
घातक बाढ़ के वास्तविक फ़ुटेज के दावे से शेयर किए गए ये वीडियो AI जेनरेटेड हैं
- प्रकाशित 15 सितम्बर 2025, 14h58
- 4 मिनट
- द्वारा Akshita KUMARI, एफप भारत
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सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर अगस्त 28, 2025 को एक पोस्ट शेयर किया गया जिसका कैप्शन है, "भारी बारिश के कारण पंजाब का हाल."
14 सेकंड की इस क्लिप में बड़ी संख्या में भैंसें बाढ़ के पानी में डूबती-तैरती नज़र आ रही हैं; वीडियो के ऊपर लिखा है "पंजाब का हाल कुछ ऐसा है".

लगभग उसी समय फ़ेसबुक पर कम से कम तीन अन्य वीडियो भी शेयर हुए जिनमें पंजाब और भारत के बाकी राज्यों में बाढ़ के दृश्य दिखाने का दावा किया गया है.

पंजाब में अगस्त में आई बाढ़ में कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई और 2,50,000 से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए. राज्य के मुख्यमंत्री ने इसे "दशकों की सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक" बताया (आर्काइव्ड लिंक).
इसी तरह के गलत दावे से ये वीडियो फ़ेसबुक पर अन्य पोस्ट्स में भी शेयर की गईं, लेकिन वीडियो में दृश्य विसंगतियों से पता चलता है कि यह AI द्वारा बनाया गया है.
वीडियो के की-फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि यह वीडियो जुलाई 15, 2025 को "abdulwaheedpaak" नाम के एक TikTok पेज पर अपलोड किया गया था जिसने बाढ़ से संबंधित अन्य कई AI-जनरेटेड वीडियो शेयर किए हैं (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).
क्लिप में कुछ त्रुटियां -- जानवरों का एक निश्चित पैटर्न में चलना और पानी का अस्वाभाविक प्रवाह -- दिखाई देती हैं जिससे पता चलता है इसे AI की मदद से बनाया गया है.

उसी TikTok पेज ने 27 अगस्त को एक वीडियो अपलोड किया जिसमें लोग जलमग्न ट्रेन के अंदर और ऊपर चढ़े दिखाई दे रहे हैं.
इसमें भी दृश्य विसंगतियां -- जैसे दो अलग-अलग ट्रेन के कम्पार्टमेंट्स का अचानक एक में मिल जाना और नीले कपड़े पहने एक व्यक्ति का ट्रेन से गिरने के बाद फिर से दिखाई देना -- शामिल हैं (आर्काइव्ड लिंक).

तीसरी क्लिप 5 अगस्त को एक इंस्टाग्राम पेज "ai.inlife" पर पोस्ट की गई (आर्काइव्ड लिंक).
यह पेज खुद को "डिजिटल क्रिएटर" बताता है और इसके बायो में लिखा है कि यह "दिमाग हिला देने वाले AI ट्रेंड्स" दिखाता है (आर्काइव्ड लिंक).

आखिरी वीडियो 1 सितंबर को TikTok पर पोस्ट की गई एक क्लिप से मेल खाता है, जिसे AI से बनाया गया बताया गया है (आर्काइव्ड लिंक).
अन्य क्लिप्स की तरह इसमें भी कई गलतियां दिखाई दे रही हैं जो इसके AI जेनरेटेड होने का संकेत देते हैं -- जैसे बाढ़ के पानी के आने के बाद लोगों का गायब होना और अप्राकृतिक हलचल.

एएफ़पी ने पहले भी भारत में मानसून की बाढ़ के बारे में गलत दावों के साथ-साथ AI जेनरेटेड कंटेंट को फ़ैक्ट-चेक किया है.
