रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भारतीय धार्मिक स्थलों पर दिखाती ये तस्वीरें एआई जनरेटेड हैं
- प्रकाशित 22 दिसंबर 2025, 13h45
- 2 मिनट
- द्वारा Akshita KUMARI, एफप भारत
दिसंबर 2025 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा समाप्त होने के बाद, एआई की मदद से बनाई गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर इस गलत दावे से शेयर की गई कि पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ धार्मिक स्थलों के दर्शन किए हैं. हालांकि, पुतिन के इन जगहों पर जाने की कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है और ना ही इसका उल्लेख भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी यात्रा कार्यक्रम में किया गया था.
फ़ेसबुक पर 7 दिसंबर 2025 को शेयर की गई एक पोस्ट में लिखा है, "वाह! मोदी जी अपने तो राम मंदिर के भी दर्शन करवा दिए पुतिन को."
पोस्ट में शामिल तस्वीर में पुतिन किसी मंदिर जैसी जगह पर दिखाई दे रहे हैं. वे प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बगल में खड़े हैं.
तस्वीर के ऊपर "जय श्री राम" लिखा हुआ है.
इसी तरह के अलग-अलग दावे करती तस्वीरें 8 और 9 दिसंबर को फ़ेसबुक और X पोस्ट में शेयर की गईं जिनमें पुतिन, मोदी और आदित्यनाथ वाराणसी में गंगा नदी के घाट के पास खड़े दिखाई दे रहे हैं.
ये तस्वीरें पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा समाप्त होने के बाद शेयर की गईं जो यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद उनकी पहली भारत यात्रा थी, जिसमें ऊर्जा, रक्षा और व्यापार पर बातचीत प्रमुख रही (आर्काइव्ड लिंक).
भारत पर रूस से तेल खरीदना बंद करने के लिए अमेरिका का भारी दबाव है, क्योंकि वाशिंगटन का कहना है कि इससे मॉस्को को यूक्रेन युद्ध के लिए पैसे की मदद मिलती है.
पुतिन ने कहा कि वह भारत को ईंधन की "निरंतर आपूर्ति" जारी रखने के लिए तैयार हैं, वही मोदी ने रूसी नेता को उनके "अटूट समर्थन" के लिए धन्यवाद दिया.
लेकिन पुतिन द्वारा अपनी यात्रा के दौरान अयोध्या में राम मंदिर या वाराणसी में गंगा नदी जाने की कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है.
भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी यात्रा कार्यक्रम और रूसी राष्ट्रपति की वेबसाइट पर दी गई कार्यक्रमों की जानकारी के अनुसार, पुतिन अपनी पूरी राजकीय यात्रा के दौरान सिर्फ़ दिल्ली में ही रहे (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से पता चला कि पर इन तस्वीरों को "Made with Google AI" के रूप में चिह्नित किया गया था. इसके साथ ही एक पोस्ट में समान तस्वीर मिली जिस पर गूगल के एआई असिस्टेंट जेमिनी का वॉटरमार्क था.
हाइव (Hive) के एआई डिटेक्शन टूल का उपयोग करके किए गए विश्लेषण से भी पता चलता है कि लगभग 99 प्रतिशत संभावना है कि गलत दावे से शेयर की गई तस्वीरें एआई टूल्स की मदद से बनाई गई थीं (आर्काइव्ड लिंक).
इसके अलावा, इन तस्वीरों में दृश्य संबंधी विसंगतियां हैं -- जैसे बैकग्राउंड में असंगत और विकृत चीज़े दिखाई देती है -- जो इस बात का संकेत हैं कि इसे आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है.
एएफ़पी ने पहले भी मोदी और पुतिन को निशाना बनाने वाली अन्य गलत सूचनाओं को फ़ैक्ट-चेक किया है.
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