प्रदर्शनकारी द्वारा टियर गैस शेल लपकने का ये वीडियो नेपाल से नहीं, पाकिस्तान से है

  • प्रकाशित 24 सितम्बर 2025, 14h45
  • 3 मिनट
  • द्वारा Akshita KUMARI, AFP India
नेपाल में हुए सोशल मीडिया बैन और राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ़ युवाओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया, लेकिन एक प्रदर्शनकारी द्वारा आंसू गैस का गोला पकड़कर फेंकने का वीडियो नेपाल में नहीं फ़िल्माया गया. यह क्लिप पाकिस्तान में मई 2022 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पद से हटाने के विरोध में हुए प्रदर्शनों पर प्रकाशित रिपोर्ट में शेयर किया गया था.

फ़ेसबुक पर सितंबर 10, 2025 को शेयर की गई एक पोस्ट का कैप्शन है "नेपाल में हालात बेकाबू! सड़कों पर भड़के प्रदर्शन के बीच एक लड़के ने आँसू गैस का गोला ऐसे कैच किया जैसे क्रिकेट की बॉल… और फिर वापस फेंक दिया। ये नजारा कैमरे में कैद हुआ और सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ वायरल हो रहा है."

क्लिप में एक प्रदर्शनकारी सड़क पर आंसू गैस का गोला पकड़कर फेंकते हुए दिखाई देता है; ऊपर लिखे अंग्रेज़ी कैप्शन में दावा दोहराया गया है.

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गलत दावे से शेयर की गई फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट, जिस पर एएफ़पी द्वारा एक लाल X साइन जोड़ा गया है

वीडियो X, इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पर भी इसी तरह के दावों के साथ तब शेयर किया गया जब सितंबर में नेपाल में सोशल मीडिया बैन से जोड़कर शुरू हुआ विरोध  भ्रष्टाचार के खिलाफ़ व्यापक प्रदर्शनों में बदल गए (आर्काइव्ड लिंक).

एक दशक लंबे गृहयुद्ध की समाप्ति और 2008 में राजशाही के खात्मे के बाद से देश में फैली सबसे भीषण अशांति के दौरान कम से कम 73 लोग मारे गए और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद छोड़ना पड़ा.

73 वर्षीय पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है और उन्हें मार्च में होने वाले चुनावों से पहले भ्रष्टाचार मुक्त भविष्य के लिए प्रदर्शनकारियों की मांगों को पूरा करने का काम सौंपा गया है (आर्काइव्ड लिंक).

लेकिन शेयर की जा रही वीडियो को नेपाल में नहीं फ़िल्माया गया.

वीडियो के की-फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाकिस्तानी वेबसाइट प्रो-स्पोर्ट्स में मई 25, 2022 की एक रिपोर्ट में इस क्लिप के स्क्रीनशॉट प्रकाशित मिले, जिसमें शीर्षक के अनुसार वीडियो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शूट किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

यह रिपोर्ट तब प्रकाशित हुई थी जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जिन्हें पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव में पद से हटाया गया था, ने 25 मई, 2022 को चुनावों की मांग के लिए राष्ट्रव्यापी मार्च शुरू किया था (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).

प्रदर्शनकारियों को कई जगहों पर बैरिकेड्स द्वारा रोका गया था और फ़ुटेज में पुलिसकर्मियों को लाहौर के बट्टी चौक और नियाज़ी चौक पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करते दिखाया गया था.

एएफ़पी ने प्रोस्पोर्ट्स की रिपोर्ट में प्रकाशित X पोस्ट में शेयर किये गए इसी वीडियो के साफ़ वर्ज़न को देख कर पता लगाया कि क्लिप लाहौर में शूट किया गया था.

वीडियो में दिख रहे "Total Parco" पेट्रोल स्टेशन के साइन -- यह कंपनी पाकिस्तान में ईंधन स्टेशन प्रबंधित करती है -- और "नियाज़ी चौक स्टेशन" लिखा डिस्प्ले बोर्ड प्रमाणित करते हैं कि इसे लाहौर में शूट किया गया है (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).

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गलत दावे से शेयर की गई वीडियो (बाएं) और X पर शेयर किए गए फ़ुटेज (दाएं) के बीच स्क्रीनशॉट तुलना

फ़ुटेज में दिख रहा नियाज़ी चौक मेट्रोबस स्टेशन के ऊपर का पैदल यात्री पुल, गूगल मैप्स पर मौजूद जियोटैग की गई तस्वीर से मेल खाता है (आर्काइव्ड लिंक).

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X वीडियो (बाएं) और गूगल मैप्स पर नियाज़ी चौक बस स्टेशन पर पैदल पुल की तस्वीर (दाएं) की स्क्रीनशॉट तुलना, एएफ़पी द्वारा समानताएं चिह्नित

पाकिस्तान के डॉन अखबार ने भी मई 25, 2022 को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ते अधिकारियों का एक ऐसा ही वीडियो इंस्टाग्राम पोस्ट में शेयर किया था, जिसमें कहा गया था कि पंजाब पुलिस "पीटीआई समर्थकों" को आगे बढ़ने से रोक रही थी (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी ने पहले भी नेपाल के विरोध प्रदर्शनों से संबंधित अन्य गलत दावों को यहां फ़ैक्ट चेक किया है.

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