी है.
बिहार में इस साल के अंत तक चुनाव होने की संभावना है, जहां विपक्षी कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल का गठबंधन, जनता दल यूनाइटेड (JDU) और बीजेपी की गठबंधन सरकार को चुनौती देगा (आर्काइव्ड लिंक).
कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग (ECI) "बड़े पैमाने पर वोट का अधिकार छीनने" की प्रक्रिया चला रहा है, क्योंकि आयोग ने राज्य के मतदाताओं को नागरिकता साबित करने के लिए केवल कुछ ही हफ़्ते का समय दिया है और इसके लिए ऐसे दस्तावेज़ मांगे गए हैं जो बहुत कम लोगों के पास हैं.
हालांकि चुनाव आयोग ने इस आरोप को "झूठा और भ्रामक" बताया है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने रिपोर्ट किया कि 29 अगस्त को बिहार में बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मारपीट हुई. लेकिन वायरल वीडियो असल में 2022 का है (आर्काइव्ड लिंक).
की-फ़्रेम्स की मदद से गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर इस वीडियो से मिलता जुलता एक क्लिप मिला जिसे टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने फ़रवरी 10, 2022 को प्रकाशित किया था (आर्काइव्ड लिंक).
रिपोर्ट में बताया गया कि यह क्लिप तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के सदस्यों का है -- जो उस समय राज्य में सत्ता में थी. वे मोदी की उस टिप्पणी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि 2014 में तेलंगाना राज्य बनाने वाला संसदीय विधेयक बिना बहस के पास किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).
बीजेपी और टीआरएस कार्यकर्ताओं में झड़प तब हुई जब टीआरएस कार्यकर्ताओं ने मोदी का पुतला जलाने की कोशिश की.

फ़रवरी 9, 2022 को प्रकशित एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में मिलते-जुलते दृश्य देखे जा सकते हैं (आर्काइव्ड लिंक).
गूगल मैप्स स्ट्रीट व्यू की तस्वीरों से भी यह पुष्टि हुई है कि यह वीडियो तेलंगाना के जनगांव ज़िले में फ़िल्माया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी ने पहले भी आगामी बिहार चुनाव से जुड़ी भ्रामक सूचनाओं को यहां और यहां फ़ैक्ट चेक किया है.
