इज़रायल के इस प्रेमी जोड़े की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ शेयर की जा रही है

सोशल मीडिया पर एक फ़ोटो के साथ ये दावा किया जा रहा है कि इसमें दिख रहे इज़रायली जोड़े की मौत हो चुकी है. मालूम हो कि 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के लड़ाकों ने इज़रायल पर हमला कर दिया था. इसके बाद से दोनों पक्षों में लगातार जंग जारी है जिसमें हज़ारों लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि तस्वीर में दिख रही महिला ने एएफ़पी को बताया कि उन दोनों की जान बच गयी और वो अपने घर पर सुरक्षित हैं.

एक X यूज़र ने 10 अक्टूबर को ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, "यह तस्वीर इज़रायल में उस रात चल रहे संगीत समारोह में भाग लेने वाले एक प्रेमी युगल अमित और नीर द्वारा ली गई थी, जब वे हमास के आतंकवादियों से बचने के लिए झाड़ियों में छिपे हुए थे." मालूम हो कि X पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था.

कैप्शन में आगे लिखा गया है, "उस पार्टी में सैकड़ों युवा इजरायलियों की हत्या कर दी गई थी... अमित और नीर ने जब जान लिया था कि जिंदा बचना नामुमकिन है तब उन्होंने मरने से पूर्व अपने प्रेम की स्मृति को मोबाइल में कैद कर दुनिया को हमास की क्रूरता और अपने प्रेम की आखिरी छवि दिखाने के लिए खींच ली थी... ईश्वर दोनो को मोक्ष प्रदान करें."

एएफ़पी की रिपोर्ट के मुताबिक 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने ज़मीन, हवा और समुद्र के रास्ते इज़रायल की सीमा में घुसकर हमला कर दिया और सैकड़ों इज़राइलियों और विदेशियों को मार दिया. उन्होंने गाज़ा के समीप किबुत्ज रीम में चल रहे म्यूज़िक इवेंट में सैकड़ों लोगों को गोली मार दी.

जवाब में इज़रायल ने हमास के खिलाफ़ युद्ध की घोषणा करते हुए बड़े स्तर पर हवाई हमला किया और हज़ारों रॉकेट गिराए. गाज़ा में हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा आकड़ों के मुताबिक इज़रायली हमले में अबतक 7,000 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

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भ्रामक पोस्ट का 12 अक्टूबर, 2023 को लिया गया स्क्रीनशॉट.

ये तस्वीर फ़ेसबुक पर यहां और यहां इसी दावे के साथ शेयर की गयी.

पोस्ट के कमेंट सेक्शन में यूज़र्स दावे को सच मानते हुए दिखे. एक यूज़र ने लिखा, "भगवान उनकी आत्मा को शांति दें."

एक अन्य ने कहा, “इतिहास में तुम अमर हो गये.”

हालांकि तस्वीर में दिख रही महिला ने एएफ़पी से बताया कि वो ज़िंदा है और सुरक्षित जगह पर है.

'परिवार के साथ सुरक्षित'

तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर हूबहू यही तस्वीर अमित बार नाम के इंस्टाग्राम यूज़र की प्रोफ़ाइल पर मिली. इसे 9 अक्टूबर, यानी हमले से दो दिन बाद पोस्ट किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

उसने हिब्रू में कैप्शन लिखा, “बयां कर पाना मुश्किल है कि हम ज़ीव के बिना किस हाल से गुज़रे हैं. कुछ भी ख़त्म नहीं हुआ है. लेकिन हम ख़ुशक़िस्मत हैं कि यहां हैं.”

अमित ने आगे लिखा, “तुमने अचानक सेल्फ़ी लेने की बात की और मुझे गुस्सा आ गया. मुझे उस समय समझ नहीं आया. लेकिन फिर मैंने कहा कि अगर हम मर गए तो हमारे परिवार के पास हमारी आख़िरी निशानी रहेगी.”

“तुमने मुझे अपने शरीर से घेरकर बचाये रखा. मैं उन सभी अन्य जोड़ों के बारे में सोचती हूं जिनका अंत हमसे अलग हुआ… वो मंज़र अभी भी समझ से बाहर है और यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि हम किस परिस्थिति से गुज़रे हैं, हम बस यही प्रार्थना कर रहे हैं कि ज़ीव हमारे पास घर लौट आये.”

अमित ने अपने पार्टनर नीर डे जोर्नो को भी अपने पोस्ट में टैग किया. नीर ने कमेंट करते हुए कहा, “मेरी पत्नी, मैं कल्पना भी नहीं कर सकता अगर तुम्हारे साथ कुछ हो जाता तो मेरा क्या होता. अब बस ज़ीव की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना करने के अलावा कुछ नहीं बचा है.”

नीचे भ्रामक पोस्ट वाली तस्वीर (बाएं) और अमित की इंस्टाग्राम तस्वीर (दाएं) की तुलना देख सकते हैं.

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भ्रामक पोस्ट वाली तस्वीर (बाएं) और अमित की इंस्टाग्राम तस्वीर (दाएं) की तुलना

अपनी फ़ोटो इंस्टाग्राम पर डालने के बाद अमित ने कई संस्थानों को इंटरव्यू भी दिया, जैसे यहां और यहां (आर्काइव्ड लिंक्स यहां और यहां).

अमेरिकी चैनल एबीसी न्यूज़ को उन्होंने बताया कि ये फ़ोटो तब खींची थी जब वो हमले के दौरान घंटों झाड़ियों में छिपे थे.

रिपोर्ट में लिखा है, “बार को लगा कि ये उनकी आखिरी तस्वीर हो सकती है, उनका कहना था कि 'अगर उनकी मौत हो जाती तो परिवारजनों के पास ये एक आखिरी निशानी होती'.”

अमित ने एएफ़पी को बताया कि वो और उनके पति दोनों सुरक्षित हैं. उन्होंने 12 अक्टूबर को हमें रिप्लाई देते हुए कहा, “हम दोनों ज़िंदा हैं और अपने परिवार के साथ हैं.”

उन्होंने अपने दोस्त ज़ीव हाग्बी का भी ज़िक्र किया जो हमले के बाद से लापता हैं. ये बात उन्होंने अपने पोस्ट में भी बताई थी.

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