₹500 के पुराने नोट से खेल रहे बच्चों का ये वीडियो पाकिस्तान में नहीं लखनऊ में फ़िल्माया गया है

दो लड़कों का एक वीडियो, जिसमें वे चलन से बाहर हो चुके 500 के नोटों की गड्डियां लहराते नज़र आते हैं, सोशल मीडिया पर इस गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये भारतीय नोट पाकिस्तान में मिले हैं. लेकिन वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने एएफ़पी को बताया कि उसने इसे 2024 में लखनऊ में शूट किया था.

X पर सितंबर 23, 2025 को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है, "पाकिस्तान में हमारे पुराने 500 रुपये के भारतीय नोट.कागज़ बेचने वाले लड़के अपने कचड़ा ठेले पर इन्हें लहरा रहे हैं. अब सवाल ये है कि पाकिस्तान में इतने अधिक मात्रा में भारतीय नोट कैसे पहुंचे.??."

वीडियो में दो लड़के ₹500 के पुराने नोटों की गड्डियां लहराते दिख रहे हैं, जबकि वीडियो बनाता व्यक्ति उनसे कुछ नोट मांग रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2016 में घोषणा की थी कि ₹500 और ₹1,000 के नोट अब वैध नहीं रहेंगे. यह फैसला भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी पर रोक लगाने के लिए लिया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

मोदी के इस अचानक फैसले से लगभग 86 प्रतिशत करेंसी चलन से बाहर हो गई जिससे देश में नकदी की भारी कमी हो गई थी (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर की गई X पोस्ट का अक्टूबर 7, 2025 को लिया गया स्क्रीनशॉट, जिसमें एएफ़पी द्वारा लाल X मार्क जोड़ा गया है

यह वीडियो इसी दावे के साथ इंस्टाग्राम और X पर भी शेयर किया गया था.

लेकिन इसे 2024 में लखनऊ में शूट किया गया था, ना कि पाकिस्तान में.

वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर यही फ़ुटेज दिसंबर 27, 2024 को इंस्टाग्राम पर अपलोड किया मिला (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो बनाने वाला व्यक्ति इसमें कहता है -- "भाई, एक नोट दे दो, बस फ़ोटो खींचनी है. देखो, पैसे की अब कोई कीमत नहीं रह गई."

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और इंस्टाग्राम वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

एएफ़पी ने कंटेंट क्रिएटर बृजेश मिश्रा से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि यह वीडियो उन्होंने दिसंबर 2024 में लखनऊ में शूट किया था.

मिश्रा ने सितंबर 26 को एएफ़पी को बताया, "अब कुछ लोग इसे पाकिस्तान का बताकर शेयर कर रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है. इसी वजह से मैंने कुछ दिन बाद दोबारा उन्हीं बच्चों के साथ लंबा वीडियो बनाया." 

एएफ़पी को मिश्रा के यूट्यूब चैनल पर जनवरी 2, 2025 को अपलोड किया गया एक और वीडियो मिला, जिसमें वे उन्हीं बच्चों से बात करते दिखते हैं (आर्काइव्ड लिंक). इस वीडियो में बच्चे बताते हैं कि उन्हें ये नोट कचरे में मिले थे.

वीडियो में दिख रही जगह की तुलना करने पर यह गूगल स्ट्रीट व्यू पर लखनऊ के एक ट्रैफ़िक चौराहे से मेल खाती है, जिससे स्पष्ट होता है कि वीडियो पाकिस्तान में नहीं बल्कि लखनऊ में शूट किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

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गलक दावे की वीडियो (बायें) और गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी के स्क्रीनशॉट की तुलना जिसमें समानताओं को एएफ़पी द्वारा हाइलाईट किया गया है.

नोटबंदी से जुड़ी अन्य फ़र्ज़ी सूचनाओं को एएफ़पी ने यहां फ़ैक्ट-चेक किया है. 

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