बांग्लादेश में मस्जिद के बाहर साम्प्रदायिक हिंसा का वीडियो भारत से जोड़कर वायरल

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  • प्रकाशित 10 नवंबर 2021, 15h20
  • 3 मिनट
  • द्वारा एफप भारत
सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि कोलकाता में किसी काली मंदिर में पूजा के दौरान मुस्लिमों ने बाधा उत्पन्न की. ये दावा ग़लत है: वायरल वीडियो को दक्षिण पूर्वी बांग्लादेश की एक मस्जिद के बाहर रिकॉर्ड किया गया है. बांग्लादेश पुलिस के एक प्रवक्ता ने AFP को बताया कि वीडियो 16 अक्टूबर 2021 को हुई एक साम्प्रदायिक घटना की है.

वायरल वीडियो फ़ेसबुक पर यहां 25 अक्टूबर 2021 को शेयर किया गया है. इसे अब तक 4 हज़ार बार देखा जा चुका है.

ये भ्रामक दावा बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हुई साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बाद ही शेयर हो रहा है. AFP की 16 अक्टूबर 2021 की रिपोर्ट यहां है. 

वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है: "कोलकाता में काली मठ मंदिर में पूजा रोकने के लिए चिल्लाते हुए हजारों की तादाद में मलिच्छ कौम (मुस्लिम), यह वही मठ है जहां श्री रामकृष्ण परमहंस जी द्वारा की जाती थी पूजा. अब ये (तथाकथित शांति प्रेमी) मंदिरों को बंद कराने की मांग कर रहे हैं. यह हमारे अपने देश में क्या हो रहा है? हम कहाँ है? भारत के लोग अपनी लंबी नींद से जल्द ही जागें और देखें कि हमारे आसपास क्या हो रहा है."

वीडियो में बांग्ला भाषा में सुनाई दे रही आवाज़ का अनुवाद है: “जो ताली बजा रहे हैं वे हिंदू हैं और इस तरफ वाले सभी मुसलमान हैं जो अभी-अभी नमाज़ पढ़कर मस्जिद से निकले हैं. तब उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ा जबकि पुलिस वहां मौजूद थी.”

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2 नवम्बर, 2021, को लिया गए भ्रामक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां और यहां शेयर किया गया है. 

जबकि ये दावा ग़लत है.

विडियो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर बांग्लादेश के एक मीडिया चैनल, जज़कल्लाह, के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 16 अक्टूबर 2021 को अपलोड किया इसी वीडियो का एक लंबा हिस्सा मिला. 

वीडियो के कैप्शन में लिखा है: “फेनी की बोरो मस्जिद में झड़प, नमाज़ के बाद हुई ये हिंसा. इस हिंसा में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल थे.”

नीचे भ्रामक पोस्ट (बायें) और यूट्यूब वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना है.

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भ्रामक पोस्ट (बायें) और यूट्यूब वीडियो (दायें) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना

वायरल क्लिप में दरअसल दक्षिण पूर्वी बांग्लादेश के फेनी में स्थित बोरों मस्जिद में हुई घटना को दिखाया गया है.

नीचे भ्रामक वीडियो (बायें) और बिल्कुल उसी लोकेशन के गूगल स्ट्रीट व्यू (दायें) में स्थित बोरो मस्जिद की तुलना दी गई है.

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भ्रामक वीडियो (बायें) और बिल्कुल उसी लोकेशन के गूगल स्ट्रीट व्यू (दायें) में स्थित बोरो मस्जिद की तुलना

दोनों ही तस्वीरों के दाईं ओर AFP द्वारा हाईलाइट किये गये साइनबोर्ड में लिखा है 'नारकोटिक कंट्रोल विभाग, फेनी'.

फेनी पुलिस स्टेशन के ऑफ़िसर इंचार्ज नेज़ाम उद्दीन ने AFP को बताया कि ये वीडियो 16 अक्टूबर 2021 को फेनी में हुई घटना की है. 

उन्होंने कहा, "बोरो मस्जिद के इलाक़े में हुई घटना में अब तक 21 लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं. हम अभी भी घटना में शामिल अन्य लोगों की तलाश कर रहे हैं.”

इस घटना को 17 अक्टूबर 2021 को लोकल मीडिया द्वारा रिपोर्ट किया गया था. 

रिपोर्ट के अनुसार, "पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि फेनी शहर के ढाका-चटगांव ओल्ड ट्रंक रोड इलाके में शनिवार (16 अक्टूबर) को शाम करीब 4:30 बजे जय काली मंदिर के सामने पूजा समारोह के दौरान एक हमले के बाद झड़प हुई.” 

कोलकाता के किसी भी मंदिर के बाहर इस तरह की किसी भी घटना की कोई रिपोर्ट अभी तक नहीं है.

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