जापानी गैंगस्टर्स से जुड़ी नकली उंगलियों की तस्वीरों को पश्चिम बंगाल में फ़र्ज़ी वोटिंग के दावे से शेयर किया गया

लोकसभा चुनाव के अलग-अलग चरणों में मतदान की प्रक्रिया जारी है और सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी फ़र्ज़ी सूचनाओं का सिलसिला थम नहीं रहा है. सोशल मीडिया पोस्ट्स में दो तस्वीरों के एक कोलॉज को इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशी मुसलमानों द्वारा नकली उंगलियों की मदद से स्याही का निशान छिपाकर फ़र्ज़ी वोट डाले जा रहे हैं. हालांकि चुनाव आयोग ने एएफ़पी से पुष्टि की है कि नकली उंगलियों के इस्तेमाल या फ़र्ज़ी मतदान का कोई भी मामला अभी तक दर्ज नहीं किया गया है. नकली उंगलियों की ये तस्वीरें जापान की हैं जो पूर्व गैंगस्टर्स के लिए इस्तेमाल होती थीं. 

वीडियो को फ़ेसबुक पर 30 अप्रैल, 2024 को यहां शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "पश्चिम बंगाल में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या के नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने के बाद भी फर्जी वोटिंग का जुगाड़ तो देखिये। ये मियां लोग जो ना करे कम ही है. इनका दिमाग हमेशा इसी तरह से गलत कामों में ही चलता है."

Image
गलत दावे से शेयर की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 30 अप्रैल, 2024

वीडियो को समान दावे के साथ फे़सबुक पर यहां, यहां और X पर यहां शेयर किया गया है. 

हालांकि इससे पहले भी 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इस तरह की खबरें फैलाई गई थीं कि फ़र्ज़ी मतदान के लिए नकली उंगलियों का इस्तेमाल किया गया था.

भारतीय चुनाव आयोग के प्रवक्ता अनुज चांडक ने कहा कि यह पूर्णतया एक अफ़वाह है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है.

उन्होंने 3 मई को एएफ़पी को बताया, "यह दावा गलत है और ऐसी कोई भी घटना अभी तक हमारी जानकारी में नहीं आई है. चुनाव आयोग पूरी सुरक्षा के साथ मतदान कराने में जुटा हुआ है."

चुनाव आयोग ने इस दावे का खंडन करते हुए X पर एक पोस्ट के ज़रिए बयान भी जारी किया (आर्काइव्ड लिंक).

जापानी गैंगस्टर्स के लिये नकली उंगलियां

तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि इनमें से एक तस्वीर जापानी-अमेरिकी पत्रकार अकीको फुजिता की वेबसाइट पर 16 दिसंबर 2013 को प्रकाशित की गई थी (आर्काइव्ड लिंक).  

रिपोर्ट की हेडलाइन है: "कृत्रिम उंगलियां पूर्व याकूज़ा सदस्यों को सुधारने में मदद करती हैं."

याकूज़ा जापान का एक गैंग्स्टर समूह है जिसमें धोखा देने या किसी लड़ाई में हार जाने के बाद हाथ की छोटी उंगली काटना प्रायश्चित करने का एक तरीका है.

नीचे भ्रामक पोस्ट की पहली तस्वीर (बाएं) और फुजिता की वेबसाइट पर प्रकाशित तस्वीर (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

Image
भ्रामक पोस्ट की पहली तस्वीर (बाएं) और फुजिता की वेबसाइट पर प्रकाशित तस्वीर (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

 फुजिता के आर्टिकल के अनुसार, ये उंगलियाँ प्रोस्थेटिक्स विशेषज्ञ शिंटारो हयाशी द्वारा बनाई गई थी.

एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार हयाशी का काम याकूज़ा के उन पूर्व सदस्यों को आकर्षित कर रहा है, जिन्होंने अपराध करते हुए अपनी उंगलियां खो दी थीं और अब आम नागरिक जीवन से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं. 

रिपोर्ट के अनुसार, उनकी सिलिकॉन उंगलियां इतनी 'असली' हैं कि वह हर उंगली को जीवंत रूप देने के लिए लोगों के हाथों और बाहों से लिए गए बालों को भी उसके साथ प्रत्यारोपित करते हैं.

पोस्ट में शेयर की गई नकली उंगलियों की दूसरी तस्वीर 6 जून, 2013 को ऑस्ट्रेलिया के एबीसी न्यूज़ द्वारा हयाशी के काम के बारे में प्रकाशित एक वीडियो रिपोर्ट से ली गई थी (आर्काइव्ड लिंक).

नीचे भ्रामक दावे की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर (बाएं) और एबीसी न्यूज़ की रिपोर्ट (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

Image
भ्रामक दावे की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर (बाएं) और एबीसी न्यूज़ की रिपोर्ट (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

एएफ़पी ने लोकसभा चुनाव से जुड़ी अन्य फ़र्ज़ी सूचनाओं को यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.

Image
इस रिपोर्ट में 'याकूज़ा' की स्पेलिंग सुधारी गयी हैइस रिपोर्ट में 'याकूज़ा' की स्पेलिंग सुधारी गयी है
13 मई 2024 इस रिपोर्ट में 'याकूज़ा' की स्पेलिंग सुधारी गयी है
13 मई 2024 इस रिपोर्ट में 'याकूज़ा' की स्पेलिंग सुधारी गयी है

क्या कोई कंटेंट/न्यूज़/वीडियो या तस्वीर है जो आप चाहते हैं की AFP फ़ैक्ट चेक करे?

हमसे संपर्क करें