क्या कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया का नाम 2022 के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में शामिल है?

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 17 अप्रैल 2023, 12h48
  • 3 मिनट
  • द्वारा Sumit DUBEY, एफप भारत
  • अनुवाद और अनुकूलन Devesh MISHRA
कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने आतंकवादी हमलों पर एक वैश्विक थिंक टैंक की रिपोर्ट के एक ग्राफ़िक को -- जिसमें गलती से भारत के एक वामपंथी राजनैतिक दल को "2022 के 20 सबसे घातक आतंकवादी समूहों" में से एक के रूप में चिन्हित किया गया है -- भ्रामक दावे के साथ शेयर किया है. इंस्टीट्यूट फ़ॉर इकॉनोमिक्स एंड पीस द्वारा जारी किये गए ग्लोबल टेररिज़्म इंडेक्स में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (माओवादी) – जो भारत सरकार की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में है – के नाम के बजाय मिलते जुलते नाम वाले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया को गलत तरीके से शामिल किया गया है. थिंक टैंक ने एक ट्वीट में कहा कि इस गलती के बारे में पता चलते ही इसे तुरंत सुधार लिया गया है.

ग्राफ़िक का स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक पर 19 मार्च, 2023 को यहां शेयर किया गया है.

इसके कैप्शन में लिखा है: "इंस्टीट्यूट फॉर इकॉनोमिक्स एंड पीस ने 14 मार्च को अपना वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2023 जारी किया. संगठन ने अपनी रिपोर्ट में विश्व स्तर पर बीस सबसे घातक आतंकवादी संगठनों को सूचीबद्ध किया जिसमें 12वें स्थान पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी का नाम है."

इंस्टीट्यूट फ़ॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस के वेबसाइट के अनुसार इसका वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 163 देशों या दुनिया की 99.7 प्रतिशत आबादी पर आतंकवाद के प्रभावों का विश्लेषण करता है.

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (CPI) दुनिया की सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टियों में से एक है.

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गलत दावे से शेयर की जा रही फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 11 अप्रैल 2023

ग्राफ़िक को इसी तरह के दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां और ट्विटर पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि ये दावा भ्रामक है.

ग्लोबल टेररिज़्म इंडेक्स की ग्राफ़िक में सीपीआई को शामिल करना एक गलती थी जिसे इंस्टीट्यूट फ़ॉर इकॉनोमिक्स एंड पीस ने बाद में एक अपडेटेड रिपोर्ट में ठीक किया है.

भ्रामक दावा

थिंक टैंक ने 17 मार्च को कहा कि ग्राफ़िक में सीपीआई को शामिल नहीं करना चाहिए था.

ट्विटर पर इस लिस्ट को शेयर कर रहे एक ट्वीट का जवाब देते हुए संस्थान ने कहा: "जीटीआई (वैश्विक आतंकवाद सूचकांक) रिपोर्ट ने ड्रैगनफ्लाई के आतंकवाद ट्रैकर डेटा का उपयोग किया और उनके डेटाबेस में उपयोग की जाने वाली शब्दावली को शामिल किया, जिसमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया को गलत तरीके से लेबल किया गया है क्यूंकि उसके साथ सही शब्द (माओवादी) को शामिल नहीं किया गया."

थिंक टैंक ने आगे कहा, "जैसे ही हमें इस गलती के बारे में पता चला, हमने तत्काल कार्रवाई की और रिपोर्ट को ठीक करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (माओवादी) का नाम सही तरीके से दर्शाया."

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक आर्टिकल के अनुसार, अखबार द्वारा संपर्क किए जाने पर ड्रैगनफ़्लाई इंटेलिजेंस सर्विस कंपनी ने भी डाटा कलेक्शन में "इस गलती को स्वीकार किया."

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (माओवादी) भारत सरकार की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल है.

स्थानीय मीडिया के अनुसार इस समूह को 22 जून, 2009 को प्रतिबंधित कर दिया गया था, और उस समय गृह मंत्रालय ने कहा था कि यह समूह "सुरक्षा बलों और ट्रेन, बसों, रेलवे और बस स्टेशनों और अन्य स्थानों जैसे आर्थिक बुनियादी ढांचों, जहां काफ़ी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना होती है, को निशाना बनाकर हिंसक प्रदर्शनकारी कृत्यों में शामिल होता है."

गृह मंत्रालय भी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (माओवादी) को "देश में सबसे बड़ा और सबसे हिंसक माओवादी संगठन" के रूप में चिन्हित करता है.

संस्थान की अपडेटेड सूची को अब हेडलाइन "2022 में सबसे बड़ी संख्या में मौतों के ज़िम्मेदार 20 समूह" के साथ यहां देखा जा सकता है.

"कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (माओवादी)" इस लिस्ट में 12वें स्थान पर है, जिसे 39 मौतों और 61 सामूहिक हमलों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है.

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