सिडनी हमले का जश्न मनाने के गलत दावे से शेयर किये गये ये वीडियो पुराने हैं

सिडनी के बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर 2025 को यहूदी त्योहार हनुक्का मना रहे लोगों की भीड़ पर बंदूकधारियों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो इस गलत दावे से शेयर किये जाने लगे कि यूनाइटेड किंगडम और पाकिस्तान में लोग इस घातक हमले का जश्न मना रहे हैं. हालांकि ये वीडियो गोलीबारी से पहले के हैं और इनमें से एक जून में मैनचेस्टर में हुए फ़िलिस्तीन-समर्थकों का प्रदर्शन और दूसरा कराची में इज़रायल पर हमास के हमले के बाद आयोजित आतिशबाज़ी दिखाता है.

फ़ेसबुक पर 15 दिसंबर को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है: "सिडनी में हुए आतंकी हमले के बाद मैनचेस्टर में फिलिस्तीन समर्थक जश्न मनाते हुए. यह कौम राक्षस से भी ज्यादा खतरनाक है ..? विश्व शांति के लिए इस क़ौम का क्या किया जाए. फिर DNA इनका एक ही है तो भारत में इनसे देशभक्ति की उम्मीद कैसे होगी."

वीडियो में फ़िलिस्तीनी झंडे लहराते लोग, जिनके चेहरे कफ़िया से ढके हुए हैं, नारे लगाते नज़र आते हैं; यह दृश्य किसी ट्रेन प्लेटफ़ार्म का लगता है.

उसी दिन X पर शेयर किए गए एक अन्य वीडियो में एक इमारत के ऊपर आतिशबाज़ी होती दिखाई देती है, जिसे नीचे खड़ी भीड़ देख रही है. भीड़ में लोग पाकिस्तानी और फ़िलिस्तीनी झंडे लहराते दिखते हैं.

पोस्ट का कैप्शन है: "सिडनी में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने जश्न मनाया गया. आतंक की फैक्ट्री पाकिस्तान का चेहरा फिर उजागर."

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गलत दावे से शेयर की गई़ं पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट्स जिन पर एएफ़पी ने लाल X जोड़े हैं

आस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच में 14 दिसंबर को हुई गोलीबारी के बाद ये वीडियो फ़ेसबुक और X पर इसी तरह के दावों के साथ शेयर किये गए (आर्काइव्ड लिंक).

इस हमले में दो बंदूकधारियों ने 15 लोगों की हत्या कर दी और दर्जनों अन्य को घायल कर दिया. अधिकारियों के अनुसार यह हमला देश के यहूदी समुदाय में डर फैलाने के उद्देश्य से किया गया था.

पुलिस ने एक आरोपी हमलावर, 50 वर्षीय साजिद अकरम, को गोली मारकर ढेर कर दिया जबकि उसका 24 वर्षीय बेटा नावीद भी गोली लगने से घायल हुआ और पुलिस निगरानी में अस्पताल में भर्ती है.

हालांकि, सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे ये वीडियो हमले से पहले के हैं.

गलत दावे से शेयर किये गये पहले वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही फ़ुटेज हमले से छह महीने पहले 8 जून को X पर पोस्ट किया हुआ मिला (आर्काइव्ड लिंक).

वह पोस्ट मैनचेस्टर में एक दिन पहले हुए प्रदर्शन से जुड़ी एक थ्रेड का हिस्सा थी.

इसके बाद कीवर्ड सर्च करने पर 7 जून को हुए उसी प्रदर्शन का एक यूट्यूब वीडियो मिला, जिसमें वही बैनर और तख्तियां दिखती हैं जो भ्रामक वीडियो में थोड़ी देर के लिए नज़र आती हैं (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और जून 2025 के यूट्यूब वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना, जिसमें समानताओं को एएफ़पी ने हाईलाइट किया है

गलत दावे से शेयर किए गए दूसरे वीडियो के कीफ़्रेम को अलग से रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया कि यही फ़ुटेज पहले 8 अक्टूबर 2023 को X पर शेयर की गई थी (आर्काइव्ड लिंक).

उस पोस्ट का कैप्शन है: "कराची, पाकिस्तान में हमास की जीत का जश्न, 'इमामिया स्टूडेंट ऑर्गनाइज़ेशन' द्वारा आयोजित."

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट (बायें) और 2023 की X पोस्ट के वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

यह वीडियो 9 अक्टूबर 2023 को उर्दू भाषा के एक फ़ेसबुक पोस्ट में भी इसी तरह के कैप्शन के साथ शेयर किया गया है (आर्काइव्ड लिंक).

कराची स्थित इमामिया स्टूडेंट ऑर्गनाइज़ेशन के प्रवक्ता ग़ाज़ी अब्बास ने एएफ़पी को बताया कि इस वीडियो का सिडनी हमले से कोई संबंध नहीं है.

अब्बास ने 17 दिसंबर को कहा, "यह एक पुराना वीडियो है. इसमें अक्टूबर 2023 में कराची के नुमाइश चौरंगी पर हमारे ऑर्गनाइज़ेशन द्वारा आयोजित आतिशबाजी दिखाई गई है."

संगठन ने अपने फ़ेसबुक पेज पर भी एक बयान जारी कर इन दावों को खारिज किया और कहा कि यह वीडियो "हमास की जीत के जश्न" के नाम से आयोजित एक कार्यक्रम का है (आर्काइव्ड लिंक).

दक्षिणी इज़रायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले में 1,221 लोगों की मौत हुई, जिसके बाद गाज़ा में दो साल तक चलने वाला एक विनाशकारी युद्ध शुरू हुआ (आर्काइव्ड लिंक).

संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्वसनीय माने जाने वाले गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इसके जवाब में इज़राइल के हमलों में अब तक कम से कम 70,373 लोगों की मौत हो चुकी है.

एएफ़पी ने बॉन्डी बीच हमले से जुड़ी कई गलत और भ्रामक खबरों को पहले ही फ़ैक्ट-चेक किया है.

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