ईवीएम के खिलाफ़ प्रदर्शन का पुराना वीडियो दिल्ली के जंतर मंतर से है, महाराष्ट्र से नहीं
- प्रकाशित 11 दिसंबर 2024, 12h47
- 3 मिनट
- द्वारा Akshita KUMARI, एफप भारत
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एक फ़ेसबुक यूज़र ने 26 नवंबर, 2024 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "EVM हटाने की चिंगारी अब आंदोलन का रूप. महाराष्ट्र के कई गांवों में चुनाव आयोग के खिलाफ़ लोग सड़कों पर हैं. देश में #EVM को लेकर गहरा संदेह है."
पोस्ट के साथ शेयर किये गए वीडियो में भीड़ 'ईवीएम हटाओ, देश बचाओ' के नारे लगाती दिखाई दे रही है.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन्स के कथित दुरुपयोग के खिलाफ़ विपक्ष काफ़ी लंबे से समय से चुनावों में ईवीएम के उपयोग पर रोक लगाने की मांग कर रहा है.
विपक्षी नेताओं द्वारा नवंबर में महाराष्ट्र चुनावों में वोटिंग मशीनों में अनियमितताओं का आरोप लगाए जाने के बाद से ही यह वीडियो फ़ेसबुक और सोशल मीडिया साइट X पर शेयर किया जाने लगा.
इन आरोपों के बीच विपक्ष ने ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ़ जब विरोध प्रदर्शन शुरू किये तो चुनाव आयोग ने विपक्षी नेताओं की सभी वैध चिंताओं की समीक्षा का वादा किया (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
हालांकि सोशल मीडिया पर शेयर की गई वीडियो पुरानी है जिसे लोकसभा चुनाव से पहले -- जनवरी 2024 में -- दिल्ली के जंतर-मंतर पर ईवीएम के विरुद्ध किये गए प्रदर्शन के दौरान फ़िल्माया गया था.
दिल्ली में प्रदर्शन
गूगल पर कीफ़्रेम की रिवर्स इमेज सर्च करने पर 31 जनवरी 2024 को 'ओ हेराल्डो' नाम के न्यूज़ आउटलेट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर एक समान वीडियो पोस्ट किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).
यूट्यूब वीडियो का शीर्षक है, "ईवीएम पर प्रतिबंध लगाने के लिए देशव्यापी आंदोलन ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर गति पकड़ी."
नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई क्लिप (बाएं) और यूट्यूब पर शेयर किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.
समाचार वेबसाइट सबरंग ने भी 31 जनवरी को हुए विरोध प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें अपने आर्टिकल में प्रकाशित की (आर्काइव्ड लिंक).
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय लोकसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा ईवीएम से कथित छेड़छाड़ और दुरुपयोग के आरोपों के बीच भारत मुक्ति मोर्चा के बैनर तले लोगों ने हज़ारों की संख्या में रैली निकाली थी.
गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो और ओ हेराल्डो के वीडियो में दिखाई देने वाले साइनबोर्ड्स जंतर-मंतर पर लगे साइनबोर्ड्स से मेल खाते हैं.
एएफ़पी ने विधानसभा चुनावों से जुड़े अन्य गलत दावों को यहां और यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.