क्या चुनाव आयोग ने ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव करवाने का फैसला लिया है?

जैसे-जैसे भारत में लोकसभा चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे ही इससे जुड़ी ग़लत सूचनाएं बढ़ती जा रही हैं. एक न्यूज़पेपर कटिंग को शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर गलत दावा किया कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग ने नए निर्देश जारी किये हैं जिसके मुताबिक देश भर में लोकसभा चुनाव अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से नहीं बल्कि बैलट पेपर से होंगे. हालांकि, चुनाव आयोग ने एएफ़पी को पुष्टि करते हुए कहा कि यह खबर फ़र्ज़ी है, चुनाव आयोग ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है.

फ़ेसबुक पर यहां एक यूज़र ने 25 मार्च, 2024 को न्यूज़पेपर कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, "लोकसभा चुनाव के लिए भारत सरकार निर्वाचन आयोग द्वारा की नई गाइडलाइन जारी. आयोग के नए निर्देश: ईवीएम नहीं बैलेट पेपर से होंगा मतदान."

भारत में पहली बार लोकसभा के चुनाव में देशव्यापी स्तर पर ईवीएम का इस्तेमाल 2004 में किया गया. हाल ही में कई विपक्षी नेताओं ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त किया. कुछ लोग ईवीएम से चुनाव बंद कराये जाने की अर्ज़ी लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गए लेकिन कोर्ट ने उसे ख़ारिज कर दिया (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

पोस्ट में 'इवनिंग टाइम्स' अख़बार के एक लेख का स्क्रीनशॉट है, जिसका शीर्षक 25 मार्च को शेयर किये गए फ़ेसबुक पोस्ट के समान है: "आयोग के नए निर्देश: मतदान मतपत्र के माध्यम से किया जाएगा न कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से (आर्काइव्ड लिंक)."

Image
गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का 30 मार्च 2024 को लिया गया स्क्रीनशॉट

ईवीएम बैन के दावे से इस कटिंग को फ़ेसबुक पर यहां, यहां और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यहां शेयर किया गया है.

हालांकि चुनाव आयोग ने EVM हटाने को लेकर किसी प्रकार के दिशा-निर्देश जारी नहीं किये हैं.

EVM हटाने का दावा फ़र्ज़ी है

ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराये जाने को लेकर जब हमने सर्च किया तो कोई विश्वसनीय न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली जो इस दावे की पुष्टि करती हो.

आगे इलेक्शन कमिशन ऑफ़ इंडिया का ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने इस कटिंग को फ़र्ज़ी बताया और कहा कि आयोग द्वारा ऐसे किसी प्रकार का निर्देश जारी नहीं किये गए (आर्काइव्ड लिंक). 

Image
इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया द्वारा किये गए ट्वीट का 2 अप्रैल 2024 को लिया गया स्क्रीनशॉट

एएफ़पी ने चुनाव आयोग से संपर्क किया तो उन्होंने इस खबर को आधारहीन बताया और कहा कि "यह खबर छत्तीसगढ़ के एक लोकल न्यूज़पेपर ने प्रकशित की थी जिसने बाद में माफ़ी मांग ली. चुनाव आयोग ने इस प्रकार का कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है."

एएफ़पी ने खबर छापने वाले अख़बार 'इवनिंग टाइम्स' के संपादक से संपर्क किया. संपादक नथमल शर्मा ने बताया कि "यह होली के अवसर पर छापी गयी एक व्यंग्य खबर थी. इसका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं था. हमारे क्षेत्र में होली के मौके पर व्यंग्यात्मक ख़बरें प्रकाशित करने का पुराना चलन है."

उन्होंने आगे कहा- "पाठकों ने इसे वास्तविक समझ लिया. हालांकि हमने अपने अगले अंक में इसपर स्पष्टीकरण भी प्रकाशित किया."

यह स्पष्टीकरण उन्होंने एएफ़पी के साथ भी साझा किया.

Image
इवनिंग टाइम्स द्वारा प्रकाशित स्पष्टीकरण का स्क्रीनशॉट जिसे एएफ़पी के साथ साझा किया गया
Image

क्या कोई कंटेंट/न्यूज़/वीडियो या तस्वीर है जो आप चाहते हैं की AFP फ़ैक्ट चेक करे?

हमसे संपर्क करें