
पाकिस्तान का वीडियो केरल स्थित मंदिर में चिकेन शॉप के उद्घाटन के दावे से शेयर किया गया
- प्रकाशित 10 जून 2024, 14h44
- 3 मिनट
- द्वारा Asma HAFIZ, एफप भारत
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वीडियो को फ़ेसबुक पर 30 अप्रैल, 2024 को शेयर किया गया है, जिसका कैप्शन है, "केरल के वायनाड में राहुल गांधी और प्रियंका वाड्राइन ने चार साल पहले हिंदुओं के बड़े मंदिर श्रीसीताराम मंदिर पर मुसलमानों का कब्जा रजिस्टर्ड करा दिया था.अब तो कांग्रेसी ब्राह्मण क्षत्रिय बहुत खुश हो चुके होंगे."
लगभग 28 सेकंड के इस क्लिप में एक पुराने मंदिर के समीप स्थित एक चिकन की दुकान दिखाई देती है.
वीडियो के ऊपर लगे स्टीकर टेक्स्ट में लिखा है, "जागो हिंदुओ जागो यह केरल के वायनाड मे सीता राम मंदिर है जिसमें चिकन शॉप है जिसका उद्घाटन राहुल गाँधी ने किया है जो राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है."
वायनाड कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की संसदीय सीट रही है (आर्काइव्ड लिंक).
स्टीकर टेक्स्ट में आगे लिखा है, "सोचो कांग्रेस पूरे देश मे आ जाए तो हमारे सभी मंदिरों का क्या हाल करेगी देखो. कांग्रेस को मुस्लिम वोट इसी लिए देता हैं."

वीडियो में एक आदमी यह बोलते हुए सुनाई देता है: "यह सीताराम मंदिर है और मंदिर के नीचे चिकन की शॉप है."
इस वीडियो को इसी तरह के दावे से सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर यहां और यहां शेयर किया गया है.
हालांकि वीडियो असल में पाकिस्तान के एक मंदिर का है जो अब बंद हो चुका है.
पाकिस्तान का एक पुराना मंदिर
यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च करने पर पता चला कि मूल वीडियो 10 अगस्त, 2023 को एक पाकिस्तानी व्लॉगर द्वारा अपलोड किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).
नीचे गलत दावे से शेयर की गई क्लिप (बाएं) और यूट्यूब पर मिली ओरिजिनल वीडियो (दाएं) की स्क्रीनशॉट की तुलना है.

उसी यूट्यूब यूज़र ने 25 अगस्त, 2023 को एक और वीडियो अपलोड किया, जिसमें एक व्यक्ति दर्शकों से कह रहा है कि वह उन्हें पाकिस्तान के अहमदपुर सियाल शहर में अब बंद हो चुके सीता राम मंदिर के दौरे पर ले जाएगा (आर्काइव्ड लिंक).
अहमदपुर सियाल में स्थित इस मंदिर को गूगल मैप्स पर यहां देखा जा सकता है (आर्काइव्ड लिंक).
गूगल मैप्स पर यूज़र्स द्वारा अपलोड की गई मंदिर की तस्वीरें सीता राम मंदिर के वीडियो में दिख रही इमारत से मेल खाती हैं (आर्काइव्ड लिंक).
नीचे गलत दावे से शेयर की गई क्लिप (बाएं) और गूगल मैप्स पर अपलोड की गयी एक तस्वीर (दाएं) की स्क्रीनशॉट की तुलना है, जिसमें एएफ़पी ने समानताएं हाइलाइट की हैं.

मानवाधिकार कार्यकर्ता कपिल देव ने भी पाकिस्तान के अहमदपुर सियाल शहर में मंदिर के होने की पुष्टि की है.
कपिल ने 9 मई, 2024 को एएफ़पी को बताया, "यह मंदिर अब उपयोग में नहीं है."
उनके अनुसार 1947 के बाद हिन्दुओं के पाकिस्तान से पलायन कर के भारत आने के बाद पंजाब में ऐसे ही कई मंदिर निष्क्रिय हो गए.
एएफ़पी ने लोकसभा चुनाव से संबंधित अन्य फ़र्ज़ी सूचनाओं का फ़ैक्ट-चेक यहां किया है.
