अफ़ग़ानिस्तान में हुए प्रदर्शन की पुरानी तस्वीर काबुल धमाके की बतायी गई

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 15 सितम्बर 2021, 17h02
  • अपडेटेड 16 सितम्बर 2021, 05h18
  • 2 मिनट
  • द्वारा एफप भारत
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफ़ी वायरल है जिसमें खून से भरी हुई किसी जगह में जूते तैर रहे हैं. इसे हाल ही में काबुल हवाई अड्डे के पास हुए बम धमाके का बताया जा रहा है. यह दावा भ्रामक है: यह तस्वीर 2017 की है जब काबुल में एक प्रदर्शन के दौरान नदी में लाल रंग मिला दिया गया था.

फ़ेसबुक पर 27 अगस्त को ये तस्वीर शेयर करते हुए एक पोस्ट में कहा गया, “90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. काबुल एयर फील्ड में पिछले दिन हुए विस्फोट में 90 से अधिक लोगों की मौत हो गयी और 150 अन्य घायल हो गए हैं. इनमें से 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं.”

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भ्रामक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

तालिबान ने अगस्त में अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया. इसके बाद से ही इंटरनेट पर अफ़ग़ानिस्तान से जुड़ी कई भ्रामक और ग़लत सूचनाएं फैल रही हैं.

6 अगस्त को एक आत्मघाती हमलावर ने काबुल हवाई अड्डे के पास अफ़ग़ानिस्तान को छोड़कर जाने वाले लोगों की भीड़ के बीच धमाका किया था जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हो गयी थी.

वायरल तस्वीर एयरपोर्ट के पास किये गए धमाके वाले दावे के साथ ट्विटर पर यहां और यहां; और फ़ेसबुक पर यहां पोस्ट किये गए.

लेकिन यह दावा भ्रामक है.

इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर एक अफ़ग़ान वेबसाइट के आर्टिकल में ये तस्वीर मिली जिसे 12 फ़रवरी, 2017 को प्रकाशित किया गया था.

पारसी भाषा में छपे इस आर्टिकल में काबुल में हुए एक प्रदर्शन के बारे में बताया गया है जब नागरिकों की मौत पर UNAMA की वार्षिक रिपोर्ट आयी थी. प्रदर्शनकारियों ने इन मौतों का विरोध करते हुए एक नदी के पानी में लाल रंग मिला दिया था.

नीचे भ्रामक पोस्ट (बाएं) और अफ़ग़ान वेबसाइट पर छपी तस्वीर (दाएं) की तुलना देख सकते हैं.

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दोनों तस्वीरों की तुलना

काबुल के न्यूज़ आउटलेट TOLO न्यूज़ ने भी फ़रवरी 2017 में हुए इस प्रदर्शन पर रिपोर्ट किया था.

इस आर्टिकल में लिखा है, “प्रदर्शन के आयोजकों ने खून की नदी दिखने के लिए काबुल नदी में लाल रंग मिलो दिया था, वो युद्ध का भयावह रूप दिखाना चाहते थे.”

चीनी न्यूज़ नेटवर्क CGTN ने इस घटनाक्रम पर वीडियो स्टोरी की थी जिसे यूट्यूब पर 11 फरवरी, 2017 को यहां अपलोड किया गया था.

इस प्रदर्शन का आयोजन करने वाले संगठन अफ़ग़ानिस्तान 1400 ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 11 फरवरी, 2021 को मौके की तस्वीर पोस्ट करते हुए बयान जारी किया था.

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