फ़ायर फ़ाइटिंग ड्रिल का पुराना वीडियो इज़रायल-ईरान संघर्ष से जोड़ कर वायरल

ईरान-इज़रायल में हुए हालिया संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर गलत दावा किया गया कि इसमें ईरानी हमले में तबाह होते इज़रायली पावर प्लांट को देखा जा सकता है. हालांकि असल वीडियो नवंबर 2015 में चीनी शहर चेंगदू में आयोजित एक फ़ायर फ़ाइटिंग ड्रिल का है और दक्षिण-पश्चिमी महानगर में एक प्रशिक्षण बेस की सैटेलाइट इमेजरी से मेल खाती है.

फ़ेसबुक पर जून 18, 2025 को शेयर किए गए वीडियो का कैप्शन है, "ईरान का दावा है कि उसके हाइपरसोनिक मिसाईल ने सीधे इजराइल के हाइफा शहर के पावर प्लांट को हिट किया जिससे पूरा पावर प्लांट तहस नहस हो गया."

वीडियो में एक संयंत्र में आग लगने के बाद कई विस्फोट होते दिखाई देता है.

यह पोस्ट ऐसे समय शेयर की गयी जब इज़रायल पर ईरान द्वारा हाइपरसोनिक मिसाइलें दागी गईं -- जो ध्वनि की गति से पांच गुना तेज चलती हैं और उड़ान के दौरान दिशा बदल सकती हैं -- जिससे उन्हें ट्रैक करना और रोकना मुश्किल हो जाता है (आर्काइव्ड लिंक).

हाइफ़ा में एक आयल रिफ़ाइनरी पर भी जून 15 को ईरानी मिसाइल से हमला किया गया था (आर्काइव्ड लिंक).

अंतरराष्ट्रीय चिंता के बावजूद कि संघर्ष एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है, दोनों देशों में से किसी ने भी युद्ध से पीछे हटने का फैसला नहीं किया, जो 13 जून को शुरू हुआ जब इज़रायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर अभूतपूर्व बमबारी शुरू की थी.

दोनों देशों के बीच 12 दिनों तक चले विनाशकारी संघर्ष -- जो अमेरिका द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम से समाप्त हुआ -- में ईरान में 627 से अधिक लोग और इज़रायल में 28 लोग मारे गए (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे की पोस्ट का स्क्रीनशॉट, 24 जून, 2025, जिस पर एएफ़पी द्वारा एक लाल X साइन जोड़ा गया है

इसी फ़ुटेज को समान दावों से फ़ेसबुक, थ्रेड्स और X पर भी शेयर किया गया.

लेकिन वीडियो में हाइफ़ा में पावर प्लांट पर ईरानी हमले को नहीं दिखाया गया है.

एएफ़पी ने मई 2019 में भी इसी क्लिप को एक अन्य गलत दावे से शेयर किये गए पोस्ट में फ़ैक्ट-चेक किया था.

'बचाव अभ्यास'

गलत दावे से शेयर किए गए क्लिप के कीफ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर नवंबर 17, 2015 को यूट्यूब पर प्रकाशित वीडियो का एक लंबा संस्करण मिला (आर्काइव्ड लिंक).

पोस्ट की हेडलाइन है: "चीनी रासायनिक संयंत्र में भीषण विस्फोट."

चीनी सर्च इंजन Baidu पर एक और रिवर्स इमेज सर्च करने पर 2016 में People's Daily Online द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें कहा गया था कि फ़ुटेज में वास्तव में नवंबर 2015 में चेंगदू पब्लिक सिक्योरिटी फ़ायर ब्रिगेड ट्रेनिंग बेस में आयोजित एक फ़ायर ड्रिल दिखाई गई है (आर्काइव्ड लिंक यहां और यहां).

इसमें यह भी कहा गया है कि सिचुआन फ़ायर सर्विसेज के आधिकारिक वीबो अकाउंट ने ड्रिल का विवरण शेयर किया था (आर्काइव्ड लिंक).

चीनी वीबो पोस्ट में लिखा है: "शंघाई सहयोग संगठन के आपातकालीन बचाव विभाग की आठवीं बैठक के लिए 12 नवंबर की दोपहर को चेंगदू पब्लिक सिक्योरिटी फ़ायर ब्रिगेड ट्रेनिंग बेस में एक बचाव ड्रिल प्रदर्शन आयोजित किया गया था."

वीबो पोस्ट में एक तस्वीर में दिखाई देने वाली संरचनाएं वीडियो में दिखाई देने वाली संरचनाओं से मेल खाती हैं.

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एएफ़पी द्वारा जोड़े गए लाल एक्स के साथ गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और वीबो पर शेयर की गई तस्वीर की स्क्रीनशॉट तुलना

गलत दावे से शेयर की गई क्लिप के कीफ़्रेम Google Earth पर उपलब्ध प्रशिक्षण बेस की जनवरी 2016 की सैटेलाइट इमेजरी से भी मेल खाते हैं (आर्काइव्ड लिंक).

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गलत दावे से शेयर किए गए वीडियो (बाएं) और Google Earth पर सैटेलाइट इमेजरी की स्क्रीनशॉट तुलना, एएफ़पी द्वारा हाइलाइटेड

सिचुआन फ़ायर ब्रिगेड ने उसी दिन एक अलग आर्टिकल में ड्रिल से संबंधित और तस्वीरें भी प्रकाशित की (आर्काइव्ड लिंक).

एएफ़पी ने पहले भी ईरान-इज़रायल युद्ध से संबंधित गलत सूचनाओं को यहां फ़ैक्ट-चेक किया है.

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