सिडनी निवासी को बॉन्डी बीच गोलीबारी का हमलावार बताते हुए गलत दावे के पोस्ट शेयर किए गए

बॉन्डी बीच गोलीबारी की घटना में 15 लोगों की मौत के बाद ऑस्ट्रेलियाई पब्लिक ब्रॉडकास्टर एबीसी ने एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से हमलावरों में से एक का नाम नवीद अकरम बताया जिसके बाद हमलावर की कथित तस्वीर सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हुई, लेकिन असल में वो तस्वीर उसी नाम के एक दूसरे व्यक्ति के फ़ेसबुक प्रोफाइल से ली गई थी. सिडनी के जिस निवासी की गलत पहचान हुई थी, उसने एएफ़पी को बताया कि उन्हें ऑनलाइन जान से मारने की धमकियां मिल रही है जिनसे वह बेहद डरे हुए हैं.

फ़ेसबुक पोस्ट पर 15 दिसंबर, 2025 को शेयर की गई तस्वीर में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की जर्सी पहने एक व्यक्ति मुस्कुराता हुआ दिखाई दे रहा है.

पोस्ट का आंशिक कैप्शन है, "सिडनी के इस आतंकी का नाम नावीद अहमद है. यह शरणार्थी बनकर पाकिस्तान से ऑस्ट्रेलिया आया था."

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गलत दावे से शेयर की गई फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट जिस पर एएफ़पी द्वारा X साइन जोड़ा गया है

यह पोस्ट 14 दिसंबर की शाम को ऑस्ट्रेलिया के मशहूर बॉन्डी बीच पर एक यहूदी फ़ेस्टिवल में पिता-पुत्र की जोड़ी द्वारा की गई गोलीबारी के कुछ घंटों बाद सामने आई (आर्काइव्ड लिंक).

हमलावरों ने 15 लोगों को मार डाला, जिनमें सबसे बुज़ुर्ग 87 वर्ष के थे. सबसे कम उम्र की पीड़ित एक 10 वर्षीय बच्ची थी, जिसकी बाद में अस्पताल में मृत्यु हो गई.

रात भर में 42 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से पांच की हालत गंभीर थी. इनमें दो पुलिस अधिकारी भी शामिल थे.

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने हमलावरों की पहचान साजिद अकरम और उनके बेटे नवीद अकरम के रूप में की है.

पुलिस का कहना है कि 50 वर्षीय पिता पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया, जबकि उसका 24 वर्षीय बेटा पुलिस की निगरानी में अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती है.

न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स ने इस हमले को आतंकवादी घटना घोषित किया.

प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज़ ने कहा कि हमलावर "इस्लामिक स्टेट की विचारधारा" से प्रेरित थे (आर्काइव्ड लिंक).

भारत, यूनाइटेड किंगडम और स्पेन के यूज़र्स ने भी यही तस्वीर पोस्ट की और ये गलत दावा किया कि यह शूटर नवीद अकरम की तस्वीर है.

'जान का खतरा'

गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से पता चला कि क्रिकेट स्टेडियम में दिख रही उस व्यक्ति की तस्वीर "Sheikh Naveed" नाम के एक फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से उठाई गई थी -- जो सिडनी के उत्तर-पश्चिमी उपनगर में रहने वाले 30 वर्षीय नवीद अकरम की है.

उन्होंने 15 दिसंबर को एएफ़पी को फोन पर बताया कि यह उनका ही अकाउंट है और 2019 में शेयर की गई ये तस्वीर उनकी ही है, जिसमें 'pakvsaus', 'cricket' और 'Australia' जैसे हैशटैग्स हैं (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर किए गए तस्वीर (बाएं) और नवीद अकरम के पेज से ली गई पोस्ट (दाएं) की स्क्रीनशॉट तुलना

अकरम ने कहा, "कोई मेरी तस्वीर का गलत इस्तेमाल कर रहा है, जिससे मेरी सुरक्षा, प्रतिष्ठा और जान खतरे में है." उन्होंने लोगों से अपील की कि इस तस्वीर को शेयर करना बंद करें और "अगर आप यह गलत जानकारी फैलते हुए देखें तो दूसरों को सुधारें."

उन्होंने आगे बताया कि 14 दिसंबर की रात करीब 9:30 बजे उन्हें पहली बार पता चला कि उनकी तस्वीर को सिडनी हमले का शूटर बताकर शेयर किया जा रहा है, जिसके बाद उन्होंने तुरंत फ़ेसबुक पर आए मैसेजेस को डिलीट कर दिया.

अकरम ने कहा, "मैं कल रात सो भी नहीं पाया. मैं बहुत डरा हुआ हूं. मैं बाहर नहीं निकल पा रहा हूं, क्योंकि यह जानलेवा मामला है, इसलिए मैं कोई जोखिम नहीं लेना चाहता."

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ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच इलाके का इन्फोग्राफ़िक नक्शा, जहां 14 दिसंबर को यहूदी हनुक्का फ़ेस्टिवल के दौरान हमलावरों ने कम से कम 15 लोगों की हत्या कर दी

उन्होंने 15 दिसंबर की सुबह एक पोस्ट में लिखा कि "जो तस्वीर शेयर हो रही है, वह बॉन्डी बीच घटना में शामिल व्यक्ति की नहीं है" (आर्काइव्ड लिंक).

उसी दिन सिडनी में स्थित पाकिस्तानी काउंसिलेट द्वारा प्रकाशित एक वीडियो में उन्होंने लोगों से गलत सूचना फैलाने से रोकने की अपील भी की (आर्काइव्ड लिंक).

उन्होंने कहा, "मेरा उस घटना या उस व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं है." उन्होंने बॉन्डी बीच पर हुई "भयानक" गोलीबारी की निंदा की और लोगों से अपील की कि जो अकाउंट उनकी फ़ोटो का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें रिपोर्ट करें.

 काउंसिलेट की पोस्ट में यह भी बताया गया कि कौन्सेल जनरल कमर ज़मान ने अकरम से बात की थी (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो का कैप्शन है, "इस हरकत से एक निर्दोष पाकिस्तानी नागरिक की जान खतरे में पड़ गई है."

अकरम ने एएफ़पी को बताया कि उन्होंने पाकिस्तानी दूतावास से वीडियो जारी करने का अनुरोध किया क्योंकि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहने वाले उनके रिश्तेदारों को भी फ़ोन आने लगे थे.

उन्होंने कहा, "इससे मेरी और मेरे परिवार की छवि खराब हो रही थी. लोग उन्हें फ़ोन करने लगे. वे परेशान हो गए और उन्होंने वहां की पुलिस को सूचना दी."

एएफ़पी ने बॉन्डी बीच गोलीबारी से जुड़े अन्य गलत दावों का यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.

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