
पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर व्यक्ति पर हमले का पुराना वीडियो गलत दावे से वायरल
- प्रकाशित 26 मई 2025, 14h01
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
कॉपीराइट © एएफ़पी 2017-2025. इस कंटेंट के किसी भी तरह के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए सब्सक्रिप्शन की ज़रूरत पड़ेगी. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
वीडियो को X पर मई 14, 2025 को शेयर किया है जिसका कैप्शन है: "एक पाकिस्तानी महिला ने भारत पर हुए स्ट्राइक का सबूत मांगा, जवाब में 6-7 पाकिस्तानी मर्दों ने उसे पीटा और उसके कपड़े फाड़ दिए."
लगभग 7.6 लाख से अधिक व्यूज़ वाले इस वीडियो में कुछ लोग एक महिला को कार की तरफ घसीटते हुए उसे मारते दिखाई देते हैं.

ज्ञात हो कि भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चली भारी गोलीबारी में युद्धविराम की घोषणा से पहले दोनों पक्षों के लगभग 70 से ज़्यादा लोगों की जान गई (आर्काइव्ड लिंक).
हालांकि गलत दावे से शेयर किया गया वीडियो भारत-पाकिस्तान के हालिया संघर्ष से पहले का है जिसे फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी इसी तरह के गलत दावों के साथ शेयर किया गया है.
वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही वीडियो 24 अप्रैल को पाकिस्तानी न्यूज़ आउटलेट Daily Taas द्वारा फ़ेसबुक पर पोस्ट किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).
पोस्ट का उर्दू कैप्शन कहता है, "पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के वेहारी शहर में कुछ लोगों ने एक ट्रांसजेंडर महिला शाहजाद उर्फ़ शहज़ादी के साथ मारपीट की और उसे जबरन कार में बैठाने की कोशिश की. महिला के विरोध करने और चिल्लाने पर आरोपी भाग गए और हवाई फ़ायरिंग की. इस मामले की शिकायत दानिवाल थाने में दर्ज की गई."
वेहारी टाउन पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है.

Daily Taas ने अपनी पोस्ट के कमेंट में पीड़िता के पुलिस को दिये गये बयान की कॉपी भी शामिल की थी.
पीड़िता ने बताया कि 23 अप्रैल को वह एक होटल में चाय पी रही थी, जब कई गाड़ियां -- जिसमें वीडियो में दिख रही सफेद कार भी शामिल थी -- वहां आकर रुकीं.
पीड़िता ने कहा, "उन गाड़ियों में बैठे लोगों ने मुझे जबरन अपने साथ ले जाने की कोशिश की. उन्होंने मुझ पर हमला किया और कार में घसीटने की कोशिश की. उनमें से एक ने धमकी दी -- 'मुझसे दोस्ती कर लो, नहीं तो अंजाम भुगतना पड़ेगा."
एएफ़पी ने स्थानीय पुलिस से पुष्टि की कि फ़ेसबुक पोस्ट में जो बयान है, वह असली है.
वेहारी पुलिस अधिकारी फ़राज़ुल हक़ ने एएफ़पी को 15 मई को बताया: "23 अप्रैल को पांच लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. इनमें से दो को ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अगवा करने और पीटने के आरोप में जेल भेजा गया है."
उन्होंने यह भी बताया कि "तीन लोगों को शिकायतकर्ता से समझौते के बाद रिहा कर दिया गया".
स्थानीय मीडिया ने भी इस घटना की रिपोर्टिंग की थी (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
एएफ़पी ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष से जुड़ी कई फ़र्ज़ी सूचनाओं का फ़ैक्ट-चेक यहां किया है.
