वोट न डालने पर चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं के खाते से 350 रुपये काटने की खबर गलत है

लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डालने पर चुनाव आयोग द्वारा भारतीय मतदाताओं के खातों से 350 रुपये काट लेने के फ़र्ज़ी दावे से न्यूज़पेपर की एक कटिंग सैकड़ों बार शेयर की गई है. कटिंग में दिख रहे न्यूज़ आर्टिकल में लिखा है कि कोर्ट से अनुमति लेने के बाद चुनाव आयोग वोट न डालने वालों के खातों से रुपये काटेगा. हालांकि भारतीय चुनाव आयोग ने दावे को निराधार बताते हुए एएफ़पी से पुष्टि की कि उसने इस प्रकार का कोई निर्देश जारी नहीं किया है.

फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने 31 मार्च 2024 को पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “नहीं दिया वोट तो बैंक अकाउंट से कटेंगे 350 रुपये.....हर हर मोदी घर घर मोदी.”

कटिंग में दिख रहे न्यूज़ आर्टिकल में लिखा है कि भारतीय चुनाव आयोग ने वोट न डालने वालों के खातों से रुपये काटने वाले नियम पर कोर्ट से भी अनुमति ले ली है, जिससे कोई नागरिक इसके विरुद्ध कोर्ट न जा सके. 

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गलत दावे से शेयर की गयी पोस्ट का 5 अप्रैल 2024 को लिया गया स्क्रीनशॉट

कटिंग को समान दावे से अनेक यूज़र्स ने फ़ेसबुक पर यहां, यहां और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर यहां शेयर किया है.

हालांकि, यह दावा गलत है. यह ख़बर 2019 में होली के अवसर पर हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स ने व्यंग्य के रूप में प्रकाशित की थी.

व्यंग्यात्मक ख़बर 

कटिंग को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर भारतीय चुनाव आयोग का 2 अप्रैल 2024 का एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने इस दावे और न्यूज़पेपर कटिंग को फ़र्ज़ी बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने इस प्रकार का कोई निर्णय नहीं लिया है (आर्काइव्ड लिंक).

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चुनाव आयोग द्वारा पोस्ट किये गए ट्वीट का 5 अप्रैल 2024 को लिया गया स्क्रीनशॉट

आगे पड़ताल करने पर हमने पाया कि गलत दावे से शेयर की जा रही कटिंग को लेकर मार्च 23, 2019 को नवभारत टाइम्स ने भी अपनी वेबसाइट पर स्पष्टीकरण प्रकाशित किया था (आर्काइव्ड लिंक).

नवभारत टाइम्स ने लिखा, "होली के मौके पर मजाकिया खबर थी, वोट नहीं देने पर नहीं कटेंगे पैसे." 

आगे लिखा, "अगर पाठकों को मजाकिया खबर से कोई भ्रम हुआ तो एनबीटी इसके लिए खेद व्यक्त करता है" 

यह लेख मूल रूप से 21 मार्च, 2019 को भारत में उस वर्ष हुए आम चुनाव से पहले होली के अवसर पर प्रकाशित हुआ था. 

उस पूरे पेज का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

खबर के अंत में 'बुरा न मानो होली है' लिखा है. वहीं इस पेज के नीचे स्पष्ट लिखा है कि 'इस पेज पर प्रकाशित सभी खबरें और विज्ञापन काल्पनिक हैं.' 

 होली के अवसर पर अख़बार इस प्रकार के व्यंग्यात्मक खबरें प्रकाशित करते हैं. 

23 मार्च 2019 को चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित स्पष्टीकरण को ट्वीट किया जिसका कैप्शन था, 'नवभारत टाइम्स द्वारा होली प्रैंक के रूप में प्रकाशित भ्रामक आइटम के संबंध में स्पष्टीकरण प्रकाशित किया गया' (आर्काइव्ड लिंक). 

लोकसभा चुनाव से संबंधित गलत ख़बरों को एएफ़पी इससे पहले यहां फ़ैक्ट चेक कर चुका है.

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