सेना पर हमले का यह वीडियो नेपाल से नहीं, इंडोनेशिया से है

नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान संसद भवन को आग के हवाले कर दिया गया और प्रधानमंत्री को पद छोड़ना पड़ा. इसी से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया कि यह प्रदर्शनकारियों और नेपाल के सेना के बीच टकराव दिखाता है. लेकिन वास्तव में ये इंडोनेशिया के उत्तर सुमात्रा प्रांत की घटना है जहां आर्थिक तंगी को लेकर लोगों के गुस्से ने अगस्त में हिंसक प्रदर्शनों का रूप ले लिया था.

X पर एक यूज़र ने सितम्बर 10 को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "नेपाल में प्रदर्शन के दौरान सेना को इस तरह करना पड़ा बचाव, लेकिन फ़िर भी हमला करते रहे प्रदर्शनकारी!" 

वीडियो में देख सकते हैं कि प्रदर्शनकारी पत्थर और डंडों से शील्ड लिए सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर रहे हैं.

वीडियो के ऊपर लिखा है: नेपाल के बिगड़े हालात. 

नेपाल की राजधानी काठमांडू में 8 सितंबर को शुरू हुए ये प्रदर्शन सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ थे. आक्रोशित युवाओं के इस प्रदर्शन को "जेन ज़ी आंदोलन" कहा गया (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे की पोस्ट का सितम्बर 10, 2025 को लिया गया स्क्रीनशॉट, जिस पर एएफ़पी द्वारा एक लाल X साइन जोड़ा गया है

पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन पूरे देश में उग्र हो गए. प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में आग लगा दी और नेपाल के प्रधानमंत्री को इस्तीफ़ा देने पर मजबूर होना पड़ा. 

लेकिन 10 सितंबर को सेना ने काठमांडू पर दोबारा नियंत्रण कर कर्फ़्यू लागू कर दिया और प्रदर्शनकारियों ने नेताओं से बातचीत शुरू की. 

यह वीडियो X और फ़ेसबुक पर भी ऐसे ही दावों के साथ शेयर किया गया. 

इंडोनेशिया में विरोध प्रदर्शन

की-फ़्रेम्स की मदद से गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर इंडोनेशियाई मीडिया ट्रिब्यून मेदान द्वारा अगस्त 29, 2025 को प्रकाशित इसी वीडियो का एक लम्बा वर्ज़न मिला (आर्काइव्ड लिंक).

इंडोनेशियाई भाषा में लिखा कैप्शन है, "प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया और पत्थर फेंके." 

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गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और यूट्यूब वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

इंडोनेशिया में विरोध प्रदर्शन अगस्त के अंत में शुरू हुए जब सांसदों को दी जा रही महंगी सुविधाओं को लेकर जनता में गुस्सा भड़क गया. लेकिन स्थिति तब हिंसक हो गई जब देश की एलीट पैरा-मिलिट्री पुलिस यूनिट की एक टीम द्वारा 21 वर्षीय डिलीवरी ड्राइवर अफ़्फ़ान कुर्नियावन को कुचलने का वीडियो वायरल हो गया (आर्काइव्ड लिंक). 

इसके बाद प्रदर्शन जकार्ता से फैलकर अन्य बड़े शहरों तक पहुंच गए जिनमें जोगजकार्ता, बांडुंग, सेमारंग और सुराबाया (जावा में) और उत्तर सुमात्रा प्रांत का मेदान शामिल हैं. 

रिपोर्ट्स में कहा गया कि यह घटना उत्तर सुमात्रा की संसद कार्यालय के सामने एक उग्र प्रदर्शन के दौरान हुई. 

गूगल मैप्स के स्ट्रीट व्यू पर दिखने वाले पॉइंट्स -- जैसे बाड़ पर लगा आधिकारिक चिन्ह और पृष्ठभूमि में दिख रही इमारत -- उस स्थान से मेल खाती हैं, जो वायरल वीडियो में दिख रही हैं (आर्काइव्ड लिंक). 

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गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और उस क्षेत्र के गूगल स्ट्रीट व्यू के स्क्रीनशॉट की तुलना

सुरक्षाकर्मियों की ढाल पर  "Polisi" जिसका अर्थ इंडोनेशियाई भाषा में "Police" होता है, लिखा देखा जा सकता है. 

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एक्स वीडियो का स्क्रीनशॉट, जिसमें एएफ़पी द्वारा "Polisi" शब्द हाइलाइट किया गया है

एएफ़पी ने नेपाल में विरोध प्रदर्शनों से संबंधित अन्य गलत दावों को यहां फ़ैक्ट चेक किया है.

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