स्मृति ईरानी की गाड़ी रोककर प्रदर्शन का ये वीडियो दो साल पुराना है
यूपी में चुनाव से ठीक पहले सोशल मीडिया पर एक और वीडियो शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को लोगों ने घेरकर दौड़ाया. लेकिन ये वीडियो असल में 2020 का है जब विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने हाथरस में दलित महिला के साथ हुए गैंगरेप और बर्बरता का इंसाफ़ मांगने के लिए उनकी गाड़ी के सामने विरोध प्रदर्शन किया था.
ये वीडियो 29 जनवरी, 2022 को फ़ेसबुक पर यहां शेयर किया गया जिसे अबतक 46,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.
इसके साथ अंग्रेज़ी भाषा में कैप्शन लिखा गया है, "स्मृति ईरानी वोट मांगने आयी तो अपने ही चुनावी क्षेत्र में लोगों ने हमला कर दिया. मीडिया ये दिखाने से बच रहा है. व्हाट्सऐप पर प्राप्त."
मालूम हो कि स्मृति ईरानी अमेठी से सांसद हैं.

ये वीडियो कुछ ऐसे ही कैप्शन के साथ फ़ेसबुक पर यहां और यहां; और ट्विटर पर यहां और यहां शेयर किया गया.
पोस्ट पर कॉमेंट्स में कई लोग इससे भ्रमित हो गए जिन्हें लगा ये वीडियो हालिया है.
एक यूज़र ने लिखा, "पिछले 5 दिनों में यूपी की जनता 9 बीजेपी उम्मीदवारों को कूट या दौड़ा चुकी है. भविष्य में इस स्कोर में बढ़ोतरी होने की पूरी सम्भावना है."
एक अन्य यूज़र ने लिखा, "2022 हुए 2024 चुनावों में भाजपा, इसके मंत्रियों और उम्मीदवारों का बॉयकॉट करें."
लेकिन ये वीडियो पुराना है.
इसे 3 अक्टूबर, 2020 को न्यूज़ चैनल Nyoooz TV ने एक वीडियो रिपोर्ट में यहां दिखाया था.
रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्मृति ईरानी की कार के सामने आकर हाथरस मामले में न्याय के लिए विरोध किया था.
एंकर को कहते सुना जा सकता है, "कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथरस मामले को लेकर ईरानी के काफ़िले को रोका और मुर्दाबाद के नारे लगाए."
उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ गैंगरेप और बर्बरता की घटना के बाद पूरे देश में कई दिनों तक आक्रोश रहा था और न्याय के लिए जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किये गए थे.
इस बाबत AFP की रिपोर्ट यहां और यहां पढ़ सकते हैं.
नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) और न्यूज़ चैनल के वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना देखी जा सकती है.

इस घटना के बारे में छपी रिपोर्ट्स में भी वीडियो के विज़ुअल यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
