नेपाल में हुए विरोध प्रदर्शन के वीडियो को लद्दाख से जोड़कर शेयर किया गया

लद्दाख में 24 सितंबर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन हिंसक हो जाने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए. लेकिन एक वीडियो, जिसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा एक सरकारी इमारत पर धावा बोलने का दावा किया जा रहा है, वास्तव में नेपाल में "जेन-ज़ी" के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान फ़िल्माया गया था.

फ़ेसबुक पर सितंबर 25, 2025 को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है, "ये नेपाल नहीं लद्दाख है...सरहदें बदलती हैं, संघर्ष नहीं."

वीडियो में एक इमारत के सामने खड़ी भारी भीड़ दिखाई देती है.

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गलत दावे से शेयर की गई फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट जिस पर एएफ़पी द्वारा एक लाल X साइन जोड़ा गया है

ये वीडियो फ़ेसबुक, X, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स पर भी समान दावों के साथ शेयर की गयी है.

लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जारी आंदोलन 24 सितंबर को उस समय हिंसक हो गया जब लेह में भीड़ सड़कों पर उतर आई और सीआरपीएफ़ की एक वैन और भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया (आर्काइव्ड लिंक).

शुरुआत में पुलिस ने कहा कि पांच लोगों की मौत हुई है, लेकिन बाद में मृतकों की संख्या चार बताई गई.

केंद्र सरकार ने 2019 में लद्दाख को भारत प्रशासित कश्मीर से अलग कर इस क्षेत्र की आंशिक स्वायत्तता को रद्द करने के बाद दोनों को केंद्र-शासित प्रदेश बना दिया था.

यूज़र्स के कमेंट्स से पता चलता है उन्होंने दावे को सच मान लिया है.

एक यूज़र ने लिखा: "देश को आप पर गर्व होगा, हमारी जेनरेशन Z. भाजपा हटाओ, देश बचाओ."

एक अन्य ने टिप्पणी की, "नुक्सान की भरपाई इन लोगों से ही ली जाए. प्लीज एक्शन लें पीएम मोदी."

लेकिन यह क्लिप नेपाल के चितवन में फ़िल्माई गई थी.

नेपाल विरोध प्रदर्शन

गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो के की-फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर सितंबर 9, 2025 को फ़ेसबुक पर शेयर की गई एक समान क्लिप मिली (आर्काइव्ड लिंक).

इसका हिंदी कैप्शन है, "चितवन का सीडीओ कार्यालय परिसर."

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गलत दावे से शेयर किये गए वीडियो (बाएं) और फ़ेसबुक पर शेयर किये गए वीडियो की स्क्रीनशॉट तुलना

क्लिप को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि क्षतिग्रस्त पट्टिका पर नेपाल का झंडा लगा हुआ है, जबकि पट्टिका और इमारत दोनों पर नेपाली में "जिल्ला प्रशासन कार्यालय चितवन" लिखा हुआ है (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे की पोस्ट का स्क्रीनशॉट जिसमे नेपाल के झंडे को हाइलाइट किया गया है

नेपाल स्थित मीडिया आउटलेट सिनर्जी एफ़एम ने भी सितंबर 9, 2025 को प्रदर्शनकारियों के ऐसे ही दृश्य "चितवन में प्रशासनिक कार्यालय में तोड़फोड़" कैप्शन के साथ शेयर किए थे  (आर्काइव्ड लिंक).

स्थानीय मीडिया ने 9 सितंबर को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने चितवन सहित कई ज़िलों में सार्वजनिक कार्यालयों और राजनीतिक दलों की इमारतों में तोड़फोड़ की (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां). 

नेपाल के चितवन प्रशासनिक कार्यालय की गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी गलत दावे की पोस्ट में दिखाई गई इमारत से मेल खाती है (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर की गई क्लिप (बाएं) और प्रशासन कार्यालय की गूगल स्ट्रीट व्यू इमेजरी की स्क्रीनशॉट तुलना, एएफ़पी द्वारा समानताएं हाइलाइट की गयी हैं

एएफ़पी ने पहले भी नेपाल विरोध प्रदर्शनों से संबंधित फ़ेक न्यूज़ को फ़ैक्ट चेक किया है.

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