
AI द्वारा बनाई गई राम सेतु की क्लिप को वास्तविक फ़ुटेज बताकर शेयर किया गया
- प्रकाशित 22 अप्रैल 2025, 16h40
- 3 मिनट
- द्वारा Akshita KUMARI, एफप भारत
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फ़ेसबुक पर 3 अप्रैल को वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "स्कूबा ड्राइवर्स ने राम सेतु को नजदीक से एक्सप्लोर किया...! जय जय सिया राम."
क्लिप के अलग-अलग फ़्रेम्स में स्कूबा डाइवर्स को समुद्र के सतह के नीचे चट्टानों की संरचनाओं का निरिक्षण करते दिखाया गया है. पानी के अंदर मंदिर और मूर्तियां भी दिखाई दे रही हैं.
वीडियो के ऊपर लिखा है, "POV: आप रामसेतु की खोज करने वाले एक स्कूबा डाइवर है."
राम सेतु, जिसे एडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, चूना पत्थर की चट्टानों की एक श्रृंखला है जो श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित मन्नार द्वीप को भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित रामेश्वरम द्वीप से जोड़ती है (आर्काइव्ड लिंक).
राम सेतु का वर्णन हिंदू पौराणिक कथाओं में भी है -- इसका उल्लेख रामायण महाकाव्य में मिलता है जिसके अनुसार इसका निर्माण भगवान राम और उनकी सेना द्वारा किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

यह वीडियो X और इंस्टाग्राम पर ऐसे समय शेयर किया गया है जब प्रधानमंत्री मोदी अप्रैल में दो-दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे (आर्काइव्ड लिंक).
हालांकि वीडियो को बनाने वाले क्रिएटर ने एएफ़पी को बताया कि क्लिप को AI टूल की मदद से तैयार किया गया है.
वीडियो के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि इसे 27 मार्च को एक डिजिटल क्रिएटर द्वारा इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया था. पोस्ट में एक डिस्क्लेमर भी था कि इसे AI का उपयोग करके बनाया गया है (आर्काइव्ड लिंक).
कैप्शन आंशिक रूप से कहता है, "राम सेतु: लहरों के नीचे तैरती चट्टानों की खोज."
कैप्शन में आगे लिखा है, "इस रील में दिखाए गए चित्र/वीडियो पूरी तरह से AI द्वारा तैयार किए गए हैं, हमारा इरादा किसी को चोट पहुँचाना या नुकसान पहुँचाना नहीं है. यह केवल मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है."

क्रिएटर ने अपने अकाउंट से कई बार दुनिया भर के वास्तुशिल्प की समान AI-इमेजरी पोस्ट की है (आर्काइव्ड लिंक).
इंस्टाग्राम अकाउंट के मालिक भरत कुमार ने पुष्टि की कि वीडियो कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी के उपयोग से बनाया गया था.
कुमार ने 9 अप्रैल को एएफ़पी को बताया, "मैंने Google Imagen AI, Midjourney, FreePik AI और Kling जैसे AI टूल की मदद से वीडियो बनाया है."
कुमार ने कहा कि वीडियो के पीछे उनका उद्देश्य लोगों को ऐसी जगहें दिखाना था, जिन्हें एक्सप्लोर नहीं किया जा सका है.
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा 21 जून, 2024 को जारी की गई सैटेलाइट इमेजरी में राम सेतु को भारतीय मुख्य भूमि और श्रीलंका के बीच रेतीले तटों की एक श्रृंखला के रूप में दिखाया गया है (आर्काइव्ड लिंक).
ईएसए के विवरण में लिखा है, "रिकॉर्ड के अनुसार, यह प्राकृतिक पुल 15वीं शताब्दी तक पार करने योग्य था, जिसके बाद यह वर्षों में तूफ़ानों के कारण धीरे-धीरे नष्ट हो गया."
"कुछ रेत के टीले सूखे हैं और जैसा कि पानी के हल्के रंग से पता चलता है, यहां समुद्र बहुत उथला है, केवल 1-10 मीटर गहरा है."

