कबाड़ से बने सिंगल-सीटर प्लेन उड़ाने का ये वीडियो बांग्लादेश से है, बिहार से नहीं

  • प्रकाशित 14 अगस्त 2025, 11h29
  • अपडेटेड 14 अगस्त 2025, 11h52
  • 3 मिनट
  • द्वारा Akshita KUMARI, एफप भारत
सोशल मीडिया यूज़र्स और न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा एक सिंगल-सीटर विमान उड़ाए जाने का वीडियो शेयर करते हुए ये गलत दावा किया गया कि स्क्रैप से बना ये विमान बिहार के एक लड़के ने बनाया है. हालांकि असल वीडियो बांग्लादेश में फ़िल्माया गया है और विमान बनाने वाले व्यक्ति ने एएफ़पी को बताया कि वह बांग्लादेशी है.

फ़ेसबुक पर एक पोस्ट में जुलाई 28, 2025 को 42 सेकंड्स का वीडियो शेयर किया गया है.

पोस्ट का कैप्शन है, "बिहार के युवा अवनीश कुमार ने केवल एक सप्ताह में, केवल स्क्रैप का उपयोग करके लगभग 7,000 रुपये की लागत से उड़ने वाला विमान बना डाला। बिहार में एक से बढ़कर एक टैलेंटेड लोग हैं जिन्हें सही मार्गदर्शन मिलने पर कुछ भी करने की क्षमता रखते हैं."

पोस्ट के साथ शामिल वीडियो में लोग एक सिंगल-सीटर विमान के उड़ान भरते वक़्त उसके पीछे दौड़ते दिखाई दे रहे हैं.

Image
गलत दावे से शेयर की गई फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट, अगस्त 12, 2025 जिस पर एएफ़पी द्वारा एक लाल X साइन जोड़ा गया है

यह क्लिप फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, थ्रेड्स और X पर भी इसी तरह के दावों के साथ शेयर की गई. कुछ मीडिया संस्थानों ने भी गलत दावे की वीडियो को अपनी रिपोर्ट्स में प्रसारित किया. 

कुछ यूज़र्स का मानना है कि यह क्लिप भारत में फ़िल्माई गई थी.

एक यूज़र ने कमेंट किया, "टैलेंट की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो सही मार्गदर्शन और मंच की."

एक अन्य ने लिखा, "बिहारी भाई लोग मेहनती होने के साथ-साथ अद्भुत बुद्धिमत्ता और जुगाड़ के धनी भी हैं."

लेकिन यह क्लिप असल में बांग्लादेश के जाफरगंज में फ़िल्माई गई थी.

गलत दावे से शेयर की गई क्लिप के की-फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर वही फ़ुटेज फ़ेसबुक पेज एविएशन वीडियोज़ पर जून 11, 2025 को शेयर किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट के कैप्शन का एक हिस्सा कहता है, "बांग्लादेश के मणिकगंज से 28 साल के एक इन्नोवेटर ने अपनी मेहनत से एक अल्ट्रालाइट विमान बनाया और उसे उड़ाया. एरोनॉटिक्स में कोई औपचारिक ट्रेनिंग न होने और वित्तीय बाधाओं का सामना करने के बावजूद, जुल्हास ने विमान पर तीन साल रिसर्च और एक साल निर्माण में बिताया, जिसमें लगभग 8 लाख टका (5,78,960 भारतीय रुपये) का निवेश किया गया."

Image
गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई क्लिप (बाएं) और फ़ेसबुक पर अपलोड किए गए वीडियो की स्क्रीनशॉट तुलना

कीवर्ड सर्च करने पर बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट डेली स्टार की मार्च 5 की रिपोर्ट में एक लंबा वीडियो मिला, जिसमें बताया गया था कि पेशे से इलेक्ट्रीशियन, 28 वर्षीय जुल्हास मोल्ला ने जाफरगंज में अपने अल्ट्रालाइट विमान को सफ़लतापूर्वक उड़ाया (आर्काइव्ड लिंक).

उन्होंने एएफ़पी से पुष्टि की कि गलत दावे की पोस्ट में दिख रहा वीडियो उनके द्वारा बनाए गए विमान का है.

मोल्ला ने 7 अगस्त को बताया, "मुझे इस विमान को बनाने में लगभग एक साल लगा क्योंकि मैं अपनी नियमित नौकरी के बीच इस पर काम करता रहा. मैंने इसे बनाने में 1,50,000 टका (1,08,600 भारतीय रुपये) खर्च किए."

उन्होंने आगे कहा, "मैंने देखा कि इसे भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स के बीच यह दावा करते हुए शेयर किया गया था कि इसे एक भारतीय व्यक्ति ने बनाया है, जो पूरी तरह से झूठ है."

एएफ़पी ने पहले भी बांग्लादेश से जुड़े फ़ेक न्यूज़ को यहां, यहां और यहां फ़ैक्ट चेक किया है.

Image

क्या कोई कंटेंट/न्यूज़/वीडियो या तस्वीर है जो आप चाहते हैं की AFP फ़ैक्ट चेक करे?

हमसे संपर्क करें