‘बर्फ़ में प्रार्थना करते यूक्रेन के लोगों’ के दावे से वायरल ये तस्वीर पुरानी है

  • यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
  • प्रकाशित 9 मार्च 2022, 12h16
  • 3 मिनट
  • द्वारा एफप भारत
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि 24 फ़रवरी को रूस के यूक्रेन में आक्रमण करने के बाद यूक्रेन के लोग बर्फ़ में घुटनों के बल बैठकर प्रार्थना कर रहे हैं. जबकि, वास्तव में ये तस्वीर 2019 में खार्किव शहर के लोगों की है जो 2014 से रूसी अलगाववादियों द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद से ही शहर के चौक में हर दिन इसी तरह प्रार्थना करते हैं.

ट्विटर पर 24 फ़रवरी 2022 को घुटनों के बल बैठे लोगों की एक तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, "यूक्रेन में लोग कड़ाके की ठंड में युद्ध को रोकने के लिए प्रार्थना करते हुए."

अफ़्रीका के केन्या और घाना में भी इसी तरह की दर्जनों पोस्ट शेयर की गई हैं. ये दावा जर्मनी में भी शेयर किया जा रहा है.

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भ्रामक पोस्ट का स्क्रीनशॉट ( Uzair RIZVI)

हालांकि AFP फ़ैक्ट-चेक ने पाया कि इस तस्वीर का यूक्रेन पर रूस के हालिया आक्रमण से कोई लेना देना नहीं है.

पुरानी तस्वीर

तस्वीर रिवर्स इमेज सर्च करने पर ये हमें एक बैपटिस्ट मिशनरी सोसाइटी, इंटरनेशनल मिशन बोर्ड (IMB) द्वारा 2019 में प्रकाशित एक आर्टिकल में मिली. इस लेख में ये तस्वीर शामिल है जिसमें इनका क्रेडिट IMB को दिया गया है.

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25 फरवरी, 2022 को लिया गया IMB वेबसाइट के लेख का स्क्रीनशॉट

बिल्कुल यही कंटेंट हमें इसके आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर भी मिला. AFP से बातचीत में IMB ने ये स्पष्ट किया कि ये तस्वीर उनकी है.”

संगठन के अनुसार, मार्च 2014 में रूसी अलगाववादियों द्वारा देश पर हमला करने के बाद ही इस तस्वीर में खार्किव शहर के चौक पर यूक्रेनी लोगों को प्रार्थना करते हुए दिखाया गया है. चौक पर लोगों की ये प्रार्थना पांच साल तक चली थी.

रूस के क्रीमिया पर क़ब्ज़े के बाद ही ये सब शुरू हुआ जिससे दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता गया.

इस क्षेत्र की जिओलोकेशन से पता चलता है कि ये खार्किव शहर के चौक पर ली गई है, जिसे फ़्रीडम स्क्वायर भी कहा जाता है.

हमने भ्रामक पोस्ट में शेयर की जा रही तस्वीर की तुलना गूगल मैप के स्ट्रीट व्यू से की है और बैकग्राऊंड में दिख रही बिल्डिंग की तुलना की है.

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गूगल मैप्स पर खार्किव सिटी स्क्वायर के विज़ुअल और भ्रामक पोस्ट में दिख रही लोकेशन की तुलना

जबकि ये तस्वीर कुछ साल पुरानी है, CNN ने 24 फ़रवरी 2022 को एक वीडियो पोस्ट किया. रूस ने जब हमला शुरू किया तब इस वीडियो में खार्किव शहर के चौक पर लोगों को प्रार्थना करते देखा जा सकता है. ग़ौरतलब है कि वहां इस वक्त कोई बर्फ़ नहीं है.

रूस का आक्रमण

रूस ने 24 फ़रवरी 2022 को यूक्रेन पर पूरी तरह से ज़मीनी और हवाई हमले करना शुरू किया जिससे नागरिकों के हताहत होने की खबरें आने लगीं साथ ही लगभग 15 लाख से ज़्यादा लोगों को विस्थापित होने के लिये मजबूर होना पड़ा.

कई हफ़्तों की कूटनीतिक बैठकों के बाद भी रूसी राष्ट्रपति पुतिन नहीं रुके और यूक्रेन की सीमा पर लगभग डेढ़ लाख से अधिक सैनिकों को इकठ्ठा कर लिया जिसे पश्चिमी देश के नेताओं ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप का सबसे बड़ा सैन्य निर्माण कहा.

पुतिन के इस कदम की दुनिया भर की निंदा भी की गई है. यूरोपीय संघ के नेताओं ने मास्को को उसके वित्तीय, ऊर्जा और परिवहन के क्षेत्र में कड़े प्रतिबंध लगाकर दंडित करने पर भी सहमति जताई है.

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( Uzair RIZVI)
28 फ़रवरी 2022 This article has been updated to add metadata

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