फ़ाइटर प्लेन को मार गिराने का ये वीडियो यूक्रेन-रूस तनाव का नहीं बल्कि लीबिया का है
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- प्रकाशित 3 मार्च 2022, 09h28
- 3 मिनट
- द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत
फ़ेसबुक पर 24 फ़रवरी, 2022 को शेयर किए गए फ़ुटेज के कैप्शन में लिखा है, "यूक्रेन द्वारा एक रूसी जेट को मार गिराने का यह वीडियो उनकी बहादुरी का उदाहरण है".
कैप्शन में आगे लिखा है, "यूक्रेन अपनी ताक़त भर लड़ रहा है और उसने रूस के कई फाइटर जेट्स को मार गिराया है लेकिन रूसी फ़ौज के चौतरफ़ा हमले को वह कब तक झेल पायेगा." वीडियो को अब तक लगभग 15 लाख बार से भी ज़्यादा देखा जा चुका है.
वीडियो में आग की चपेट में आया हुआ एक विमान तेज़ी से ज़मीन पर आकर गिर रहा है.
स्थानीय अधिकारीयों के मुताबिक रूस ने 2 मार्च को ख़ेरसॉन पर कब्ज़ा कर लिया. 24 फ़रवरी, 2022 को मॉस्को द्वारा शुरू किये गए हमले के बाद ये पहला बड़ा केंद्र है जिसे रूस ने कब्ज़ा किया है.
इस कड़े संघर्ष में अबतक सैकड़ों नागरिक मरे जा चुके हैं और तक़रीबन दस लाख लोग देश छोड़ चुके हैं, जिसे देखते हुए पश्चिमी देश रूस की अर्थव्यवस्था को हिलाने के लिए उसपर कड़े से कड़े प्रतिबन्ध लगा रहे हैं.
वीडियो को इसी तरह के दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां, यहां, और यहां साथ ही ट्विटर पर यहां और यहां शेयर किया गया है.
हालांकि वीडियो को गलत संदर्भ के साथ शेयर किया जा रहा है.
कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि इस वीडियो को वास्तव में एसोसिएटेड प्रेस न्यूज़ एजेंसी ने 19 मार्च 2011 को प्रकाशित किया था.
रिपोर्ट की हेडलाइन है, "लीबिया के विद्रोहियों ने विमान को मार गिराया".
"लीबिया के विद्रोहियों ने एक फाइटर प्लेन को मार गिराया है, जो शनिवार को उनके पूर्वी गढ़ बेंगाजी पर बमबारी कर रहा था. विपक्ष ने मुअम्मर गद्दाफ़ी की सरकार पर तत्काल संघर्ष विराम के आह्वान को न मानने का आरोप लगाया है."
नीचे वायरल पोस्ट के वीडियो (बायें) और एसोसिएटेड प्रेस की वीडियो रिपोर्ट (दायें) के स्क्रीनशॉट के बीच एक तुलना है.
इस वीडियो को 19 मार्च, 2011 को यहां ब्रिटेन के ब्रॉडकास्टर चैनल4न्यूज द्वारा के साथ प्रकाशित किया गया था जिसके डिस्क्रिप्शन में घटना की जानकारी दी गयी है.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से ही ऑनलाइन भ्रामक और ग़लत सूचनाओं की बाढ़ सी आ गई है. AFP ने यहां इस संघर्ष से जुड़ी भ्रामक और ग़लत सूचनाओं का फ़ैक्ट-चेक किया है.