सिडनी शूटिंग के हमलावर से बंदूक छीनने वाले व्यक्ति की गलत पहचान करती ये रिपोर्ट फ़र्ज़ी है
- प्रकाशित 22 दिसंबर 2025, 07h34
- 4 मिनट
- द्वारा Akshita KUMARI, एफप भारत
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हाल ही में हुए शूटिंग के दौरान हमलावर से बंदूक छीनने वाले व्यक्ति की लोगों ने जमकर प्रशंसा की है. स्थानीय मीडिया ने उसकी पहचान अहमद अल अहमद के रूप में की, लेकिन सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स में ये गलत दावा किया गया कि उसका नाम 'एडवर्ड क्रैबट्री' है. यह भ्रामक दावा एक फ़र्ज़ी समाचार वेबसाइट से शुरू हुआ, जो हमले वाले दिन ही रजिस्टर हुई थी.
फ़ेसबुक पर 15 दिसंबर, 2025 को शेयर की गई पोस्ट के कैप्शन का एक हिस्सा कहता है, "सिडनी में यहूदियों पर अंधाधुंद फायरिंग करने वाले नावेद अकरम के अब्बा से राइफल छिनने कर कई जिंदगियों को बचाने वाले बहादुर आदमी का नाम अहमद अल अहमद नहीं, बल्कि एडवर्ड क्रेबटरी है."
साथ में शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में "द डेली" नामक वेबसाइट की एक रिपोर्ट दिखाई दे रही है, जिसका शीर्षक है: "'आई जस्ट एक्टेड': बॉन्डी लोकल एडवर्ड क्रैबट्री ने टेरिफाइंग अटैक में गनमैन को डिसआर्म किया."
उसी आर्टिकल में कहा गया है कि क्रैबट्री एक "43 वर्षीय आईटी पेशेवर" है, जो सिडनी के इनर वेस्ट में मारिकविले में पला-बढ़ा है.
एक पिता-पुत्र की जोड़ी ने 14 दिसंबर को यहूदियों के हनुक्का फ़ेस्टिवल के लिए मशहूर बॉन्डी बीच पर उमड़ी भीड़ पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 15 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए (आर्काइव्ड लिंक).
पुलिस द्वारा 50 वर्षीय साजिद अकरम को गोली मारकर ढेर कर दिया गया, जबकि 24 वर्षीय नवीद अकरम को भी गोली लगी और वह पुलिस की निगरानी में अस्पताल में भर्ती है.
अधिकारियों ने कहा कि यह हमला देश के यहूदियों में दहशत फैलाने के इरादे से किया गया था.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई फ़ुटेज में एक व्यक्ति को अपनी जान जोखिम में डालकर एक हमलावर को पकड़ते हुए देखा जा सकता है, जब वह उन लोगों पर गोली चला रहा था जो कैमरे की रिकॉर्डिंग में नज़र नहीं आ रहे (आर्काइव्ड लिंक).
इसके बाद वह व्यक्ति हमलावर के हाथ से बंदूक छीन लेता है और फिर उसे हमलावर की ओर तान देता है, जिसके बाद हमलावर पीछे हट जाता है.
स्थानीय मीडिया ने उसकी पहचान 'अहमद अल अहमद' के रूप में की है, जो एक फल विक्रेता है, और बताया कि उसे दो गोलियां लगी हैं.
लेकिन जल्द ही फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर इस व्यक्ति का नाम 'एडवर्ड क्रैबट्री' बताते हुए गलत दावे वाली पोस्ट वायरल हो गई, जिस पर इस्लामोफ़ोबिक कमेंट्स की बाढ़ सी आ गई.
सोशल मीडिया साइट X पर AI चैटबॉट ग्रोक ने भी इसी तरह उस शख्स का नाम एडवर्ड क्रैबट्री बताया.
अहमद अल अहमद
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ समेत कई ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने बॉन्डी बीच पर बंदूकधारी हमलावर का सामना करने वाले की पहचान 'अहमद' के रूप में की है.
अल्बानीज़ ने 16 दिसंबर को अपनी मुलाकात का वीडियो X पर शेयर करते हुए कहा, "अहमद, तुम ऑस्ट्रेलिया के हीरो हो. तुमने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली, बॉन्डी बीच पर खतरे की ओर दौड़े और एक आतंकवादी को निहत्था कर दिया" (आर्काइव्ड लिंक).
न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स ने फ़ेसबुक, X और इंस्टाग्राम पर कहा, "अहमद एक रियल-लाइफ़ हीरो हैं" (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).
एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार, 44 वर्षीय अहमद सीरिया में अपने होमटाउन के लिए भी गर्व का स्रोत बन गया है (आर्काइव्ड लिंक).
"उनका ये कारनामा हमारे और सीरिया के लिए गर्व की बात है," अहमद के चाचा मोहम्मद, जो एक किसान हैं, ने अल-नैराब कस्बे में एएफ़पी को बताया.
मोहम्मद ने बताया कि दो बच्चों के पिता अहमद 2007 में सीरिया से ऑस्ट्रेलिया आ गए थे. वहां उन्होंने पहले कंस्ट्रक्शन वर्कर के तौर पर काम शुरू किया और बाद में सिडनी में फलों और सब्ज़ियों की दुकान खोली.
उनके चाचा ने कहा, "इस घटना ने पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी. वह सीरिया के रहने वाले हैं, मुसलमान हैं और उन्होंने यह काम सिर्फ़ हीरोइज़्म और बहादुरी की भावना से प्रेरित होकर किया."
फ़र्ज़ी वेबसाइट
इसके अलावा, गलत सूचना फैलाने वाले पेज के विश्लेषण से पता चला कि यह कोई वास्तविक न्यूज़ वेबसाइट नहीं थी.
पब्लिक Whois डेटाबेस पर सर्च करने पर -- जिसमें वेबसाइट्स के मालिकों की कॉन्टैक्ट इंफ़ार्मेशन होती है -- पता चला कि यह वेबसाइट 14 दिसंबर, यानी बॉन्डी बीच अटैक वाले दिन, ही रजिस्टर की गई थी (आर्काइव्ड लिंक).
बॉन्डी बीच की मनगढ़ंत कहानी के अलावा, उस साइट पर सिर्फ़ एक और आर्टिकल दिखता है जो ग्लोबल कार्बन एमिशन्स के बारे में है.
साउथ अमेरिका में इलेक्शन्स और मिडिल ईस्ट में पीस टॉक्स की कथित रिपोर्ट्स भी इसी आर्टिकल की ओर ले जाती हैं. अन्य टैब भी ऐसे पेजेस पर ले जाते हैं जिनका कोई अस्तित्व नहीं है.
साइट का URL ऑस्ट्रेलियाई मीडिया 'द डेली ऑस' से मिलता-जुलता प्रतीत होता है, लेकिन इसका होमपेज उससे बिल्कुल भी मेल नहीं खाता.
एएफ़पी ने बॉन्डी बीच गोलीबारी से जुड़े अन्य गलत दावों का यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.
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