क्रिसमस की आतिशबाज़ी का वीडियो 'मुस्लिमों द्वारा बॉन्डी बीच गोलीबारी का जश्न' बताकर शेयर किया गया

ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के बॉन्डी बीच पर हमलावरों द्वारा गोलीबारी में 15 लोगों की हत्या के कुछ घंटों बाद क्रिसमस की आतिशबाज़ी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर किया गया कि ये मुस्लिम समुदाय को बॉन्डी में हुए खुनी हमले का जश्न मनाते दिखाता है. हालांकि एक सामुदायिक समूह ने एएफ़पी को बताया कि यह आतिशबाज़ी उनके सालाना क्रिसमस कार्यक्रम का हिस्सा थी, जिसकी प्लानिंग कई महीने पहले कर दी गई थी और इसका बॉन्डी में हुई गोलीबारी से "किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं" है.

सोशल मीडिया साइट फ़ेसबुक पर 15 दिसंबर, 2025 को एक वीडियो शेयर की गई.

पोस्ट का कैप्शन है, "ऑस्ट्रेलिया का  शांतिदूत  मुसलमान आतंकी मुसलमानों द्वारा मारे गए दर्जनों यहूदियों की खुशी में उत्सव मना रहा है..!! मुसलमान किसी भी देश का क्यों न हो इनके खून में इनकी कॉम सनी हुई है."

साथ शेयर किये गए वीडियो में रात के आकाश में रंग-बिरंगी आतिशबाज़ी दिखाई देती है.

देखें छिपाएं

चेतावनी

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गलत दावे से शेयर की गई फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट जिस पर एएफ़पी द्वारा X साइन जोड़ा गया है

इसी तरह के पोस्ट सोशल मीडिया साइट X, फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी शेयर किए गए.

यही क्लिप ब्रिटेन, तुर्की और दक्षिण अफ़्रीका सहित अन्य देशों के यूज़र्स द्वारा भी शेयर किया गया था.

वीडियो 14 दिसंबर को हनुक्का की शुरुआत के लिए ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर जमा भीड़ को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में 15 लोगों की हत्या के बाद वायरल हुआ (आर्काइव्ड लिंक). इसके अलावा 42 अन्य लोगों को गोली लगने और अन्य चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने कहा कि हमलावर, जिनमें से एक पुलिस अधिकारियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया, संभवतः "इस्लामिक स्टेट विचारधारा" से प्रेरित थे (आर्काइव्ड लिंक).

लेकिन यह दावा कि वायरल वीडियो हमले का जश्न दिखा रहा है, ऑस्ट्रेलिया के सबसे घातक सामूहिक गोलीबारी की घटनाओं के बाद ऑनलाइन फैली गलत सूचना का एक और उदाहरण है (आर्काइव्ड लिंक).

वायरल पोस्ट्स पर कुछ कमेंट्स में "सभी मुसलमानों को देश से निकाल" देने की मांग की गई, जबकि अन्य यूज़र्स ने गलत जानकारी फैलाने की निंदा की.

एक यूज़र ने लिखा: "मुसलमान एक वायरस है और कुछ नहीं अभी भी वक्त है सेक्युलर मूर्ख गैर मुस्लिमो सुधार जाओ वरना जानवर की तरह मारे जाओगे."

एक अन्य ने कमेंट किया, "बहुत घटिया प्रवृत्ति के लोग है."

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर पता चला कि बैंकस्टाउन के पड़ोसी इलाके पैडस्टो के स्थानीय रोटरी क्लब ने 14 दिसंबर की शाम को आतिशबाज़ी के प्रदर्शन की योजना बनाई थी (आर्काइव्ड लिंक).

पैडस्टो के रोटरी क्लब ने 15 दिसंबर को एएफ़पी को भेजे एक मैसेज में कहा, "आतिशबाज़ी हमारे वार्षिक क्रिसमस कैरोल्स इवेंट का हिस्सा थी. इस कार्यक्रम और आतिशबाज़ी प्रदर्शन की योजना महीनों पहले बनाई गई थी" (आर्काइव्ड लिंक).

रोटरी क्लब ने कहा, "इसका बॉन्डी में हुए हमले से कोई संबंध नहीं है."

बैंकस्टाउन और पैडस्टो, सिटी ऑफ़ कैंटरबरी बैंकस्टाउन का हिस्सा हैं, जो कई इलाकों से मिलकर बनी एक काउंसिल है. इस काउंसिल ने अपनी वेबसाइट पर भी इस इवेंट की घोषणा की थी (आर्काइव्ड लिंक).

वेबसाइट पर लिखा था: "इस साल पैडस्टो रोटरी क्लब द्वारा इस इवेंट का 57वां साल है, जो कम्युनिटी के लिए आयोजित किया जा रहा है. हमारी रात सभी के आनंद के लिए शानदार आतिशबाज़ी डिस्प्ले के साथ समाप्त होगी."

यह इलाका सिडनी के सबसे सांस्कृतिक रूप से विविध इलाकों में से एक है और इसमें 120 से अधिक राष्ट्रीयताओं के लोग रहते हैं (आर्काइव्ड लिंक).

काउंसिल के एक प्रवक्ता ने 16 दिसंबर को एएफ़पी को बताया कि क्रिसमस मनाने के लिए प्लेफ़ोर्ड पार्क में यह कम्युनिटी इवेंट आयोजित किया गया था.

उन्होंने कहा, "हमें अपने शहर में आयोजित किसी अन्य आतिशबाज़ी कार्यक्रम की जानकारी नहीं है.

"सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत जानकारी हानिकारक है और इसका मकसद लोगों को ठेस पहुंचाना है," उन्होंने आगे कहा.

रिवर्स इमेज सर्च से भी 14 दिसंबर से पहले वीडियो शेयर करने वाली कोई पोस्ट नहीं मिली थी.

एएफ़पी ने सिडनी में हुई गोलीबारी की घटना के बाद फैल रहे अन्य गलत दावों की भी फ़ैक्ट-चेक किया है.

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