कोरोना लॉकडाउन के समय बैंक के बाहर महिलाओं की कतार का वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

लोकसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पोस्ट्स पर एक वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि मुस्लिम महिलायें कांग्रेस पार्टी की महालक्ष्मी योजना के तहत 8,500 रुपये की राशि प्राप्त करने के लिए कतार में खड़ी हैं. ज्ञात हो कि कांग्रेस पार्टी ने चुनावी वादे के तौर पर गरीब परिवारों को वित्तीय सहायता देने का वादा किया था. हालांकि यह फ़ुटेज वास्तव में अप्रैल 2020 में फ़िल्माई गई थी, जब एक अफ़वाह फैलने के बाद लोगों की भीड़ एक बैंक के बाहर सरकारी सहायता का पैसा निकालने के लिये जमा हो गई थी.

वीडियो को X पर 10 जून 2024 को यहां शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "अकबर, बाबर और औरंगजेब के परिवार के सदस्य राहुल गांधी की "खटाखट योजना" के तहत 8500 रुपये प्रति माह पाने के लिए कतार में हैं."

वीडियो में एक बैंक के बाहर बुर्के में बैठी महिलाओं की कतार देखी जा सकती है.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 26 जून 2024

वीडियो को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है. 

हालांकि वीडियो 2020 का है और एक अफ़वाह फैलने के बाद लोगों को बैंक के बाहर पैसे निकालने के लिये लाइन में लगे दिखाता है. 

2020 का वीडियो

वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर इस वीडियो का एक क्लियर वर्ज़न 2021 की एक X पोस्ट में मिला (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो के 27-सेकंड के मार्क पर एक बिलबोर्ड में 'मुज़फ्फरनगर' लिखा दिखाई देता है.

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2021 में शेयर की गई X पोस्ट का स्क्रीनशॉट जिसमें 'मुज़फ्फरनगर' को हाईलाइट किया गया है

आगे गूगल कीवर्ड सर्च करने पर हमें न्यूज़ आउटलेट न्यूज़18 की 20 अप्रैल, 2020 की एक रिपोर्ट में यही वीडियो मिला (आर्काइव्ड लिंक).

रिपोर्ट की हेडलाइन है: "मुज़फ्फरनगर में बैंक के बाहर भीड़ की वायरल क्लिप, खातों से पैसे वापस होने की अफ़वाह."

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और न्यूज़18 द्वारा 2020 में पोस्ट किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और न्यूज़18 द्वारा 2020 में पोस्ट किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना लॉकडाउन के समय सरकार द्वारा गरीब परिवार की महिलाओं के बैंक खातों में भेजी गई 500 रुपये की आर्थिक सहायता का पैसा निकालने के लिए लोग लाइनों में लग गये, क्योंकि एक अफ़वाह फैली कि अगर जमा राशि उन्होंने नहीं निकाली तो सरकार इसे वापस ले लेगी.

केन्द्र सरकार ने महामारी के दौरान गरीब परिवारों की मदद करने के लिए योजना के लाभार्थियों को तीन महीने के लिए 500 रुपये ट्रांसफ़र करने की घोषणा की थी (आर्काइव्ड लिंक).

भारत के वित्तीय सेवा विभाग ने भी इन अफ़वाहों का खंडन किया था (आर्काइव्ड लिंक). 

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