
हाफ़िज़ सईद का पुराना वीडियो हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष से जोड़कर वायरल
- प्रकाशित 27 मई 2025, 08h52
- 4 मिनट
- द्वारा Akshita KUMARI, एफप भारत
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फ़ेसबुक पर मई 15, 2025 को शेयर किए गए वीडियो का कैप्शन है, "सीजफायर के बाद हाफिज सईद का आया बयान:सुनें!"
"क्या संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह नहीं दिखाई देता कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद की सिक्योरिटी में पाकिस्तानी आर्मी खड़ी है और प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे किया जा रहा है."
वीडियो में प्रेस को पाकिस्तान-स्थित लश्कर-ए-तैयबा -- जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठन है -- के नेता हाफ़िज़ मुहम्मद सईद का इंतज़ार करते और फिर उसकी बात सुनते हुए दिखाया गया है (आर्काइव्ड लिंक).
सईद को मीडिया से यह कहते हुए सुना जा सकता है, "इंशाल्लाह कश्मीर की आज़ादी तक ये तहरीक जारी रहेगी."
भारत ने लश्कर-ए-तैयबा पर अप्रैल 22 को कश्मीर के पहलगाम में हमला करके 26 पर्यटकों की हत्या करने का आरोप लगाया है (आर्काइव्ड लिंक).
नई दिल्ली ने इस्लामाबाद पर हमलावरों का समर्थन करने का भी आरोप लगाया है. हालांकि पाकिस्तान ने इस आरोप से इनकार किया है (आर्काइव्ड लिंक).

यह वीडियो भारत और पाकिस्तान द्वारा मई 10 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित युद्धविराम पर सहमति जताने के बाद शेयर किया गया (आर्काइव्ड लिंक).
इस युद्धविराम ने दोनों देशों के बीच चार दिनों तक चली भीषण लड़ाई -- जिसमें कम से कम 70 से अधिक लोग मारे गये -- को रोक दिया (आर्काइव्ड लिंक).
इस क्लिप को फ़ेसबुक, X और थ्रेड्स पर इसी तरह के गलत दावे -- कि सईद ने युद्धविराम पर सहमति जताए जाने के बाद एक प्रेस कांफ़्रेंस की है -- के साथ शेयर किया गया.
एक पोस्ट के कमेंट में लिखा गया, "इस आतंकवादी को देखे क्या इनको संरक्षण देने वाला आतंकवादी मुल्क तनिक भी दया का पात्र हो सकता है आदरणीय मोदी जी इनसे दाना पानी व्यापार वार्ता सब सदैव के लिए बैन होनी चाहिए."
एक अन्य ने कहा: "हाफ़िज़ सईद पाकिस्तान का गैर सरकारी राष्ट्रपति है पाकिस्तान में जितनी इसकी हुकुम चलती है उतना पाकिस्तान में ना कोर्ट की चलती ना सरकार कानून की."
लेकिन यह वीडियो भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया संघर्ष से आठ साल से भी अधिक पुराना है.
हाउस अरेस्ट
गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही फ़ुटेज मिला जिसे फ़रवरी 5, 2017 को AP आर्काइव के वेरिफ़ाइड यूट्यूब चैनल द्वारा प्रकाशित किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).
सईद को जनवरी 31, 2017 को नज़रबंद रखा गया था.
वीडियो के विवरण के अनुसार सईद को पाकिस्तान सरकार द्वारा उसके जमात-उद-दावा चैरिटी -- जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2008 में "आतंकवादी फ़्रंट ग्रुप" करार दिया -- के खिलाफ़ कार्रवाई करने का फैसला लेने के बाद गिरफ़्तार किया गया था.
इसमें कहा गया कि जमात-उद-दावा लश्कर-ए-तैयबा का एक 'फ़्रंट' है, जो कथित तौर पर 2008 के मुंबई हमलों के पीछे था जिसमें लगभग 166 लोग मारे गए थे.

एएफ़पी ने जनवरी 31, 2017 को अपने यूट्यूब चैनल पर भी इसी तरह की वीडियो प्रकाशित की है (आर्काइव्ड लिंक).
एएफ़पी ने रिपोर्ट किया कि सईद को उग्रवादी समूहों पर लगाम लगाने के लिए इस्लामाबाद पर बढ़ते अमेरिकी दबाव के बाद घर में नज़रबंद कर दिया गया था (आर्काइव्ड लिंक).
उसे फ़रवरी 2020 में अलग-अलग आतंकी आरोपों में जेल में डाल दिया गया और वह 78 साल की सज़ा काट रहा है (आर्काइव्ड लिंक).
ऐसी कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है कि सईद ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बारे में कोई बयान जारी किया है.
एएफ़पी ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष से संबंधित फ़र्ज़ी खबरों को यहां और यहां फ़ैक्ट चेक किया है.
