पुरानी तस्वीर का दुरुपयोग करती फ़र्ज़ी ट्ववीट अल जज़ीरा के नाम से वायरल
कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने क़तर के समाचार एजेंसी अल जज़ीरा के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान में कब्ज़े के बाद नाबालिग़ लड़कियों को अगवा करने की जानकारी दी जा रही है. यह ट्वीट फ़र्ज़ी है और पुराणी तस्वीर का दुरूपयोग करती है. समाचार एजेंसी ने पुष्टि की कि इस ट्वीट का अल जज़ीरा के हैंडल से कोई लेना देना नहीं है.
यह भ्रामक पोस्ट फ़ेसबुक पर 18 अगस्त को यहां शेयर किया गया. बता दें कि हाल ही में तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर वापस कब्ज़ा कर लिया है.

इस ट्वीट में अंग्रेज़ी में लिखा है, "ब्रेकिंग न्यूज़, तालिबान नाबालिग़ लड़कियों को उनके घरों से अगवा कर रहा है. जिनके मां-बाप तालिबान को अपनी बेटी सौंपने से इनकार कर रहे हैं उन्हें गोली मारी जा रही है."
इस तथाकथित ट्वीट का स्क्रीनशॉट और भी फ़ेसबुक यूज़र्स ने यहां और यहां शेयर किया.
यह दावा ग़लत है.
यह ट्वीट असल में फ़र्ज़ी है जिसे अल जज़ीरा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किये गए ट्वीट को एडिट करके शेयर किया गया.
अल जज़ीरा इंग्लिश का सही यूज़रनेम @AJEnglish है, न कि @AJENews, जैसा कि तथाकथित स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है.
यही नहीं, भ्रामक स्क्रीनशॉट में अल जज़ीरा के नाम की स्पेलिंग भी ग़लत है और 'Jazeera' की जगह 'Jajeera' लिखा गया है.
नीचे अल जज़ीरा इंलिश (बाएं) और फ़र्ज़ी ट्वीट के स्क्रीनशॉट (दाएं) के बीच फ़र्क देखा जा सकता है.

अल जज़ीरा ब्रेकिंग न्यूज़ के ट्विटर हैंडल पर भी @AJENews को फ़ॉलो करने का सुझाव दिया गया है.

अल जज़ीरा ने 25 अगस्त को AFP से एक मेल के ज़रिये इस बात की पुष्टि की कि वायरल ट्वीट फ़र्ज़ी है.
उन्होंने कहा, "अल जज़ीरा इस बात की पुष्टि करता है कि ये तथाकथित ट्वीट पूरी तरह फ़र्ज़ी है. इसका अल जज़ीरा या इसके सम्पादकीय से कोई लेना-देना नहीं है."
इस फ़र्ज़ी ट्वीट में लगी तस्वीर न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस द्वारा मार्च 2016 में शेयर की गयी थी जहां रिपोर्ट में कुछ कलाकारों द्वारा अफ़ग़ान महिला की हत्या पर नाटक करने के बारे में रिपोर्ट की गयी है. 2015 में अफ़ग़ान महिला की हत्या पर AFP की रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं.
