तेलुगू देशम पार्टी समर्थकोंं के प्रदर्शन का पुराना वीडियो हालिया बताकर गलत दावे से शेयर किया गया
- प्रकाशित 25 जून 2024, 20h19
- 3 मिनट
- द्वारा Devesh MISHRA, एफप भारत
वीडियो को फ़ेसबुक पर 8 जून 2024 को यहां शेयर किया गया है.
पोस्ट का कैप्शन है, "आंध्रप्रदेश में चंद्रबाबू के द्वारा बीजेपी को समर्थन दिये जाने पर जिहादियों का भयंकर उत्पात. देखिए कैसी अराजकता फैला रहे हैं. धर्म निरपेक्षता का पाठ पढ़ाने वाले अब बताए ये कौनसी मानसिकता है."
आगे कैप्शन है, "आज BJP को थोड़ी कम सीट्स मिलने से कथित सेकुलर बहुत खुश होंगे परन्तु सिर्फ 10 साल रुको, ये धर्मनिरपेक्षता का भूत सभी का उतर ही जायेगा, तब याद करोगे की आपने अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मारी थी."
वीडियो में कुछ लोग पहले चंद्रबाबू नायडू की तस्वीर पर चप्पल मारते हैं और बाद में उसे आग में फेंकते दिखाई देते हैं.
यह पोस्ट आम चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद से ही शेयर होना शुरु हुई जिसमें भाजपा बहुमत ला पाने में असफ़ल रही और उसे टीडीपी सहित अन्य दलों के साथ गठबंधन सरकार बनानी पड़ी.
नायडू की क्षेत्रीय पार्टी टीडीपी ने आम चुनावों में 16 सीटें जीतीं और नई सरकार बनाने वाले एनडीए गठबंधन में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई.
वीडियो को फ़ेसबुक पर यहां, यहां और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर इसी तरह के गलत दावे के साथ यहां शेयर किया गया है.
हालांकि वीडियो अप्रैल में शुरू होने वाले आम चुनाव से लगभग एक महीने पहले से सोशल मीडिया और खबरों में है.
पुराना वीडियो
वीडियो के कीफ़्रेम्स को कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 29 मार्च को तेलुगू भाषा के समाचार आउटलेट समयम तेलुगू के वेरिफ़ाइड फ़ेसबुक पेज पर अपलोड किये गये इस क्लिप का एक लंबा वर्ज़न मिला (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो का तेलुगू कैप्शन है, "गुंटकल में टीडीपी पार्टी के समर्थकों ने चंद्रबाबू की तस्वीर पर थप्पड़ मारे."
गुंटकल आंध्र प्रदेश के अनंतपुर ज़िले का एक शहर है (आर्काइव्ड लिंक).
वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार, टीडीपी के समर्थक पार्टी द्वारा विधानसभा चुनावों के लिए टिकट वितरण में स्थानीय नेता जीतेंद्र गौड़ को शामिल न करने के फैसले से नाराज़ थे.
इस घटना की रिपोर्ट कई समाचार आउटलेट्स ने यहां, यहां और यहां की है (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां और यहां).
रिपोर्ट्स के अनुसार, पार्टी ने गौड़ के बजाय एक "गैर-स्थानीय" उम्मीदवार को टिकट दिया था.
नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और समयम तेलुगू के फ़ेसबुक पेज पर अपलोड किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.
एएफ़पी को नायडू के भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद मुसलमानों द्वारा उनके खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन की कोई विश्वसनीय न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली है.
एएफ़पी ने लोकसभा चुनावों से जुड़ी अन्य फ़र्ज़ी सूचनाओं को यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.