अफ़ग़ानिस्तान भागतें पाकिस्तानी नागरिकों की पुरानी वीडियो गलत दावे के साथ वायरल

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  • प्रकाशित 7 सितम्बर 2021, 06h18
  • 3 मिनट
  • द्वारा एफप भारत
एक वीडियो फ़ेसबुक पर हज़ारों बार देखा जा चुका है जिसमें दावा किया जा रहा है कि अफ़ग़ान नागरिक उनके देश पर तालिबानी कब्ज़े के बाद पाकिस्तान में शरण लेने के लिए भाग रहे हैं. यह वायरल दावा ग़लत है: यह वीडियो अप्रैल 2020 की हैं और इसमें Covid-19 महामारी के दौरान थोड़े समय के लिए खुली सीमा से पाकिस्तानी नागरिक भागकर अफ़ग़ानिस्तान में प्रवेश करते दिख रहे है.

ये वीडियो फ़ेसबुक पर यहां 1 सितम्बर, 2021 को शेयर किया गया.

इसके साथ कैप्शन लिखा गया, "खबर है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अफगानिस्तान पाकिस्तान बॉर्डर खोलकर लाखों अफगानी और तालिबानी लोगों को पाकिस्तान के अंदर घुसाया."

इसके आगे कहा गया, "उसके बाद का यह नजारा देखिए सवाल यह है कि जिस पाकिस्तान को खुद खाने के लाले पडे हैं वो आखिर इतनी संख्या में क्यों अफ़ग़ानी लोगों कोअपने देश में शरण देगा. तो इसका उत्तर है कश्मीर में जंग के लिए. रोटी के बदले इनका उपयोग कश्मीर में जिहाद के लिए किया जाएगा. कुछ दिन पहले आपने सुना होगा कि अमेरिकी हथियार गुप्त रूप से तालिबानियों द्वारा पाकिस्तान भेजे जा रहे हैं अब वही हथियार इन्हें देकर कश्मीर फतह के लिये रवाना किया जाएगा. एकाएक बॉडर पार करने के लिए लाखों की भीड इक्कठी होगी और भारतीय सेना मानवाधिकार के आगे बेबस होकर इतने लोगों पर गोलियाँ भी नहीं चला पाएगी. और अंतत: ये सारे लोग कश्मीर में दाख़िल हो जाऐंगे. फिर जो होगा उसका अनुमान आप लगा सकते हैं."

तालिबान ने अगस्त में अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया, इसी के बाद से यह और ऐसे कई वीडियो ग़लत दावों के साथ वायरल है.

पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की भू-सीमा 2,000 किलोमीटर से ज़्यादा लम्बी है.

कश्मीर 1947 से ही भारत और पाकिस्तान दोनों के बीच बंटा हुआ है और दोनों ही देश इसपर अपना अधिकार होने का दम भरते हैं.

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भ्रामक फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट ( Uzair RIZVI)

ये वीडियो फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ यहां और यहां शेयर किया गया.

ये दावा ग़लत है: असल में वीडियो अप्रैल 2020 में महामारी के दौरान पाकिस्तानी नागरिक थोड़े समय के लिए खुली सीमा से भागकर अफ़ग़ानिस्तान में घुस रहे हैं.

पाकिस्तान ने महामारी के कारण मार्च 2020 में सीमा को बंद कर दिया था. पाकिस्तान में फंसे अफ़ग़ान नागरिकों के लिए तोरखम सीमा अस्थायी रूप से खोली गयी थी.

ब्रिटिश अख़बार द डेली टेलीग्राफ़ ने 8 अप्रैल, 2020 को यही फ़ुटेज यूट्यूब पर यहां अपलोड किया था.

इस वीडियो का टाइटल है, "कोविड-19 का प्रतिबन्ध हटाए जाने के बाद हज़ारों लोग पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा पार करते हुए."

वीडियो के विवरण में बताया गया है, "मंगलवार (7 अप्रैल, 2020) को कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए बंद की गयी सीमा को 2 हफ्ते बाद खोलने पर हज़ारों अफ़ग़ान नागरिक पाकिस्तान से अपने घर की और भागे."

आगे लिखा है, "ख़ैबर पास के समीप तोरखम सीमा के पास हज़ारों अफ़ग़ान नागरिक भागते हुए. लोग क्वारंटाइन और दस्तावेज़ से जुड़ी चेकिंग को नज़रअंदाज़ करते हुए वहां से भागें."

नीचे भ्रामक फ़ेसबुक पोस्ट के वीडियो (बाएं) की तुलना द डेली टेलीग्राफ़ के रिपोर्ट (दाएं) से की गयी है.

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भ्रामक फ़ेसबुक पोस्ट और न्यूज़ रिपोर्ट की तुलना ( Uzair RIZVI)

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने भी एक ट्वीट में इसके बारे में बताया था.

इसमें कहा गया, "अफ़ग़ानिस्तान के निवेदन करने और मानवीय पक्ष को देखने के बाद हम अपने देश वापस जाने की इच्छा रखने वालों को 6 से 9 अप्रैल के बीच तोरखम और चमन सीमा से जाने दिया जाएगा. हम इस वैश्विक महामारी के दौरान अफ़ग़ान भाइयों के साथ खड़े हैं."

पाकिस्तानी अख़बार द न्यूज़ ने भी यहां रिपोर्ट किया था कि अस्थायी तौर से सीमा खोलने के बाद लगभग 10,000 अफ़ग़ान नागरिक अपने देश लौटे.

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