हेलीकॉप्टर से लटकता व्यक्ति अमरीकी नहीं, तालिबान का ही लड़ाका है
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हुआ कि तालिबान ने एक अमरीकी नागरिक को उड़ते हेलीकॉप्टर से लटका कर मारा. लेकिन यह दावा ग़लत है: वीडियो में हेलीकॉप्टर से लटकता व्यक्ति न मृत है और न ही अमरीकी. अफ़ग़ानिस्तान के पत्रकारों के मुताबिक यह तालिबान का ही एक सदस्य है जो हेलीकॉप्टर के हार्नेस से लटक किसी बिल्डिंग की चोटी पर झंडा लगाने की कोशिश रहा था.
रिपब्लिकन नेता टेड क्रूज़ ने 30 अगस्त, 2021 को इस 12 सेकंड का फुटेज ट्वीट करते हुए लिखा, "ये भयवाह तस्वीर जो बाइडन द्वारा लायी गयी तबाही दर्शाती है: तालिबान एक अमेरिकी ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर से एक व्यक्ति को लटका रहा है." बता दें कि टेड क्रूज़ अमेरिका में टेक्सस से सीनेटर और विपक्षी पार्टी के नेता हैं.

इसके बाद कई छोटे और बड़े भारतीय मीडिया संस्थानों और पत्रकारों ने इस दावे को शेयर किया जैसे कि यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं. इंडिया टीवी हिंदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से वीडियो को कुछ ऐसे सांझा किया, "तालिबान ने अपना असली रंग दिखाया हेलीकॉप्टर से शख्स को फांसी पर लटकाया ! घरों के बाहर तालिबानी अदालत में हाजिर होने का नोटिस लगवाया ! 40 हजार लोगों का बायोमेट्रिक डेटा निकलवाया अमेरिका का साथ देने पर सजा देने का प्लान बनाया?"
दर्जनों फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने भी इस क्लिप को शेयर करते हुए लगभग एक ही दावा किया कि व्यक्ति को लटका कर मारा गया है. ऐसे ही फ़ेसबुक पोस्ट आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं. ट्विटर यूज़र्स ने भी ये दावा यहां और यहां शेयर किया.
हालांकि यह वीडियो असली है, लेकिन इसके साथ किया जा रहा दावा बिलकुल ग़लत है.
इस वीडियो की क्वालिटी ख़राब होने के बावजूद ध्यान से देखने पर पता चलता है कि व्यक्ति हार्नेस से लटका हुआ है न कि गले में फंदा डालकर लटकाया गया है और वह ज़िंदा है.
यह वीडियो पहले ट्विटर पर 30 अगस्त को अफ़ग़ान पत्रकार सादिकुल्लाह अफ़ग़ान ने पोस्ट किया था, न कि तालिब टाइम्स ने, जैसा कि एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था. सादिकुल्लाह ने AFP से बताया कि उन्होंने यह वीडियो बनाया था.
सादिकुल्लाह दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के कंदहार से हैं जहां वह तबस्सुम रेडियो का संचालन करते हैं. जो वीडियो टेड क्रूज़ ने शेयर किया है उसपर इस संस्थान का नाम नज़र आता है और यही वीडियो इंटरनेट पर भी फैला.
सादिकुल्लाह ने हमें व्हाट्सऐप के ज़रिये बताया कि हेलीकॉप्टर से लटकते हुए शख़्स को मारा नहीं जा रहा था बल्कि वो खुद तालिबान का सदस्य था. उन्होंने कहा, "गवर्नर के ही एक बॉडीगार्ड ने 100 मीटर ऊंचे पोल पर झंडा लगाने की कोशिश की जिसमें वो असफल रहा."
उन्होंने AFP के साथ मौके का 2 हाई क्वालिटी वीडियो भी शेयर किया जिसमें हार्नेस से लटक रहे व्यक्ति को साफ़ देखा जा सकता है.


सादिकुल्लाह ने 1 सितम्बर को उसी पोल की तस्वीर भी शेयर कि जिसमें देखा जा सकता है कि तालिबान पोल के शीर्ष तक पहुंचने के लिए रास्ता बना रहा है.

कन्दाहार में AFP के एक स्ट्रिंगर ने भी मौके पर मौजूद व्यक्ति से बात की और इसकी पुष्टि की कि वीडियो में शख्स को गले में फंदे से नहीं लटकाया गया.
अफ़ग़ान पत्रकार बिलाल सरवरी ने 31 अगस्त को ट्विटर पर बताया कि हेलीकॉप्टर के पायलट को अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात में ट्रेनिंग मिली थी. उन्होंने लिखा, "तालिबान लड़ाकू यहां हवा में लटककर तालिबान का झंडा लगाने का प्रयास कर रहा था लेकिन असफल रहा."
Afghan pilot flying this is someone I have known over the years. He was trained in the US and UAE, he confirmed to me that he flew the Blackhawk helicopter. Taliban fighter seen here was trying to install Taliban flag from air but it didn’t work in the end. https://t.co/wnF8ep1zEl
— BILAL SARWARY (@bsarwary) August 31, 2021
एक प्रो-तालिबान ट्विटर हैंडल @badllonmaroof ने भी 30 अगस्त को ये वीडियो शेयर किया था.
उसने लिखा, "ये वो मुजाहिद है जिसे हेलीकॉप्टर से ऊपर ले जाया गया ताकि झंडा ठीक कर सके. उसने गवर्नर कार्यालय में लगे पोल से तालिबान का झंडा लगाने की कोशिश की."
तालिबान के कब्ज़े और सैनिकों की विफ़लता के बाद तालिबानियों के हाथ अमेरिका द्वारा पीछे छोड़े गए हथियार और हेलीकॉप्टर आदि लग चुके हैं.
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने 17 अगस्त को कहा था, "हमें इसकी ढंग से जानकारी नहीं है कि रक्षा सामग्री कहां चले गये. लेकिन निश्चित ही तालिबान के हाथ इसका बड़ा हिस्सा लग चुका है."
उन्होंने ये भी कहा कि तालिबान से लड़ने के लिए अफ़ग़ान सरकार को ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर मुहैया करवाए गए थे.
अमेरिका का सबसे लम्बे समय तक चला सैन्य संघर्ष 30 अगस्त को समाप्त हुआ जब आखिरी सैन्य बल ने काबुल से वापसी की. इस वापसी के साथ ही अफ़ग़ानिस्तान से 1 लाख 20 हज़ार लोगों को भी एयरलिफ़्ट कर देश से ले जाया गया.
AFP ने अफ़ग़ानिस्तान से जुड़े ऐसे कई भ्रामक दावों का फ़ैक्ट-चेक किया है जिन्हें आप यहां पढ़ सकते हैं.

1 सितंबर 2021 This article was edited to update the header image.