बैंक के बाहर लम्बी कतार का यह वीडियो अफ़गानिस्तान से है, भारत-पाक तनाव से संबंधित नहीं

भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग एक सप्ताह तक चली भीषण हिंसा को रोकने और सीज़फायर पर सहमत होने से पहले, बैंकों के बाहर लगी लंबी कतारों का एक वीडियो गलत दावे से शेयर करते हुए कहा गया कि युद्ध की घबराहट की वजह से पाकिस्तान में लोग बैंकों से पैसा निकाल रहे हैं. वास्तव में यह फ़ुटेज अगस्त 2021 में अफ़गानिस्तान में तालिबान शासन की वापसी के बाद बैंकिंग प्रतिबंधों की खबरों के साथ प्रकाशित किया गया था. 

X पर  6 मई, 2025 को पोस्ट किए गए वीडियो का कैप्शन है, "पाकिस्तान में गजब का पैनिक माहौल है. हर एक एटीएम के सामने लंबी-लंबी लाइन लगी है लोग पैसे निकाल रहे हैं राशन जमा कर रहे हैं." 

लगभग 105,000 से अधिक फ़ॉलोअर्स वाले इस अकाउंट द्वारा शेयर किए गए वीडियो में बैंकों के बाहर लोगों की कतारें दिखाई दे रही हैं.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 14 मई 2025

भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग चार दिन तक चली मिसाइल, ड्रोन और तोपों की गोलाबारी में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अचानक सीज़फायर की घोषणा की (आर्काइव्ड लिंक).

तनाव की शुरुआत 7 मई को हुई जब भारत ने पाकिस्तान प्रसाशित कश्मीर में मौजूद "आतंकी ठिकानों" पर मिसाइल हमले किए. यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद हुआ, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे.

भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया, लेकिन इस्लामाबाद ने इससे इनकार किया और भारत के मिसाइल हमलों पर  घातक जवाबी कार्रवाई की. 

फ़ेसबुक पर इसी तरह के कई पोस्ट में इस वीडियो को पाकिस्तान में "लोगों के घबराकर भागने" के तौर पर गलत दावे से शेयर किया गया है.

लेकिन वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया गया कि यह फ़ुटेज अफ़गान चैनल "आरियाना न्यूज़" द्वारा 30 अगस्त, 2021 को फ़ेसबुक पर पोस्ट किए गए एक लंबे वीडियो से मेल खाती है (आर्काइव्ड लिंक).

गलत दावे के वीडियो में "स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान" का लोगो क्लोज़-अप में दिखाया गया है, जो बाद में एडिट कर इसमें जोड़ा गया लगता है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और आरियाना न्यूज़ के वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना

टर्किश न्यूज़ वेबसाइट TRT वर्ल्ड की 31 अगस्त 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में इसी वीडियो को एम्बेड किया गया है जिसके अनुसार, अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में बैंकों के बाहर लंबी कतारें इसलिए लगी थीं क्योंकि तालिबान ने निजी खातों से धन निकासी की सीमा 200 डॉलर प्रतिदिन तय कर दी थी, जिससे लोगों में आगे और पाबंदियों का डर था (आर्काइव्ड लिंक).

अनादोलु एजेंसी द्वारा 1 सितंबर 2021 को ली गई एक फोटो -- जिसे AFP ने भी प्रकाशित किया -- में काबुल की वही बैंक इमारत दिखाई दे रही है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बायें) और अनादोलु एजेंसी की उसी लोकेशन की तस्वीर के स्क्रीनशॉट के बीच तुलना

भारत-पाकिस्तान तनाव से संबंधित अन्य फ़र्ज़ी सूचनाओं को एएफ़पी ने यहां, यहां और यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.

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