युद्ध पर बनी पुरानी वृत्तचित्र की तस्वीरें यूक्रेन संघर्ष की बता वायरल
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- प्रकाशित 11 मार्च 2022, 06h58
- 3 मिनट
- द्वारा AFP थाईलैंड
ये वीडियो 25 फ़रवरी को फ़ेसबुक पर यहां पोस्ट करते हुए लिखा गया, "युद्ध पर जाने से पहले आखरी बार अपने परिवार से मिलते उक्रैन के सैनिक, वीडियो वायरल."
वायरल वीडियो में मुंह में नकाब और सेना की वर्दी पहने दो पुरुष रोती हुई महिलाओं को गले लगाते दिख रहे हैं.
वीडियो को इसी तरह के दावे के साथ फ़ेसबुक पर यहां और ट्विटर पर यहां, यहां शेयर किया गया है.
हालांकि वीडियो को भ्रामक संदर्भ में शेयर किया गया है.
जबकि 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के सभी पुरुषों को वास्तव में रूस की सेना से लड़ने के लिये यूक्रेन की सेना में शामिल होने के लिये बुलाया गया था, लेकिन ये वीडियो 2014 में रूस-यूक्रेन संघर्ष के बारे में बनी एक डॉक्यूमेंट्री से लिया गया है.
रिवर्स इमेज सर्च करने पर वीडियो की एक स्टिल तस्वीर हमें चेक गणराज्य डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर मिला जो पूर्वी और मध्य यूरोप में डॉक्यूमेंट्री के निर्माण में सहयोग करती है.
ये तस्वीर “द वार ऑफ़ किमेरास” नाम की डॉक्यूमेंट्री की तस्वीरों की एक गैलरी में शामिल था जिसे 2017 में रिलीज़ किया गया था.
डॉक्यूमेंट्री में इसकी सह निर्देशिका एनेस्टीशिया स्तारोज़हिकया और उनके यूक्रेनी सैनिक प्रेमी की यात्रा को दिखाया गया है, जब 2014 में रूस ने अपने क्रीमिया प्रायद्वीप पर क़ब्ज़ा कर लिया था.
नीचे भ्रामक वीडियो (बायें) और डॉक्यूमेंट्री की स्टिल तस्वीर (दायें) के बीच एक तुलना है:
फ़िल्म के पूरे हिस्से को यूट्यूब पर 23 फ़रवरी 2022 को अपलोड किया गया था. भ्रामक पोस्ट में शेयर की गई फ़ुटेज को 02:47 से 03:06 के टाइमस्टैंप पर देखा जा सकता है.
2014 में सैनिकों की विदाई
कुछ कीवर्ड्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर यूक्रेन के वॉलंटियर सैनिकों की अपने परिजनों को अलविदा कहते हुए कई तस्वीरें और वीडियो फ़ुटेज जून 2014 में कई मीडिया रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुई थीं.
इस वीडियो में 2:11 के टाइमस्टैंप पर भ्रामक वीडियो में दिख रही एक महिला को दूसरे ऐंगल से देखा जा सकता है. वीडियो, 23 जून 2014 को प्रकाशित किया गया था.
एक युवा यूक्रेनी सैनिक, जिसे आर्मी की वॉलंटियर यूनिट में भर्ती किया गया था उसकी अपने परिजनों को अलविदा कहते हुए एक तस्वीर AFP के फ़ोटोग्राफ़र ने यहां खींची थी.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान ग़लत और भ्रामक सूचनाओं की बाढ़ सी आ गई है. AFP के फ़ैक्ट-चेक यहां पढ़ें.