यूक्रेन में रुसी टैंक्स को पेट्रोल बम से उड़ाने के दावे करती ये तस्वीरें पुरानी हैं
- यह आर्टिकल एक साल से अधिक पुराना है.
- प्रकाशित 14 मार्च 2022, 10h08
- 4 मिनट
- द्वारा Anuradha PRASAD, एफप भारत
- अनुवाद और अनुकूलन Anuradha PRASAD
ट्विटर पर ये तस्वीरें 26 फ़रवरी को यहां शेयर करते हुए लिखा गया, "कीव में यूक्रेन के नागरिकों ने 2 रूसी टैंक्स को पेट्रोल बम से उड़ाया. वो अपनी राजधानी में रूसी सेना से लड़ने के लिए गोरिल्ला वॉर तकनीक अपना रहे हैं. इनकी बहादुरी को सलाम #Ukraine #RussiaUkraineWar."
सैकड़ों बार रीट्वीट किये गए इस ट्वीट में चार अलग-अलग तस्वीरों में लोग हवा में कुछ फेंकते नज़र आते हैं.
यही तस्वीरें फ़ेसबुक पर यहां और यहां; और कुछ हिंदी वेब पोर्टल पर यहां, यहां और यहां शेयर करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध से जोड़ा गया.
रूस ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर हमला शुरू किया था जिसमें अबतक सैकड़ों नागरिकों की मौत हो चुकी है और 15 लाख से ज़्यादा लोगों को विस्थापित होने पर मजबूर होना पड़ा है.
हालांकि कई नागरिकों ने पेट्रोल बम का सहारा लेकर रूस की सेना से लड़ने का रास्ता अपनाया लेकिन ये वायरल तस्वीर 2014 में हुए विरोध प्रदर्शन की हैं.
कीव की सड़कों पर टकराव
हेलमेट पहने हुए और गुलेल चलाते हुए आदमी की पहली तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर ये हमें फ़ोटो स्टॉक वेबसाइट फ़्लिकर पर मिली जिसे मॉस्को के फ़ोटोग्राफर और पत्रकार इल्या वार्लामोव ने खींची थी.
डिस्क्रिप्शन में लिखा है, "कीव स्ट्रीट बैटल्स", यानी --कीव की सड़कों पर युद्ध. इसे 23 जनवरी, 2014 को लिया गया था.
यही तस्वीर द कन्वर्सेशन के 29 जनवरी, 2014 के एक आर्टिकल में छपी है जो कीव में प्रदर्शनों के बारे में है.
इसके मुताबिक, 2013 से 2014 के बीच कीव के इंडिपेंडेंस स्क्वायर में हज़ारों लोगों ने राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था. इसकी वजह क्रेमलिन से करीबी रिश्ते वाले राष्ट्रपति द्वारा यूरोपियन यूनियन के साथ एक समझौते को ठुकराया जाना था..
तीन महीने चले प्रदर्शनों के बाद विक्टर यानुकोविच को गद्दी छोड़नी पड़ी, लेकिन इस बीच कई नागरिकों की जान भी चली गयी.
हिंसक टकराव
पेट्रोल बम फेंकते हुई दिखाती दूसरी तस्वीर का रिवर्स सर्च करने पर ये हमें मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म गेटी इमेजेज़ पर मिली.
इसके डिस्क्रिप्शन के मुताबिक इसे 25 जनवरी, 2014 को कीव में सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान लिया था जब डयनमो स्टेडियम के पास रूशेव्सकोहो स्ट्रीट के पास पुलिस और नागरिकों के बीच झड़प हो रही थी.
इसके कैप्शन में लिखा हुआ है, "दो महीने सरकार के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद इस क्रांति को रोकने के लिए लाये गए कानून ने पिछले कुछ दिनों में हिंसक टकराव की स्थिति पैदा कर दी है."
जलता हुआ ढेर
जलते हुए ढेर के सामने खड़े एक व्यक्ति की तस्वीर भी यूक्रेन में सरकार वरोधी प्रदर्शनों की ही है.
इसका रिवर्स सर्च करने पर ये हमें यूरोपियन प्रेस फ़ोटो एजेंसी (EPA) की वेबसाइट पर मिली. यहां इसके साथ कैप्शन लिखा है, “यूक्रेन के कीव में 22 जनवरी, 2014 को सरकार विरोधी प्रदर्शन में रायट पुलिस से चल रहे टकराव के दौरान एक प्रदर्शनकारी इशारा करते हुए.”
पेट्रोल बम
जलते हुए ढेर की तरफ़ पेट्रोल बम फेंकते लोगों की तस्वीर गेटी पर मिली जिसे 2014 में अपलोड किया गया था.
इसके कैप्शन में लिखा हुआ है, "सेंट्रल कीव में 25 जनवरी, 2014 को यूक्रेन के सरकार विरोधी प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी रायट पुलिस के साथ झड़प के दौरान पेट्रोल बम फेंकते हुए."
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के बाद दर्जनों भ्रामक दावे शेयर हुए हैं जिनका AFP ने यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.