
पश्चिम बंगाल हिंसा के दावे से वायरल ये वीडियो दरअसल नेपाल में हुई झड़प दिखाता है
- प्रकाशित 28 अप्रैल 2025, 14h21
- 4 मिनट
- द्वारा Akshita KUMARI, एफप भारत
कॉपीराइट © एएफ़पी 2017-2025. इस कंटेंट के किसी भी तरह के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए सब्सक्रिप्शन की ज़रूरत पड़ेगी. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
फ़ेसबुक पर 13 अप्रैल, 2025 को शेयर किए गए वीडियो का कैप्शन है, "तरस आता है बंगाल पुलिस की हालत देखकर, बलवाइयों पर गोली तक नहीं चला सकते है."
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का ज़िक्र करते हुए कैप्शन आगे कहता है, "ममता बनर्जी का ख़ौफ़ इतना है कि ईंट खा लेंगे पर कुछ नहीं करेंगे हद है!"
क्लिप में पुलिसकर्मियों को उपद्रवियों द्वारा फेंके गए पत्थरों से बचने के लिए पुलिस शील्ड्स का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है.

मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन के तरीके में संशोधन करने वाले वक़्फ़ बिल के पारित होने पर पश्चिम बंगाल में हुए घातक विरोध प्रदर्शनों के बाद यह वीडियो शेयर किया गया (आर्काइव्ड लिंक).
केंद्र सरकार की माने तो वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 वक़्फ़ संपत्तियों को नियंत्रित करने वाले शक्तिशाली बोर्डों को जवाबदेह बनाकर भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा.
हालांकि विपक्ष ने इस बिल को भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर ध्रुवीकरण करने वाला "हमला" बताया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर अपने दक्षिणपंथी हिंदू आधार का समर्थन जीतने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया है.
इस फ़ुटेज को फ़ेसबुक, X और इंस्टाग्राम पर भी इसी तरह के गलत दावों के साथ शेयर किया गया है.
लेकिन क्लिप पश्चिम बंगाल में नहीं फ़िल्माई गई है.
नेपाल में प्रदर्शन
वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 28 मार्च को फ़ेसबुक पर शेयर की गई मिलती-जुलती क्लिप मिली (आर्काइव्ड लिंक).
गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो और 28 मार्च की क्लिप -- दोनों में पुलिस को पत्थर और ईंट फेंक रहे लोगों से खुद को बचाते हुए देखा जा सकता है, जिनमें वह बंद दुकानों और ईंट की दीवार के सहारे खड़े हैं.
पोस्ट के साथ नेपाली-भाषा के कैप्शन का अनुवाद है, "आज टिंकुने में पुलिस पर इस तरह हमला किया गया." यह नेपाल की राजधानी काठमांडू के एक इलाके का ज़िक्र करता है.

इसके अलावा, गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो में दीवार पर दिख रहा एक लोगो, काठमांडू के एक रेस्तरां के लोगो से मेल खाता है, जैसा कि गूगल मैप्स की तस्वीर में देखा जा सकता है (आर्काइव्ड लिंक).

राजशाही की बहाली की मांग को लेकर 28 मार्च को काठमांडू में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पत्रकार और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी (आर्काइव्ड लिंक).
नेपाल संसद द्वारा 2008 में राजशाही को ख़त्म करने के बाद, एक संघीय और गणतंत्रात्मक राजनीतिक प्रणाली को अपनाया, जो एक शांति समझौते का हिस्सा था जिसने 16,000 से अधिक मौतों के लिए ज़िम्मेदार एक दशक लंबे गृहयुद्ध को समाप्त कर दिया.
पुलिस ने कहा कि अधिकारियों ने भीड़ के खिलाफ़ आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल करने के बाद हवा में रबर की गोलियां और लाइव राउंड फ़ायर किए. एएफ़पी के एक चश्मदीद फोटोग्राफ़र ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके.
एएफ़पी ने वक़्फ़ बिल से संबंधित अन्य गलत दावों को यहां, यहां और यहां फ़ैक्ट चेक किया है.
