गाज़ा में विध्वंस का पुराना वीडियो "ईरान का इज़रायल पर हालिया हमले" के दावे से शेयर किया गया

तेहरान समर्थित उग्रवाही समूह हिज़्बुल्लाह और इज़रायल के बीच संघर्ष बढ़ने के बाद 1 अक्टूबर को ईरान ने इज़रायल पर मिसाइलों की बौछार कर दी. हालांकि, मलबे और गड्ढों से भरे एक रिहायशी इलाके की ऑनलाइन शेयर की गई फ़ुटेज इस हमले से संबंधित नहीं है. यह क्लिप वास्तव में कई महीने पहले दक्षिणी गाज़ा में राफ़ा पर इज़रायली हमलों के बाद की स्थिति को दिखाती है.

वीडियो को X पर यहां 2 अक्टूबर 2024 को शेयर किया गया है. 

पोस्ट का कैप्शन है, "ईरान ने 30 इजरायली F-35 लड़ाकू विमानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया है. इन जेट विमानों का इस्तेमाल 40,000 बच्चों के नरसंहार के लिए किया गया था."

इस पोस्ट को 720,000 से ज़्यादा बार देखा गया, जिसमें फटे हुए टेंट और मलबे से भरे इलाके में ज़मीन पर बने बड़े-बड़े गड्ढे दिखाते एक वीडियो शेयर किया गया है.

ईरान द्वारा हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या के प्रतिशोध में इज़रायल पर लगभग 200 मिसाइलें दागे जाने के बाद से फ़ेसबुक और X  पर इसी तरह की पोस्ट में यह वीडियो शेयर किया गया है. 

हालांकि इनमें से ज़्यादातर मिसाइल्स को इज़रायल और उसके सहयोगियों ने नष्ट कर दिया था.

इज़रायल का कट्टर दुश्मन माना जाने वाला ईरान गाज़ा में हमास का समर्थन करता है और 7 अक्टूबर, 2023 को इज़रायल पर फ़िलिस्तीनी उग्रवादी समूह के हमले की सराहना भी करता है.

आधिकारिक इज़रायली आंकड़ों के आधार पर एएफ़पी की टैली के अनुसार इस हमले में 1,206 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज़्यादातर आम नागरिक थे, जिसमें कैद में मारे गए बंधक भी शामिल हैं.

उस दिन अगवा किए गए 251 लोगों में से 97 अभी भी गाज़ा में बंद हैं, जिनमें से 34 के बारे में इज़रायली सेना का कहना है कि वे मर चुके हैं.

हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इज़रायल के जवाबी हमले में गाज़ा में 42,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने भी विश्वसनीय बताया है.

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गलत दावे से शेयर किये पोस्ट का स्क्रीनशॉट

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों पक्षों से पूर्ण रुप से युद्ध रोकने की अपील करने के बाद भी इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष बढ़ गया जिसके बाद से ही वीडियो को आनलाइन शेयर किया जाने लगा (आर्काइव्ड लिंक).

कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स का मानना था कि वीडियो में इज़रायल पर ईरान के मिसाइल हमले के बाद की स्थिति दिखाई गई है.

एक यूज़र ने लिखा, "यह ईरान के लिए एक बड़ी रणनीतिक सफलता है."

एक अन्य ने लिखा, "अगर ईरान पूरी तरह से हमला करता है, तो इज़रायल बच नहीं पाएगा."

हालांकि, यह क्लिप फ़रवरी 2024 में दक्षिणी गाज़ा में राफ़ा पर इज़रायल द्वारा हमला करने के तुरंत बाद फ़िल्माई गई थी.

राफ़ा में हमले का वीडियो

गलते दावे की पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो में एक वॉटरमार्क "hani.alshaer" स्पष्ट रूप से दिखता है.

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एएफ़पी द्वारा हाइलाइट किया गया वॉटरमार्क का स्क्रीनशॉट

गूगल कीवर्ड सर्च करने पर ये वीडियो गाज़ा के पत्रकार हानी अल शाईर द्वारा 12 फ़रवरी, 2024 को इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया मिला (आर्काइव्ड लिंक).

वीडियो के अरबी कैप्शन का अनुवाद है: "देखें, उस जगह से जहां "इज़राइल" ने दावा किया कि आज रात राफ़ा में अल-शबौरा कैंप में उसकी सेना ने घुसपैठ की है."

नीचे गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और अल शाईर द्वारा इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना है.

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गलत दावे की पोस्ट के वीडियो (बाएं) और अल शाईर द्वारा इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो (दाएं) के स्क्रीनशॉट की तुलना

एएफ़पी के फ़ोटोग्राफ़र सईद ख़तीब ने इसी दृश्य की एक तस्वीर क्लिक की थी.

यह तस्वीर एएफ़पी के आर्काइव में उपलब्ध है, जिसका कैप्शन है: "12 फ़रवरी, 2024 को दक्षिणी गाज़ा पट्टी के राफ़ा में इज़रायली बमबारी के कारण बने गड्ढों के आसपास लोग खड़े हैं, यह घटना इज़रायल और उग्रवादी समूह हमास के बीच चल रही लड़ाई के बीच हुई है."

नीचे गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और एएफ़पी फ़ोटोग्राफ़र (दाएं) द्वारा खींची गयी तस्वीर के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है.

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गलत दावे की पोस्ट (बाएं) और एएफ़पी फोटो (दाएं) से लिए गए स्क्रीनशॉट की तुलना

इज़रायल ने 10 फ़रवरी को घनी आबादी वाले राफ़ा पर हमला किया जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने सैनिकों को दक्षिणी सीमावर्ती शहर में "कार्रवाई के लिए तैयार रहने" का आदेश दिया था, जहां से अनुमानतः 13 लाख लोग पलायन कर गए थे. 

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