'हिजाब गर्ल' के नाम से वायरल ये एडिटेड तस्वीर एक अन्य महिला की है
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- प्रकाशित 25 फरवरी 2022, 16h35
- 4 मिनट
- द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत
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तस्वीर को यहां फ़ेसबुक पर 14 फ़रवरी 2022 को शेयर किया गया है.
तस्वीर में एक महिला डेनिम जींस और लाल रंग की टी-शर्ट पहन कर तस्वीर खिंचवाती हुई नज़र आ रही है.
फ़ेसबुक पोस्ट के कैप्शन में लिखा है: "कर्नाटक की हिजाब गर्ल… लेकिन कॉलेज तो बुर्का पहनकर और अल्लाह-हु-अकबर नारा लगाकर जाना है. इसे तो सिर्फ़ इसके एक्टिंग टैलेंट के लिये बॉलीवुड में कोई रोल मिलना चाहिए. इस शानदार अभिनय के लिये प्रायोजक/ मुल्ला द्वारा 5 लाख एडवांस पहले ही दिया जा चुका है."
कर्नाटक के एक स्कूल में बुर्का पहनने के कारण कुछ हिंदू लड़कों द्वारा पीछा किये जाने के विरोध में "अल्लाह-हु-अकबर" चिल्लाने के कारण इस वीडियो में वायरल हुई एक लड़की को पूरे देश में "हिजाब गर्ल" के नाम से जाना गया. इस स्कूल में कक्षा के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के फ़ैसले का काफ़ी विरोध हुआ और बाद में देश के एक बड़े हिस्से में धार्मिक तनाव की स्थिति फैल गई थी.
बाद में NDTV, द वायर और कई मीडिया संस्थानों से बात करते हुए हिजाब गर्ल के नाम से वायरल छात्रा ने अपना नाम मुस्कान खान बताया.
इस तस्वीर को फ़ेसबुक पर यहां और यहां साथ ही ट्विटर पर यहां और यहां इसी दावे के साथ शेयर किया गया है.
हालांकि दावा ग़लत है.
वायरल तस्वीर को एडिट कर एक उसमें एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता की तस्वीर के चेहरे को जोड़ा गया है, ये तस्वीर मुस्कान खान की नहीं है.
एडिट की हुई तस्वीर
रिवर्स इमेज सर्च की सहायता से खोजने पर हमें बिल्कुल ऐसी ही एक तस्वीर ट्विटर पर 30 अप्रैल 2020 को शेयर की हुई मिली जिसमें लड़की का चेहरा बिल्कुल अलग है.
नीचे एडिटेड तस्वीर (बायें) और ट्विटर पर मिली तस्वीर (दायें) के बीच एक तुलना है.
ट्विटर यूज़र ने इसी महिला की दो अन्य तस्वीरें भी अलग-अलग कपड़ों में शेयर की हैं जिनके साथ हैशटैग लिखा था, ‘#tanyajena.’
कीवर्ड सर्च करने पर एक मॉडल तान्या जेना के नाम से bioofy.com पर एक पेज मिला जिसमें महिला की बिल्कुल वही तस्वीरें मिलीं जो ट्विटर पर थीं.
AFP को जेना द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड कोई ऑरिजनल तस्वीर नहीं मिली है.
राजनितिक कार्यकर्ता की तस्वीर
AFP ने पाया कि वायरल तस्वीर में दिख रहा चेहरा नजमा नज़ीर नाम की एक महिला की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल में एक तस्वीर से मिलता है. नजमा खुद को बंगलौर में एक सामाजिक कार्यकर्ता बताती हैं.
नजमा नज़ीर मुस्लिम हैं और उन्होंने साल 2020 में जनता दल (सेकुलर) नाम की एक स्थानीय पार्टी भी ज्वाइन की थी.
नीचे वायरल तस्वीर (बायें) और नजमा नज़ीर की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल (दायें) के बीच एक तुलना है.
नजमा ने AFP से कहा कि उनकी तस्वीर को एडिट कर उसका ग़लत इस्तेमाल किया गया है.
"वह लोग मेरी तस्वीर शेयर कर रहे हैं क्योंकि मैं संविधान के अधिकारों के लिये आवाज़ उठाती हूँ और वो मेरे ख़िलाफ़ हैं."
हम पहले भी इस तरह के फ़ैक्ट-चेक यहां और यहां कर चुके हैं जिसमें नजमा नज़ीर की तस्वीर को ग़लत तरीक़े से हिजाब गर्ल के नाम से वायरल किया गया.
नज़ीर ने 10 फ़रवरी को ऑल्ट न्यूज़ के एक फ़ैक्ट-चेक को यहां अपनी फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर शेयर करते हुए ये स्पष्ट किया कि उनकी तस्वीर का ग़लत प्रयोग किया गया है.
उन्होंने पोस्ट में लिखा: "जब वो मुझे सिद्धांतों से नहीं हरा सके तो वो मेरा चरित्र हनन करने की कोशिश करने लगे. कुछ अंधभक्तों ने मुझे हराने के लिए मेरा चरित्र हनन करने की कोशिश की."