सीरिया में घायल लड़की को बचाने की पुरानी तस्वीरें गलत दावे से इज़रायल-हमास संघर्ष से जोड़कर वायरल
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- प्रकाशित 16 नवंबर 2023, 07h30
- 5 मिनट
- द्वारा Nahiara S. ALONSO, AFP अमेरीका, एफप भारत
- अनुवाद और अनुकूलन Devesh MISHRA
तस्वीर को X पर यहां 28 अक्टूबर को शेयर किया गया है.
पोस्ट का कैप्शन है, “एक ही लड़की को तीन अलग-अलग लोगों द्वारा तीन बार बचाया जा रहा है. इसे सर्वश्रेष्ठ बाल अभिनेता का ऑस्कर जाता है.”
पोस्ट में तीन तस्वीरों का एक कोलाज है जिसमें धूल से लथपथ एक घायल बच्ची को एक खंडहरनुमा इमारत से निकाला जा रहा है. तस्वीर में बच्ची तीन अलग-अलग व्यक्तियों के साथ दिखाई देती है.
उसी कोलाज को शेयर करते हुए एक अन्य पोस्ट में कहा गया है कि यह "हमास की एक्टिंग" दिखाता है.
इज़रायली अधिकारियों के अनुसार 7 अक्टूबर को हमास के भीषण हमले, जिसमें बंदूकधारियों ने 1,400 से अधिक लोगों को मार डाला था, के जवाब में इज़रायल ने गाज़ा पर लगातार हवाई बमबारी शुरू कर दी थी.
मृतकों में अधिकतर आम नागरिक थे जबकि हमास द्वारा 240 लोगों को बंधक बनाकर गाज़ा पट्टी भी ले जाया गया था.
तब से इज़रायल ने गाज़ा पर लगातार बमबारी की है और हमले में थल सेना भी भेजी है. गाज़ा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 10,000 से अधिक लोग मारे गए हैं - जिनमें से 4,000 बच्चे हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 6 नवंबर को तत्काल युद्धविराम का आग्रह करते हुए चेतावनी दी थी कि गाज़ा पट्टी "बच्चों के लिए कब्रगाह" बनती जा रही है.
तस्वीर को इसी दावे के साथ स्पेनिश, चीनी और हिंदी भाषा की सोशल मीडिया पोस्ट्स में शेयर किया गया है.
हालांकि इस तस्वीर में सीरिया में 2016 में एक हवाई हमले के बाद एक लड़की को बचाते हुए दिखाया गया है.
इन तस्वीरों को नाटकीय बताने वाले दावों का एएफ़पी ने लगातार फ़ैक्ट-चेक किया है.
सीरिया की तस्वीर
सभी तस्वीरें एक ही दिन -- 27 अगस्त, 2016 -- को अलेप्पो के माडी ज़िले में ली गई थीं. इन तीनों तस्वीरों को अमीर अल-हलबी ने क्लिक किया था, जो तब सीरिया में एएफ़पी के फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र थे (आर्काइव्ड लिंक).
तस्वीरों में सरकारी बलों द्वारा कथित हवाई हमले के बाद की दशा दिखाई गई है जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए थे. फ़ोटोग्राफ़र ने कुल 16 तस्वीरें ली थीं जैसा कि नीचे एएफ़पी फ़ोरम वेबसाइट में दिखाया गया है.
इनमें से चार तस्वीरों में उसी लड़की को बचाव अभियान के दौरान तीन अलग-अलग लोगों द्वारा पकड़े हुए पहचाना जा सकता है: सीरियाई व्हाइट हेलमेट मानवतावादी संगठन का एक बचाव कार्यकर्ता, चेक शर्ट में एक आदमी और पीले कपड़े में एक बचाव कार्यकर्ता.
अक्टूबर 2022 की एएफ़पी वीडियो रिपोर्ट में भी इन तस्वीरों के बारे में गलत दावों को खारिज करते हुए अल-हलबी बताते हैं: "ऐसे कई लोग हैं जो पीड़ितों को बाहर निकालने में व्हाइट हेलमेट्स की मदद करते हैं और कभी-कभी यह जटिल होता है. जो कार उन्हें हॉस्पिटल ले जाने आई है, इन घायलों को, वो उनके पास तक नहीं जा सकती.
"तो ऐसे लोग भी हैं जो बच्चे को अन्य व्यक्ति के हाथों में थमा देंगे और वो उसे अगले व्यक्ति के हाथों में थमा देगा. वास्तव में यह सबसे तेज़ तरीका है घटनास्थल से पीड़ितों को अस्पताल तक पहुंचाने का."
गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई तीनों तस्वीरों की एएफ़पी फ़ोरम में मौजूद मूल प्रति नीचे दी गई है. उन सभी के कैप्शन के अनुसार उन्हें पूर्वी अलेप्पो के माडी ज़िले में 27 अगस्त, 2016 को कथित तौर पर सरकार के विमान द्वारा विस्फ़ोटक भरे बैरल बम गिराए जाने के बाद लिया गया था.
घटनास्थल पर ही मौजूद रॉयटर्स समाचार एजेंसी के एक फ़ोटोग्राफ़र ने भी उसी घायल लड़की की तस्वीरें यहां, यहां ली थीं.