बेरोज़गारों को भत्ता देने के राहुल गांधी के भाषण की क्लिप गलत संदर्भ में शेयर की गई

सोशल मीडिया पोस्ट्स में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक भाषण की क्लिप को गलत संदर्भ के साथ शेयर किया जा रहा है. सैकड़ों बार शेयर की गई क्लिप में राहुल गांधी कथित तौर पर बेरोज़गार युवाओं को सोशल मीडिया स्क्रॉल करने के लिये वेतन देने का वादा करते सुनाई दे रहे हैं. जबकि यह क्लिप गांधी के एक भाषण से एडिट कर शेयर की गई है जिसमें वे बेरोज़गार युवाओं के लिए कांग्रेस के मैनीफ़ेस्टो में प्रस्तावित अप्रेंटिसशिप योजना की बात कर रहे थे.

फ़ेसबुक पर 22 अप्रैल 2024 को शेयर की गई पोस्ट का कैप्शन है, "जो युवा सड़कों पर घूम रहे हैं, इंस्टाग्राम फेसबुक देख रहे हैं, उनके बैंक अकाउंट में साल का एक लाख, महीने का 8,500 ठका ठक. अब 10–20 बच्चे पैदा करो, इंस्टा, फेसबुक चलाओ, सबके अकाउंट मे एक लाख साल का ठका ठक."

पोस्ट के साथ शेयर की गई वीडियो क्लिप में राहुल गांधी यह कहते नज़र आते हैं कि जो बेरोज़गार युवा सड़कों पर घूम रहे हैं, इंस्टाग्राम, फ़ेसबुक चलाते हैं, कांग्रेस सरकार उनके खाते में सालाना एक लाख रुपए जमा करवाएगी.

Image
गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 3 मई 2024

देश में 19 अप्रैल से लोकसभा चुनावों की शुरूआत हो चुकी है जिसमें सभी 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे.

राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अपने चुनाव प्रचार के अभियान में लगातार देश में बेरोज़गारी की समस्या को खत्म करने की बात कर रही है (आर्काइव्ड लिंक).

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की  हालिया रिपोर्ट के अनुसार "भारत में युवाओं के लिए बेरोज़गारी सबसे प्रमुख समस्याओं में से एक है. खासकर पढ़े लिखे युवाओं में बेरोज़गारी दर सबसे अधिक है और यह समय के साथ बढ़ती जा रही है (आर्काइव्ड लिंक)."

वीडियो को इसी भ्रामक दावे से फे़सबुक पर यहां और यहां शेयर किया गया है.

सोशल मीडिया पोस्ट पर यूज़र्स के कमेंट्स देख कर यह प्रतीत होता है कि लोगों ने इस दावे पर यकीन किया है.

एक यूज़र ने लिखा, "बस इस इंसान को वोट दे दो और प्रधान मंत्री बना दो, फिर देखो देश कैसे लुट जाएगा और भिखारियों का अड्डा बन जायेगा."

एक अन्य ने लिखा, "देश के युवाओं को सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने के लिए प्रोत्साहित करना तरक्की नहीं है. आइए हम सब मिलकर नरेंद्र मोदी का साथ दें जो समाज में सार्थक योगदान देंगे."

हालांकि राहुल गांधी के बयान को गलत संदर्भ में शेयर किया गया है. 

अप्रेंटिसशिप योजना

यू ट्यूब पर कीवर्ड सर्च के ज़रिए हमें भ्रामक दावे से शेयर किये गये वीडियो का लंबा संस्करण एक लाइव प्रसारण में मिला. इसे राहुल गांधी के वेरिफ़ाइड यूट्यूब अकाउंट से 20 अप्रैल 2024 को प्रसारित किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो के डिस्क्रिप्शन में यह बताया गया है कि राहुल गांधी ने यह भाषण चुनावी प्रचार के दौरान बिहार की एक रैली में दिया था.

नीचे भ्रामक दावे से शेयर की गई क्लिप (बाएं) और राहुल गांधी के वेरिफ़ाइड यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है.

Image
भ्रामक दावे से शेयर की गई क्लिप (बाएं) और राहुल गांधी के वेरिफ़ाइड यू ट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

हालांकि वीडियो में राहुल गांधी ने यह ज़रूर कहा है कि उनकी सरकार सड़क पर बेरोज़गार घूम रहे और इंस्टाग्राम, फ़ेसबुक चलाकर समय नष्ट कर रहे युवाओं को पैसे देगी, लेकिन यह बातें उन्होंने बेरोज़गार युवाओं के लिए कांग्रेस पार्टी के प्रस्तावित अप्रेंटिसशिप योजना के संबंध में कही थी.

वीडियो के 9:33 मार्क के बाद राहुल यह कहते सुनाई देते हैं, "नरेंद्र मोदी ने देश को बेरोज़गारी का सेंटर बना दिया है. जहां भी देखिए, किसी भी युवा से पूछिए, वह कहते हैं कि वे कुछ नहीं कर रहे हैं. यह बेरोज़गार युवा इंस्टाग्राम और फे़सबुक पर अपने 7-8 घंटे बर्बाद कर देते हैं. क्योंकि मोदी ने बेरोज़गारी को चरम सीमा तक पहुंचा दिया है (आर्काइव्ड लिंक).

उन्होंने आगे कहा, "अगर हमारी सरकार बनती है तो हम देश के सभी ग्रेजुएट्स और डिप्लोमा धारकों को ‘अप्रेंटिसशिप का अधिकार’ देंगे, जिसके तहत हमारी आने वाली सरकार सभी युवाओं को पहली नौकरी की गारंटी देगी."

राहुल ने आगे समझाया कि इस योजना के तहत सरकार युवाओं को अलग-अलग नौकरियों के लिए निजी और सरकारी क्षेत्रों में प्रशिक्षण देगी. यहां उन्हें सालाना एक लाख रुपए की सैलरी भी मिलेगी. अगर उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान अच्छा काम किया तो उन्हें स्थाई नौकरी भी मिल सकती है.

भ्रामक वीडियो को भाषण के वीडियो के 12:33 मार्क से शेयर किया गया (आर्काइव्ड लिंक).

इसमें वह कहते हैं, “इस तरह युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा और भारत को युवा और प्रशिक्षित युवाओं का श्रम बल मिलेगा. जो आज सड़कों पर घूम रहे हैं, फ़ेसबुक इंस्टाग्राम चला रहे हैं, उनके बैंक खाते में हमारी सरकार हर साल एक लाख रुपए जमा करेगी.”

एएफ़पी ने चुनाव से जुड़ी फ़र्जी सूचनाओं को यहां और यहां फ़ैक्ट-चेक किया है. 

Image

क्या कोई कंटेंट/न्यूज़/वीडियो या तस्वीर है जो आप चाहते हैं की AFP फ़ैक्ट चेक करे?

हमसे संपर्क करें