मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देते अखिलेश यादव की तस्वीर चुनाव से पहले गलत दावे से शेयर की गई

लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद शुरू हुए प्रचार अभियान के साथ ही सोशल मीडिया पर भी चुनावों से जुड़ी गलत जानकारी की बाढ़ आ गई है. उत्तर प्रदेश के माफ़िया राजनेता मुख़्तार अंसारी की मृत्यु के बाद से ही सोशल मीडिया पोस्ट्स में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की हाथ जोड़कर श्रद्धांजलि देते एक तस्वीर सैकड़ों बार इस गलत दावे से शेयर की गई है कि वह दम्पती को मुख़्तार अंसारी की कब्र पर फ़ातिहा पढ़ते दिखाती है. हालांकि तस्वीर वास्तव में अखिलेश और डिंपल यादव को 2022 में मैनपुरी उपचुनाव के नामांकन से पहले मुलायम सिंह यादव के समाधि स्थल पर आशीर्वाद लेते दिखाती है.

तस्वीर को फ़ेसबुक पर यहां 8 अप्रैल को शेयर किया गया है.

पोस्ट का कैप्शन है, "राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वाले अखिलेश यादव माफिया डान मुख्तार अंसारी के कब्र पर फातिहा पढ़ने पत्नी सहित पंहुच गये. कुछ फर्क समझ में आ रहा है. बॉयकॉट इंडी गठबंधन."

पूर्वी उत्तर प्रदेश के माफ़िया राजनेता मुख़्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा जेल में कथित तौैर पर कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौत हौ गई. अंसारी के परिवार का आरोप है कि राजनीतिक द्वेष की वजह से ज़हर देकर उनकी हत्या की गई है.

1996 में अपना पहला चुनाव जीतने वाले अंसारी 5 बार लगातार मऊ विधानसभा सीट से सदस्य निर्वाचित हुए और 2022 में उनके बेटे ने उस सीट पर जीत हासिल की. अंसारी पर हत्या, अवैध हथियार रखने सहित कुल 63 केस दर्ज थे जिनमें से कुछ मामलों में अदालत ने उन्हें उम्रकैद तक की सज़ा दी थी.

तस्वीर में सपा नेता अखिलेश यादव और उनकी पत्नी और पार्टी से सांसद डिंपल यादव एक समाधिनुमा जगह पर श्रद्धांजलि अर्पित करते दिख रहे हैं.

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 8 अप्रैल 2024

तस्वीर को इसी दावे से सोशल मीडिया पोस्ट्स पर यहां और यहां शेयर गया किया है. 

मुलायम सिंह यादव की समाधि

तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर मुख़्तार अंसारी की मौत से लगभग डेढ़ साल पहले अखिलेश यादव के X अकाउंट पर 14 नवंबर, 2022 को पोस्ट की गई वही तस्वीर मिली (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट का कैप्शन है, ''मैनपुरी उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी के रूप में दरअसल नेताजी की समाजवादी आस्थाओं का ही नामांकन हो रहा है. जिस प्रकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के लोगों और जनमानस ने सैफई आकर नेताजी को श्रद्धांजलि दी है, उसका सच्चा परिणाम ये होगा कि सपा प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत होगी.''

"नेता जी" अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का लोकप्रिय उपनाम था जिनकी अक्टूबर 2022 में 82 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर (बाएं) और अखिलेश यादव द्वारा X पर पोस्ट की गई तस्वीर (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना दी गई है.

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गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर (बाएं) और अखिलेश यादव द्वारा X पर पोस्ट की गई तस्वीर (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

अखिलेश यादव की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीरों में से एक में दिवंगत राजनेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की एक फ़्रेम की हुई तस्वीर भी दिखाई दे रही है.

मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद उनकी बहू डिंपल यादव ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी शहर से उनकी सीट पर सफ़लतापूर्वक उपचुनाव लड़ा था (आर्काइव्ड लिंक).

डिंपल यादव ने भी वही तस्वीर 14 नवंबर, 2022 को पोस्ट की थी जिसके अनुसार वह और उनके पति उपचुनाव से पहले मुलायम सिंह की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने गए थे (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट का कैप्शन है, "नेताजी को सादर नमन के साथ, हम आज का नामांकन उनके सिद्धांतों और मूल्यों को समर्पित कर रहे हैं. नेताजी का आशीर्वाद हम सबके साथ हमेशा रहा है, हमेशा रहेगा."

खबरों के अनुसार सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 7 अप्रैल को मुख़्तार अंसारी के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात कर शोक व्यक्त किया और अंसारी की संदेहास्पद मौत पर आश्चर्य जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा इसकी न्यायिक जांच की मांग भी की (आर्काइव्ड लिंक). 

यूपी तक की खबर के अनुसार अखिलेश यादव अंसारी के परिजनों से भले मिले थे पर वो अंसारी की कब्र पर शोक प्रकट करने नहीं गये (आर्काइव्ड लिंक).

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