बांग्लादेश का वीडियो पंजाब बाढ़ के गलत दावे से शेयर किया गया

दशकों की सबसे भयावह बाढ़ से जूझ रहे पंजाब से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग बोरी से नोट निकालते नज़र आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि वीडियो पंजाब बाढ़ पीड़ितों के लिए भारतीय मुस्लिम समुदाय की मदद को दिखाता है. यह दावा गलत है. जबकि मुस्लिम समुदाय द्वारा पंजाब बाढ़ पीड़ितों की मदद की कई खबरें छपी हैं पर यह वीडियो बांग्लादेश के किशोरगंज प्रान्त में मौजूद मस्जिद को दान में प्राप्त राशि की गिनती का है. इसका बाढ़ पीड़ितों की मदद करते मुस्लिम समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है.  

X पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने सितम्बर 2, 2025 को लिखा, "पंजाब में बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद के लिए उतरे हमारे मुसलमान भाई. आखिर भाई ही भाई की मदद के लिए उतरता है बुरे वक्त में." 

वीडियो में कुछ लोग ज़मीन पर पैसों की बोरी खाली करते दिखते हैं और पृष्ठभूमि में एक इस्लामिक गीत बज रहा है. 

अगस्त में पंजाब में आई बाढ़ से कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई और 4 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए (आर्काइव्ड लिंक). 

राज्य के मुख्यमंत्री ने इसे "दशकों में सबसे भयानक बाढ़ आपदा" बताया. 

भारतीय उपमहाद्वीप में जून से सितंबर के मानसून के दौरान बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं आम हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और असंतुलित विकास योजनाओं के कारण इनकी आवृत्ति, गंभीरता और प्रभाव बढ़ रहे हैं. 

राष्ट्रीय मौसम विभाग के अनुसार इस बार पंजाब में अगस्त में औसत की तुलना में लगभग दो-तिहाई ज़्यादा बारिश दर्ज की गई (आर्काइव्ड लिंक). 

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गलत दावे की पोस्ट का सितम्बर 4, 2025 को लिया गया स्क्रीनशॉट, जिस पर एएफ़पी द्वारा एक लाल X साइन जोड़ा गया है

वीडियो को फ़ेसबुक और X पर भी इसी तरह दावों से शेयर किया गया. 

स्थानीय न्यूज़ आउटलेट The Quint ने रिपोर्ट किया था कि देशभर से मुस्लिम संगठनों ने सिख-बहुल राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. लेकिन ऑनलाइन वायरल हो रहा यह वीडियो बाढ़ राहत कार्यों से सम्बंधित नहीं है (आर्काइव्ड लिंक). 

की-फ़्रेम्स की मदद से रिवर्स इमेज सर्च करने पर यही वीडियो बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट 'Somoyer Konthosor' के यूट्यूब चैनल पर 30 अगस्त को पोस्ट किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक). 

इसके बांग्ला कैप्शन के अनुसार वीडियो ढाका स्थित 'पगला मस्जिद' में किए गए दान को दिखाता है (आर्काइव्ड लिंक). 

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गलत दावे की पोस्ट का स्क्रीनशॉट (बाएं) और यूट्यूब पर मौजूद वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

इसी तरह का फ़ुटेज 30 अगस्त को बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट BVNEWS24 के वेरिफ़ाइड यूट्यूब चैनल पर भी पोस्ट किया गया जिसके बांग्ला टाइटल का एक हिस्सा कहता है: "पगला मस्जिद के दानपात्र से निकली चौंकाने वाली चीज़ें (आर्काइव्ड लिंक). 

पगला मस्जिद प्रबंधन समिति के अधिकारी जुबैर इब्ने गियास ने एएफ़पी को बताया, "वीडियो 30 अगस्त को किशोरगंज स्थित ऐतिहासिक पगला मस्जिद के दानपात्र खोलने का है. आमतौर पर हम हर तीन-चार महीने में दानपात्र खोलते हैं." 

उन्होंने कहा, "इस दान का पंजाब के बाढ़ पीड़ितों से कोई संबंध नहीं है."

30 अगस्त की ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार मस्जिद ने 12.09 करोड़ बांग्लादेशी टका (करीब 8.72 करोड़ रुपये) का दान प्राप्त किया (आर्काइव्ड लिंक). 

रिपोर्ट में समिति के अध्यक्ष के हवाले से कहा गया कि दान सभी धर्मों के लोगों से आया है और इसका इस्तेमाल इस्लामिक कॉम्प्लेक्स बनाने, सामाजिक कल्याण गतिविधियों और मदरसे के लिए किया जाएगा.

इसमें यह भी जोड़ा गया कि मस्जिद फंड में लगभग "100 करोड़ बांग्लादेशी टका हैं और बैंक जमा से मिलने वाला ब्याज कैंसर, किडनी और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाता है." 

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