2019 में अमित शाह की रैली का वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया

मार्च 2024 में उत्तर प्रदेश के माफ़िया राजनेता मुख्तार अंसारी की मुत्यु के बाद गृहमंत्री अमित शाह के एक पुराने भाषण का क्लिप इस गलत दावे से सोशल मीडिया पोस्ट्स पर सैकड़ों बार शेयर किया गया कि वीडियो से प्रतीत होता है जैसे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अंसारी की हत्या का आदेश दिया था. वास्तव में 2019 के इस भाषण में गृहमंत्री अमित शाह एक रैली के दौरान अंसारी सहित उत्तर प्रदेश के अन्य कथित माफ़िया नेताओं को जेल भेजने और कानून व्यवस्था बनाये रखने के बारे में बोलते हुए दिखाई देते हैं.

वीडियो को X पर यहां 30 मार्च 2024 को शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "अमित शाह कह रहे हैं कि मुख्तार अंसारी से मुक्ति भारतीय जनता पार्टी ने दिलाई मतलब समझ रहें हैं कि मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई हैं ज़हर देकर हत्या की गई हैं."

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अधिकारियों ने अंसारी की मौत की जांच तब शुरू की जब उनके परिवार ने आरोप लगाया कि हिरासत में रहने के दौरान उन्हें कथित तौर पर ज़हर दिया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

क्लिप में अमित शाह को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश को अंसारी सहित कई कथित विपक्षी मुस्लिम माफ़िया नेताओं से "मुक्ति" दिलाई है. उन्होंने आंशिक तौर पर कहा, ''भारतीय जनता पार्टी ने मुख़्तार अंसारी से भी मुक्ति दिला दी है.''

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गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 10 अप्रैल 2024

क्लिप को इसी दावे से फ़ेसबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है. 

जबकि दावा गलत है, वाडियो अंसारी की मृत्यु से लगभग 4 साल पहले का है. 

2019 का वीडियो

क्लिप के 2-सेकंड के मार्क पर ऊपरी बाएं कोने में तारीख़ "10-04-2019" लिखी देखी जा सकती है. नीचे फ़्रेम का एक स्क्रीनशॉट दिया गया है, जिसमें एएफ़पी द्वारा तारीख़ हाइलाइट की गई है.

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गलत दावे की पोस्ट का स्क्रीनग्रैब

आगे गूगल कीवर्ड सर्च करने पर हमें 10 अप्रैल, 2019 को भाजपा के वेरिफ़ाइड यूट्यूब चैनल पर अपलोड की गई क्लिप का एक लंबा संस्करण मिला (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो की हेडलाइन है: "श्री अमित शाह ने कासगंज, उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक सभा को संबोधित किया: 10.04.2019."

गलत दावे की पोस्ट में शेयर की गई क्लिप ओरिजरल वीडियो के 19:27 से 20:27 के टाइमस्टैंप से मेल खाती है.

वीडियो में गृहमंत्री शाह को उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए प्रचार करते देखा जा सकता है, जो उस समय समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विपक्षी गठबंधन के खिलाफ़ लोकसभा चुनाव लड़ रही थी.

उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की उपलब्धियों में से एक उसे "निज़ाम" से "मुक्ति" दिलाना है -- जिसका तात्पर्य सपा-बसपा गठबंधन के नेताओं नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी, इमरान मसूद, आज़म खान, अतीक़ अहमद और मुख़्तार अंसारी के नामों से था.

उन्होंने कहा, "अगर इस सपा-बसपा का गठबंधन आया तो यूपी में फिर से निज़ाम का शासन आ जाएगा."

नीचे गलत दावे की पोस्ट की क्लिप (बाएं) और भाजपा के यूट्यूब पर अपलोड किए गए लंबे वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की एक तुलना दी गई है.

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टाइम्स ऑफ़ इंडिया और न्यू इंडियन एक्सप्रेस सहित कई मीडिया आउटलेट्स ने अमित शाह के चुनावी अभियान के इस स्पीच की कवरेज की थी (आर्काइव्ड लिंक यहां, यहां).

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